
शादी के बाद भी बेटी का पिता की संपत्ति पर है पूरा अधिकार, ऐसे कर सकते हैं दावा
नई दिल्ली। आज के समय में लोगों का मानना है कि जब लड़की की शादी हो जाती है तो उसका उसके पिता की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं रहता है। अगर आपकी भी शादी हो गई है और आप अपने पिता की संपत्ति में अधिकार लेना चाहती हैं तो अब आपको बिल्कुल भी परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि अब आप आसानी से अपने पिता से अपना हक मांग सकते हैं क्योंकि अगर लड़की की शादी हो गई है और वह कमाने योग्य नहीं है तो उसके पास उसके मां-बाप के अलावा और कोई रास्ता नहीं है।
लड़के-लड़कियों का होता है बराबर का हिस्सा
आपको बता दें कि हमारे समाज में अगर आपको संपत्ति में हिस्सा लेना है तो इसके लिए आपको कानून का सहारा लेना होगा। हिंदू लॉ में संपत्ति को दो श्रेणियों में बांटा गया है, जिसमें पहला पैतृक और दूसरी स्वअर्जित है। पैतृक संपत्ति में चार पीढ़ी पहले तक पुरुषों की वैसी अर्जित संपत्तियां आती हैं जिनका कभी बंटवारा नहीं हुआ हो। इन सभी संपत्तियों पर बेटा हो या बेटी सभी का बराबर का अधिकार होता है। साल 2005 से पहले इस तरह की संपत्ति पर सिर्फ बेटों का अधिकार होता था, लेकिन बाद में इसमें संशोधन किया गया और अब इस संपत्ति में लड़कों और लड़कियों दोनों का बराबर का हिस्सा होता है। अपने परिवार की इस संपत्ति में आप अपना हिस्सा ले सकते हैं।
स्वअर्जित संपत्ति में अधिकार मिलना जरूरी नहीं
वहीं, अगर हम स्वअर्जित संपत्ति की बात करें तो इसमें लड़कियों का पक्ष थोड़ा कमजोर होता है क्योंकि अगर आपके पिता ने अपने पैसों से जमीन खरीदी है तो वह जिसे चाहे यह यह संपत्ति दे सकता है। इस तरह की संपत्ति में कोई भी अपने मां-बाप से जबरदस्ती नहीं कर सकता है। स्वअर्जित संपत्ति का मालिक अपनी मर्जी से जिसे चाहे उसे अपनी संपत्ति दे सकता है। यानी, अगर पिता ने बेटी को खुद की संपत्ति में हिस्सा देने से इनकार कर दिया तो बेटी कुछ नहीं कर सकती है।
शादी के बाद भी मिलेगा बराबर का हिस्सा
2005 के संशोधन के बाद से बेटी को पिता की संपत्ति में बराबर का हिस्सेदार माना जाता है। 2005 के बदलाव के बाद से बेटी के विवाह से पिता की संपत्ति पर उसके अधिकार में कोई बदलाव नहीं आता है। यानी, विवाह के बाद भी बेटी का पिता की संपत्ति पर अधिकार रहता है। आज के समय में कोई भी बेटी अपने पिता से संपत्ति की मांग कर सकती है।
वसीयत लिखने से पहले पिता की मौत होने पर ऐसे पाएं संपत्ति में हिस्सा
अगर वसीयत लिखने से पहले किसी के पिता की मौत हो जाती है तो सभी कानूनी उत्तराधिकारियों को उनकी संपत्ति पर समान अधिकार मिलेगा। हिंदू उत्तराधिकार कानून में पुरुष उत्तराधिकारियों को चार भागों में बाटां गया है। पिता की संपत्ति पर पहला हक पहली श्रेणी के उत्तराधिकारियों का होता है। इसमें विधवा, बेटियां और बेटों के साथ-साथ अन्य लोग आते हैं और इस कानून में सभी को पिता की संपत्ति में समान अधिकार होता है। चाहे बेटी हो या बेटा भी को समान अधिकार मिलता है।
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Published on:
10 Jun 2019 02:45 pm
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