
Arbitrage fund will turn your losses into profits in Corona era, know how
नई दिल्ली।कोरोना वायरस ( Coronavirus ) के चलते पिछले कुछ महीनों से भारतीय इक्विटी बाजार ( Indian Equity Market ) काफी उतार-चढ़ाव भरा है। कोरोना वायरस लॉकडाउन ( Coronavirus Lockdown ) के पिछले साल से अबतक निफ्टी 50 ( Nifty 50 ) में 24 फीसदी गिरावट देखी गई है। जिसमें मार्च में केवल 23 फीसदी की गिरावट रही है। हालांकि अप्रैल में 14 फीसदी का उछाल भी देखा गया है। बाजार के हालात को देखते हुए करीब करीब सभी म्यूचुअल फंड ( Mutual Fund ) कैटगरी लाल निशान में है। केवल आर्बिट्रेज फंड ( Arbitrage Fund ) को छोड़कर। जब बाजार में उठापटक हो रही हो तो ऐसे में आर्बिट्रेज फंड एक ऐसा हथियार है जो निवेशकों को बिना जोखिम के कमाने का मौका देता है। आइए आपको भी इसके बारे में आसान भाषा में समझने का प्रयारस करते है।
मार्केट के मौजूदा हालात में बनते मौके
आर्बिट्रेज फंड बाजार के हर समय चाहे वो खराब हो या अच्छा निवेशकों के लिए नए मौके बनाता है। फ्यूचर मार्केट कैश के मुकाबले अभी ज्यादा हाई पर है। ऐसे में निवेशक फ्यूचर मार्केट से अपना पैसा निकाल कर कैश मार्केट में लगा सकते हैं। बाजार के मैजूदा हालात को देखकर आर्बिट्रेज फंड निवेशकों को एक स्थिर रिटर्न देने में सक्षम है। क्योंकि इन फंड्स में उतार चढ़ाव वाले बाजार में भी टिकने की क्षमता होती है। इसलिए इसमें बाजार के किसी भी फेज में निवेश किया जा सकता है।
आर्बिट्रेज क्या होता है ?
आर्बिट्रेज एक रणनीति के तहत बाजार के विभिन्न तरह के इंसट्रूमेंट के मूल्य अतंर से लाभ कमाता है। ये कैश और डेरिवेटिव मार्केट में कीमतों के अंतरों का फायदा उठाकर रिटर्न पैदा करते हैं। म्यूचुअल फंडों की ये स्कीम कैश सेगमेंट में शेयरों को खरीदती हैं और साथ-साथ उसी कंपनी के डेरिवेटिव सेगमेंट में फ्यूचर बेचती हैं। यह तभी किया जाता है जब फ्यूचर उचित प्रीमियम पर कारोबार करते हैं। मान लिजिए यदि एक ही वस्तु की कीमत अलग-अलग बाजारों में अलग-अलग होती है, तो आप उस वस्तु को बाजार में खरीदकर जोखिम मुक्त मुनाफा वहां से कमा सकते हैं, जहां कीमत कम होती है और साथ ही साथ उस बाजार में बेची जाती है, जहां कीमत अधिक होती है। यह महत्वपूर्ण है कि लेनदेन को खरीदने और बेचने दोनों को एक साथ निष्पादित किया जाता है ताकि आप मुनाफे को लॉक किया जा सकें और कीमत जोखिमों के संपर्क में न आने पाए। आर्बिट्रेजर्स का मुख्य उद्देश होता है कि बिना जोखिम के 100 खरीद-बिक्री की जा सके या उसे हेज किया जा सके।
बीते संकटों में आर्बिटेज का प्रदर्शन
| संकट काल | आर्बिट्रेज फंड | निफ्टी 50 |
| जनवरी 2008 से मार्च 2009 के बीच सब प्राइम संकट | 6 | -43.42 |
| अप्रैल से 2009 से दिसंबर 2010 के बीच सब प्राइम संकट के बाद | 5.17 | 48.77 |
| जनवरी 2011 से जून 2013 तक का यूरोपियन क्राइसिस | 8.66 | -1.94 |
| जुलाई 2013 से फरवरी 2015 के बीच यूरोपियन संकट के बाद | 6.68 | 28.07 |
| चाइनीज मंदी मार्च 2015 से लेकर फरवरी 2016 के बीच | 6.85 | -21.51 |
| कोविड 19 संकठट | 2.01 | -24.51 |
कुछ इस तरह से समझने का प्रयास करिए
एक्सचेंज आर्बिट्रेज : दो स्टॉक एक्सचेंजों में एक ही सिक्योरिटी की कीमतें अलग अलग होती है। उदाहरण के लिए किसी कंपनी का शेयर एनएसई पर 100 रुपए में ट्रेड कर रहा है, तो वही बीएसई पर यह 101 रुपए में ट्रेड कर रहा है। यानि आप अपने मुनाफे को बीएसई पर लॉक कर 1 रुपए का मुनाफा कमा सकते हैं।
कैश एंड कैरी आर्बिट्रेज : किसी कंपनी का शेयर कैश मार्केट में 1785 रुपए का है वही शेयर फ्यूचर एंड ऑप्शन मार्केट में 1794 रुपए का होता है। तो आप कैश मार्केट से उस शेयर को खरीद कर फ्यूचर मार्केट में उसे बेच सकते हैं और 9 रुपए का मुनाफा कमा सकते हैं। कैश एंड कैरी आर्बिट्रेज को मुख्य रुप से म्युचुअल फंड की रणनीति में काम लाया जाता है।
स्टॉक आर्बिट्रेज का इंडेक्स और बॉस्केट
यह बिल्कुल कैश एंड कैरी की तरह होता है, बस इसमें अंतर यह रहता है कि यहां स्टॉक की बजाय सूचकांक पर निर्धारण होता है। उदाहरण के लिए, निफ्टी एफएंडओ बाजार में 9,300 रुपए पर कारोबार कर रहा है, जबकि निफ्टी (सूचकांक के समान अनुपात में) के शेयरों की के बास्केट का बराबर मूल्य नकद बाजार में 9275 रुपए है। आप निफ्टी को एक साथ बेचकर और नगदी बाजार में शेयरों की बास्केट खरीदकर, निफ्टी भविष्य के अनुबंध के प्रति 25 लाभ में लॉक-इन कर सकते हैं। यह आमतौर पर आर्बिट्राज फंड द्वारा भी उपयोग किया जाता है।
क्या करहते हैं जानकार
मिराए एसेट इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स इंडिया प्रा. लिमिटेड के प्रोडक्ट, मार्केटिंग व कम्युमिकेशन हेड वैभव शाह के अनुसार आर्बिट्रेज फंड जोखिम वाले निवेशकों के लिए निवेश का अच्छा अवसर प्रदान करते हैं, जो इक्विटी में निवेश करना चाहते हैं और साथ ही परिसंपत्ति वर्ग से जुड़े तेज अस्थिरता नहीं चाहते हैं। निवेशकों को ध्यान देना है कि आर्बिट्रेज फंडों का प्रदर्शन इक्विटी मार्केट में उपलब्ध आर्बिट्राज अवसरों पर निर्भर करता है, और इन अवसरों में किसी भी तरह की कमी के परिणामस्वरूप प्रदर्शन में गिरावट आ सकती है।
Updated on:
05 Jun 2020 09:52 pm
Published on:
05 Jun 2020 09:49 pm
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