राज्यों को भी आना चाहिए सामने
उन्होंने कहा, “अगर हमारे पास एक केंद्रीय संस्थान होगा, तो यह निश्चित रूप से कल्याणकारी मुद्दा है। अगर एक केंद्रीय संस्था सामने आता है तो सभी राज्यों को अपने नागरिकों को फायदा पहुंचाने के लिए खड़ा होना चाहिए। अगर यह जीएसटी के लिए किया जा सकता है तो फिर स्वास्थ्य सुविधा क्षेत्र के लिए कम ही अड़चनें होनी चाहिए।” वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र प्रत्येक वर्ष स्वास्थ्य सुविधा के क्षेत्र में राशि को बढ़ाता है लेकिन राशि के समुचित कार्यान्वयन का प्रश्न बना हुआ है।
कर्इ राज्य नहीं दे रहे प्राथमिकता
उन्होंने कहा, “केंद्रीय राजस्व बढ़ाया गया है। हमारे पास राशि है, लेकिन चुनौती इसके कार्यान्वयन को लेकर है। हालांकि स्वास्थ्य राज्य सरकारों के डोमेन में प्रमुखता के साथ बना हुआ है, इसके बावजूद कई राज्यों में यह शीर्ष प्राथमिकता पर नहीं है। प्रत्येक जिले में कम से कम तीन स्वास्थ्य सुविधा संस्थान बनाए जाएं और राज्यों को इसे संभालने दे।”