
mumbai dharam news: ...तो उस राज्य में चोरी चकारी जैसे बुरे काम नहीं होते
मीरा भायंदर .श्रीमद भागवत कथा के छठवे दिवस पर कथा वाचक देवकीनंदन ने प्रभु के रसमय स्वरुप और श्रीकृष्ण की सुंदर लीलाओं का सुंदर वर्णन भक्तों को श्रवण कराया। भागवत कथा के षष्ठम दिवस की शुरुआत भागवत आरती और विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। कथा की शुरूआत करते हुए कहा कि जीवन के अच्छे दिन कब निकल जाते हैं पता नहीं चलता। वो दिन अच्छे होते हैं जो भगवान के साथ और भगवान के चरणों में व्यतीत हों। संसार में रहकर कितने ही दिन व्यतीत कर लो, बहुत मुश्किल होती है।
भागवत कथा जीवन का आनंद है और फल भी
भागवत कथा जीवन का आनंद है, जीवन का फल है। जिन्हें मानव जीवन मिल गया हो, उन्हें भगवान से और भगवान की कथा से बहुत कुछ मिलता है। भागवत कथा से जुड़े रहना चाहिए और इसी में जीवन की सफलता है। आज जिस तरह से हमारे देश में मानसिकता बिगड़ती जा रही है उस मानसिकता में ऐसे आयोजन की बहुत आवश्यकता है। ताकि हम अपनी पुरानी पुरातन पद्धति को समझे, उसे पहचाने। जिस राजा के राज्य में प्रजा धार्मिक होती है उस राज्य में चोरी चकारी जैसे बुरे काम नहीं होते। जब से हमें सेक्युलर वाला सिक्का मिल गया है और उसे जब से हमने अपनी जेब में डाला है तब से हमारे देश और समाज को कुछ होता जा रहा है। धर्म की निंदा करने में हम अपनी शान समझते हैं। वो बड़ा नेता बन जाता है जो धर्म को उल्टा बोलता है, अनुचित बोलता है। वर्तमान में देश में बहुत गलत काम हो रहे हैं। हमें धार्मिक होना ही चाहिए। धर्म के विषय में हमें समझना ही चाहिए। कथा का वृतांत सुनाते हुए देवकीनंदन ने कहा कि शुकदेव महाराज परीक्षित से कहते हैं राजन जो इस कथा को सुनता हैं उसे भगवान के रसमय स्वरूप का दर्शन होता हैं। उसके अंदर से काम हटकर श्याम के प्रति प्रेम जाग्रत होता हैं। जब भगवान प्रकट हुए तो गोपियों ने भगवान से 3 प्रकार के प्राणियों के विषय में पूछा।
1 . एक व्यक्ति वो हैं जो प्रेम करने वाले से प्रेम करता हैं।
2 . दूसरा व्यक्ति वो हैं जो सबसे प्रेम करता हैं चाहे उससे कोई करे या न करे।
3 . तीसरे प्रकार का प्राणी प्रेम करने वाले से कोई सम्बन्ध नही रखता और न करने वाले से तो कोई संबंध हैं ही नही। आप इन तीनों में कौन व्यक्ति की श्रेणियों में आते हो? भगवान ने कहा की गोपियों! जो प्रेम करने वाले के लिए प्रेम करता हैं वहां प्रेम नही हैं वहां स्वार्थ झलकता हैं। केवल व्यापर हैं वहां। आपने किसी को प्रेम किया और आपने उसे प्रेम किया। ये बस स्वार्थ हैं। दूसरे प्रकार के प्राणियों के बारे में आपने पूछा वो हैं माता-पिता, गुरुजन। संतान भले ही अपने माता-पिता के , गुरुदेव के प्रति प्रेम हो या न हो। लेकिन माता-पिता और गुरु के मन में पुत्र के प्रति हमेशा कल्याण की भावना बनी रहती हैं। लेकिन तीसरे प्रकार के व्यक्ति के बारे में आपने कहा की ये किसी से प्रेम नही करते तो इनके 4 लक्षण होते हैं- आत्माराम- जो बस अपनी आत्मा में ही रमन करता हैं। पूर्ण काम- संसार के सब भोग पड़े हैं लेकिन तृप्त हैं।
बिल्कुल भी नुकसानदायक नहीं
नागरिकता संशोधन कानून पर बोलते हुए कहा कि देशभर में लोग बुरे तरीके से कानून के खिलाफ व्यवहार कर रहे हैं। जबकि सच यह है कि ये कानून देश के नागरिकों के लिए बिल्कुल भी नुकसानदायक नहीं है। हमें उस कानून का सम्मान करना चाहिए। जितने भी अन्य धर्मों के गुरु हैं उनसे प्रार्थना है कि अपने समाज के लोगों को समझाएं कि सडक़ों पर आगजनी ना करें, सरकारी वस्तुओं को ना जलाएं। अपनी बात को पहुंचाने के लिए शांतिपूर्वक आंदोलन करें। सभी भाईचारे को बनाएं रखें। मुख्य संरक्षक गजेंद्र भंडारी ने बताया कि आज कथा पंडाल में मीरा भायंदर महापौर डिंपल मेहता , भाजपा नगर सेवक हसमुख गहलोत , नगर सेविका डॉ प्रीति पाटिल और नगरसेवक अरविंद शेट्टी सहित अन्य गणमान्य देवकीनंदन का आशीर्वाद लेने पहुचे थे
Updated on:
21 Dec 2019 09:15 pm
Published on:
21 Dec 2019 08:49 pm
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