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कार्यशाला : जैन साध्वी ने बताए जीवन में खुशियां लाने के उपाय

छोटे बनें विनयी, बड़े बहा दे वात्सल्य का दरियावास्तविक खुशियां अपनाएं, जीवन की बगियां महकाएं

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कार्यशाला : जैन साध्वी ने बताए जीवन में खुशियां लाने के उपाय

कार्यशाला : जैन साध्वी ने बताए जीवन में खुशियां लाने के उपाय

मीरा भायंदर.

मीरा रोड महिला मंडल की ओर से वास्तिविक खुशियां अपनाए, जीवन बगिया महकाएं कार्यशाला का आयोजन किया गया। आयोजन में साध्वी अणिमाश्री ने कहा कि विनय और वात्सल्य दो ऐसे जोड़े हैं, जो घर परिवार में खुशियों का वर्णन कर सकता है। जीवन रूपी बगिया को खिला सकता है। छोटे विनय का भाव रखें, बड़े वात्सल्य का दरिया बहाएं। भूत-भविष्य की चिंता छोड़ वर्तमान में जीने वाला व्यक्ति जीवन की वास्तिविक खुशियां बटोर सकने में सक्षम होता है। साध्वी मंगलप्रभा ने कहा कि यदि हम तुलनात्मक दृष्टिकोण से बच जाएं एवं अपनी असीमित इच्छाओं पर संतोष की लगाम लगा ले तो खुशहाल जीवन के मालिक बन सकते हैं।


साध्वी मैत्री प्रभा ने विचार व्यक्त किए। मोटिवेटर करुणा कोठारी ने समता, सहजता, सरलता के जरिए खुशियां अपनाने की बात कही। आयोजन में नाटिका प्रस्तुत की गई जिसमें रेखा खव्या, अरुण मेहता, आशा रांका, हेमलता धींग, वंदना पटवारी, अल्का सिरोदिया, नीतू सिरोदिया, मुद्रा खाव्या, ध्वनि धींग ने भूमिका निभाई।
मंगल संगान प्रेमलता मादरेचा, प्रेमलता रांका, संतोष बंब, वंदना पटवारी, पद्मा मादरेचा ने किया। संयोजिका अनीता मेहता ने स्वागत भाषण दिया, संचालन केसर कोठारी ने किया।