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महाराष्ट्र में लाडकी बहिन योजना ने बढ़ाई सरकार की मुसीबत? गरीबों को खाना देने सहित कई योजनाओं के लिए पैसे नहीं!

Maharashtra Ladli Behna Yojana : गरीब महिलाओं के लिए मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना (Mukhyamantri Ladki Bahin Yojana) जुलाई 2024 में शुरू की गयी थी। तब से अब तक पात्र महिलाओं को सात किश्तों में 10,500 रुपये मिल चुके हैं।

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मुंबई

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Dinesh Dubey

Feb 10, 2025

Maharashtra mahayuti

महाराष्ट्र सरकार द्वारा वरिष्ठ नागरिकों के लिए शुरू की गई ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ (Mukhyamantri Teerth Darshan Yojana) को कुछ समय के लिए रोकने का निर्णय लिया गया है। राज्य के वित्तीय दबाव को देखते हुए सरकार ने इस योजना के तहत तीर्थ यात्रा के लिए आवंटित फंड्स को वापस ले लिया है। इस योजना की शुरुआत जून 2024 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से करीब पांच महीने पहले किया गया था।   

राज्य सरकार दो अन्य योजनाओं- शिव भोजन थाली और आनंदाचा शिधा फेस्टिवल किट को भी बंद करने पर विचार कर रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य गरीबों को सस्ता भोजन और प्रमुख त्योहारों पर खाने-पीने की चीजें उपलब्ध कराना है। अब तक चालू वित्तीय वर्ष में इन योजनाओं पर राज्य ने 1,300 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

बता दें कि मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना के तहत 2.5 लाख रुपये से कम पारिवारिक आय वाले 60 साल से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों को महाराष्ट्र में 161 तीर्थ स्थलों और पूरे भारत में 88 तीर्थ स्थलों की यात्रा के लिए 30,000 रुपये प्रदान किए जाते हैं।

2024-25 के लिए सरकार ने इस योजना के लिए 30 करोड़ रुपये आवंटित किए थे, जिनमें से 20 करोड़ रुपये पहले ही खर्च हो चुके हैं। शेष 13 यात्रा योजनाओं के लिए 25 करोड़ रुपये की और आवश्यकता थी, जो फिलहाल जारी नहीं किए गए हैं। इस निर्णय के पीछे का कारण राज्य के वित्तीय घाटे और बढ़ते कर्ज का दबाव है।

पिछले साल जुलाई से अक्टूबर के बीच योजना के तहत नौ यात्राओं में 6,424 वरिष्ठ नागरिक अयोध्या श्रीराम मंदिर गए। लेकिन चुनाव के बाद केवल एक यात्रा हो सकी, इसमें नागपुर से 800 बुजुर्ग गया (बिहार) गए। अभी अयोध्या के लिए 13 और यात्राएं होनी है, इसके अलावा पुरी (ओडिशा) की भी एक यात्रा होगी।

हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि इन तीर्थ यात्राओं में देरी महाकुंभ के कारण हो रही है, और जैसे ही यह समाप्त होगा, यात्रा की तारीखें तय कर दी जाएंगी।

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2024-25 के बजट में राज्य के वित्तीय घाटे का अनुमान 1.10 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 2 लाख करोड़ रुपये के पार जाने की संभावना है।

बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र सरकार वित्तीय तनाव कम करने के लिए कई योजनाओं पर पुनर्विचार करने का निर्णय लिया है, ताकि आने वाले वर्षों में वित्तीय स्थिति को सुधारा जा सके। इसलिए सरकार जितना संभव हो सके खर्चों में कटौती पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

हाल ही में पांच लाख अपात्र महिलाओं को मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना (Majhi Ladki Bahin Yojana) से बाहर कर दिया गया। महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने कहा है कि मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिण योजना (Mukhyamantri Ladki Bahin Yojana) के तहत पिछले साल जुलाई से दिसंबर के बीच अपात्र घोषित की गई इन महिलाओं के खातों में कुल मिलाकर 450 करोड़ रुपये भेजे गए थे। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि वह राशि वापस नहीं ली जाएगी।

विधानसभा चुनावों से पहले राज्य सरकार ने कई योजनाएं शुरू कीं, जिनमें लाडली बहना योजना (लाडकी बहीण योजना), अन्नपूर्णा योजना, लड़कियों के लिए मुफ्त व्यावसायिक शिक्षा, तीर्थदर्शन योजना और किसानों के लिए बिजली बिल माफी शामिल है। इन योजनाओं से राज्य के खजाने पर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का भार आने का अनुमान है, जिसमें अकेले लाडकी बहीण योजना में 46,000 करोड़ रुपये लगने का अनुमान है।

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