
Bhandup Maternity Hospital : मुंबई के सरकारी अस्पताल में कथित लापरवाही के चलते गर्भवती महिला और उसके नवजात शिशु की मौत से हड़कंप मच गया है। आरोप है कि भांडुप के सुषमा स्वराज प्रसूति गृह (Sushma Swaraj Maternity Home) अस्पताल में सोमवार को बिजली नहीं होने पर फोन की फ्लैशलाइट में एक गर्भवती महिला का ऑपरेशन (C-Section) किया गया था। तब मृत बच्चे की डिलीवरी हुई थी। जबकि डिलीवरी के कुछ दिन बाद महिला की भी मौत हो गई।
मृतक महिला के परिवार ने आरोप लगाया है कि इलाज में लापरवाही के चलते जच्चा-बच्चा की जान गई है। बच्चे की हार्टबीट कम होने के बावजूद दूसरे अस्पताल नहीं रेफर किया गया। अस्पताल में जनरेटर भी लगा है, लेकिन वह खराब था।
भांडुप में बीएमसी संचालित प्रसूति अस्पताल में सुविधाओं की कथित कमी के कारण 26 वर्षीय महिला और उसके नवजात शिशु की मौत के आरोप के बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने जांच के लिए कमेटी का गठन किया है। भांडुप की रहने वाली पीड़िता ने सी-सेक्शन के बाद अपने पहले बच्चे को मृत जन्म दिया था। उसे 29 अप्रैल की रात में प्रसव पीड़ा के चलते सुषमा स्वराज प्रसूति गृह ले जाया गया था।
नवजात शिशु को जन्म के तुरंत बाद 30 अप्रैल को आधी रात लगभग 12.30 बजे मृत घोषित कर दिया गया था। जबकि मां को सायन अस्पताल में रेफर कर दिया गया था जहाँ बाद में उसकी मृत्यु हो गई। जिसके बाद मृतक के परिवार ने अस्पताल में सुविधाओं की कमी का आरोप लगाते हुए एक पूर्व पार्षद से संपर्क किया। परिवार का आरोप है कि डिलीवरी के दौरान बिजली चली गयी और फिर मोबाइल के टॉर्च की मदद से प्रसव कराया गया।
पूर्व पार्षद और मृतक के रिश्तेदार फिर भांडुप पुलिस स्टेशन गए और शिकायत दर्ज करवाई। पीड़ित परिवार का कहना है कि बिजली नहीं होने पर डॉक्टरों को महिला का ऑपरेशन नहीं करना चाहिए था और दूसरे अस्पताल भेज देना चाहिए था।
बीएमसी की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दक्षा शाह ने कहा, “12 सदस्यों की जांच कमेटी मामले की समीक्षा करेगी। कमेटी मामले की विस्तार से समीक्षा करने के बाद एक सप्ताह में रिपोर्ट सौपेगी।''
उधर, प्रसूति अस्पताल के डॉक्टर ने कहा कि हमारी तरफ से गलती नहीं हुई है। प्रसव के दौरान बिजली चली गई थी और जनरेटर में भी कोई समस्या आ गई थी। जब बिजली गई तो सर्जरी लगभग पूरी हो चुकी थी। जनरेटर में दिक्कत होने के कारण उन्हें मोबाइल टॉर्च का इस्तेमाल करना पड़ा। यह डॉक्टर की गलती नहीं है। उसी दिन जनरेटर की मरम्मत की गई थी। अस्पताल आकर इंजीनियर ने खुद जनरेटर की जांच की थी।
Updated on:
02 May 2024 09:32 pm
Published on:
02 May 2024 09:28 pm
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