11 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Thackeray Vs Shinde: चुनाव आयोग ने ठाकरे और शिंदे गुट को धनुष-बाण पर दिया अल्टीमेटम; 7 अक्टूबर तक जमा करने होंगे दस्तावेज

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच असली शिवसेना को लेकर जंग जारी हैं। चुनाव आयोग अब तय करेगा कि शिवसेना के धनुष-बाण चिन्ह का असली मालिक कौन है। इसके लिए ठाकरे और शिंदे समूह को सात अक्टूबर तक चुनाव आयोग को दस्तावेज जमा करने होंगे।

2 min read
Google source verification
thackeray_vs_shinde.jpg

Eknath Shinde and Uddhav Thackeray

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के बीच असली शिवसेना को लेकर जंग जारी हैं। अब चुनाव आयोग ये तय करेगा कि शिवसेना के धनुष-बाण चिन्ह का असली मालिक कौन है। इसके लिए चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों को सात अक्टूबर तक दस्तावेज जमा करने का आदेश दिया हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही आयोग ने उद्धव ठाकरे खेमे और एकनाथ शिंदे गुट को 7 अक्टूबर तक का अल्टीमेटम दिया है। अंधेरी उपचुनाव का एलान होने के साथ ही उत्सुकता भी बढ़ गई है कि क्या इस बीच धनुष-बाण पर फैसला लिया जा सकता है।

उद्धव ठाकरे खेमे की मांग पर चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को नोटिस भी जारी किया है। चुनाव आयोग ने शिंदे समूह को विस्तृत दस्तावेजों की एक सूची प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। बताया जा रहा है कि ठाकरे खेमा 7 अक्टूबर तक प्रारंभिक दस्तावेज भी जमा कर देंगे। यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव के एलान के समय चुनाव चिन्ह किसी एक खेमे को दिया जायेगा या चुनाव चिन्ह को फ्रीज कर दिया जाएगा। यह भी पढ़ें: Maharashtra News: कांग्रेस नेता नाना पटोले का बड़ा बयान, कहा- नाइजीरिया से आए चीते फैला रहे लंपी वायरस

शिवसेना के चुनाव चिन्ह के लिए ठाकरे और शिंदे गुटों के बीच चल रही लड़ाई के लिए 7 अक्टूबर दो तरह से महत्वपूर्ण है। क्योंकि चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों को दस्तावेज जमा करने के लिए कहा है, लेकिन अंधेरी पूर्व उपचुनाव के लिए भी नामांकन फॉर्म दाखिल किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद चुनाव आयोग ने दस्तावेज जमा करने की तारीख 7 अक्टूबर बताई है। अब देखना होगा कि चुनाव आयोग इन दस्तावेजों पर फैसला करेगा या शिवसेना चुनाव की घोषणा के समय की स्थिति को देखते हुए चुनाव चिन्ह को बरकरार रखेगी। ऐसे में अगले तीन दिन अहम होंगे।

अंधेरी उपचुनाव को लेकर खबरें सामने आ रही हैं कि अगर ठाकरे खेमे के पास धनुष-बाण का चिन्ह रहता है तो शिंदे गुट उसे चुनौती देगा। माना जा रहा है कि शिंदे गुट ने कानूनी विशेषज्ञों के साथ इस पर चर्चा की है। शिंदे समूह ने अपने कानूनी विभाग की बैठक की और चर्चा की कि क्या विकल्प उपलब्ध हैं या ऐसी स्थिति उत्पन्न होने पर क्या किया जा सकता है।

शिवसेना से बगावत के बाद मुंबई के अंधेरी पूर्व निर्वाचन क्षेत्र में होने वाला यह पहला उपचुनाव है। शिवसेना विधायक रमेश लटके का मई में निधन हो गया था। उनके निधन से यह सीट खाली हुई है। नियमों के मुताबिक छह महीने के अंदर यह चुनाव कराना जरूरी है। इस चुनाव में सबसे अहम मुद्दा यह है कि धनुष-बाण का चुनाव चिन्ह किसे मिलेगा। बता दें कि अगर कोई चुनाव नजदीक है, तो चुनाव आयोग विवादित चिन्ह को फ्रीज कर देता है और दोनों पक्षों को एक नया चुनाव चिन्ह देता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि 7 अक्टूबर को दस्तावेज जमा करने पर चुनाव आयोग क्या निर्णय लेता है।