
Insurance companies become more active before Nisarga Cyclone
नई दिल्ली। निसर्ग चक्रवात ( Nisarga Cyclone ) को लेकर सरकार की और मौसम विभाग ( IMD ) की ओर से कई तरह चेतावनी दी जा चुकी है। वहीं मई में देश अम्फान तूफान ( Amphan Cyclone ) भी देख चुका है। ऐसे में इंश्योरेंस कंपनियां इससे सबक लेकर एक्टिव हो गई हैं। उन्होंने भी अपने ग्राहकों को चेतावनी के साथ-साथ संदेश देना भी शुरू कर दिया है। नुकसान होने पर क्लेम को लेकर भी जानकारी दी जा रही है। साथ क्लेम करने के माध्यम भी बताए जा रहे हैं। आपको बता दें कि मई के महीने में वेस्ट बंगाल में एम्फान तूफान ( Amphan Cyclone ) आया था। जिसमें इंश्योरेंस कंपनियों को करोड़ों अरबों रुपयों के क्लेम किए गए थे। वहीं दूसरी ओर इरडा ( IRDAI ) की ओर से नई गाइडलाइन भी जारी की गई हैं। आइए आपको भी बताते हैं।
बीमा कंपनियों भी हुई एक्टिव
निसर्ग तूफान पर मुंबई में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। दूसरी ओर इंश्योरेंस कंपनियां भी अलर्ट हो गई हैं। न्यू इंडिया एश्योरेंस कॉरपोरेशन लिमिटेड कंपनी की ओर से अपने ग्राहकों को चेतावनी के साथ-साथ संदेश भी दे रहा है। कंपनी का अपने ग्राहकों को संदेश में कहा गया है कि निसर्ग चक्रवात के कारण तेज हवाओं के चलने और भारी बारिश की आशंका बढ़ गई है। सामान को नुकसान पहुंचने की आशंका है। ऐसे में अगर किसी को क्लेम करना है तो कंपनी के नजदीकी ऑफिस में जाएं। वहीं आप पॉलिसी में दिए गए आईडी पर ई-मेल भी कर सकते हैं। ग्राहकों से सलाह है कि ऐसे तूफानी चक्रवात में बाहर कदम ना रखें।
अम्फान के बाद हुए इतने क्लेम
- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के आंकड़ों के अनुसार 30 मई तक चक्रवात अम्फान से हुए नुकसान को लेकर 160 करोड़ रुपए के 500 मिले दावे।
- नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के अनुसार ज्यादातर दावे सबसे अधिक प्रभावित पश्चिम बंगाल से मिले हैं।
- ज्यादातर दावे कारोबारी उपक्रमों, दुकानों और कारखानों से मिले हैं।
- अनुमान के अनुसार 160 करोड़ रुपए के 500 के करीब दावे मिले हैं।
अम्फान के समय जारी हुई थीं इरडा की नई गाइडलाइन
- सभी बीमा कंपनियां एक वरिष्ठ अधिकारी को नॉमिनेट करेंगी, जो नोडल ऑफिसर के तौर पर कार्य करेगा।
- यह अधिकारी राज्य सरकारों के साथ मिलकर प्रभावित पॉलिसीधारकों के क्लेम का जल्दी निपटारा करेगा।
- जो क्लेम मृत हुए पॉलिसीधारक के नॉमिनी द्वारा हुए हैं और जिनमें मृत व्यक्ति की बॉडी नहीं मिलने से डेथ सर्टिफिकेट नहीं मिला, ऐसे मामलों के लिए लिए वो ही प्रोसेस फॉलो होगा जो 2015 के चेन्नई बाढ़ में हुआ।
- कंपनी के ऑफिस या विशेष कैंप का प्रचार प्रिंट और इलेक्ट्रोनिक मीडिया में होना चाहिए ताकि लोगों को उनके बारे में जानकारी हो सके।
- बीमा कंपनी के कार्यालयों में सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य नियमों का पालन होना अनिवार्य, कंपनी का स्टाफ सेनेटाइज होना जरूरी।
- कोरोनावायरस की वजह से के चलते सभी कंपनियां पॉलिसीधारकों को ऑनलाइन प्रीमियम भरने की सुविधा दें। ताकि उन्हें परेशानी का सामना ना करना पड़े।
Updated on:
03 Jun 2020 07:44 am
Published on:
02 Jun 2020 10:05 pm
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