पहले से अधिक रिटर्न प्राप्त करने में मिलेगी मदद
दरअसल गैर-सरकारी संस्थाएं खुद ही अपने भविष्य निधि का प्रबंधन करते हैं लेकिन इन्हें सरकार द्वारा तय दिशानिर्देशों का पालन करना पड़ता है। जीवन बीमा कंपनियों के पास भी पेंशन प्लान आैर ग्रेच्युटी फंड उपलब्ध होता है। इनमें कर्मचारियों के लाभ के लिए कंपनियां निवेश कर सकती हैं। मौजूदा समय में सरकारी बाॅन्डों की यील्ड में इजाफा हो रहा है आैर मौजूदा तिमाही के लिए ब्याज दर पिछले तिमाही की तुलना में अधिक हैं। 31 मार्च को खत्म हुए तिमाही में के लिए ब्याज दरें 7.6 फीसदी था जिसे 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में भी यथावत रखा गया था। एेसे में एसडीसी की ब्याज दरों में बढ़ोतरी से गैर-सरकारी पीएफ, पेंशन आैर ग्रैच्युटी फंडों के लिए पहले से अधिक रिटर्न प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
क्या है एसडीएस
बता दें केंद्र सरकार ने 1 जुलार्इ 1975 में स्पेशल डिपाॅजिट स्कीम (एसडीएस) की शुरुआत की थी। सरकार ने ये योजना गैर-सरकरी पीएफ, पेंशन आैर ग्रैच्युटी फंड, जीवन बीमा निगम आैर सरप्लस फंड आैर कर्मचारी राज्य बीमा आदि के लिए बेहतर रिटर्न प्रदान करने के लिए किया था। एसडीएस में पैसे जमा करने पर सरकार इसपर ब्याज का भुगतान करती है। इसके अलावा गैर-सरकारी भविष्य निधि, पेंशन अैर ग्रैच्युटी फंंडी की कमार्इ सरकारी प्रतिभूतियों आैर म्यूचुअल फंड में निवेश से भी होती है।