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आपकी पत्नी, बच्चे व माता-पिता भी टैक्स बचाने में कर सकते हैं मदद, जानिए कैसे

locationनई दिल्लीPublished: Feb 13, 2019 02:32:07 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

इनकम टैक्स के कर्इ सेक्शन के तहत आपके माता-पिता, पत्नी आैर बच्चे टैक्स बचाने में मदद कर सकते हैं।

Tax Savings

आपकी पत्नी, बच्चे व माता-पिता भी टैक्स बचाने में कर सकते हैं मदद, जानिए कैसे

नर्इ दिल्ली। बढ़ते इनकम के साथ हर कोर्इ टैक्स बचाने की जुगत में लग जाता है। कर्इ इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C का भरपूर फायदा उठाते हुए अपने टैक्स में भारी बचत करते हैं। आज हम आपको कुछ एेसे उपाय बताने जा रहे जिसमें आपके माता-पिता, पत्नी आैर बच्चे टैक्स बचाने में मदद कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि क्या हैं ये तरीके।


1. अपनी पत्नी, बच्चे व माता-पिता के लिए हेल्थ इंश्योरेंस कराएं

यदि अापकी पत्नी, बच्चे व माता-पिता का हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है तो उनके लिए अाप अपनी तरफ से हेल्थ इंश्योरेंस लें। खासकर आपके माता-पिता को बढ़ती उम्र के साथ हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत होगी। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80D के तहत 60 साल की कम उम्र के माता-पिता के इंश्योरेंस पर आपको 25 हजार रुपए तक के डिडक्शन पर छूट मिलेगी। साथ ही उनके मेडिकल चेकअप पर सालाना 5 हजार रुपए तक का टैक्स छूट ले सकते हैं। मान लीजिए आपने उपरोक्त सभी के लिए 22 हजार रुपए प्रिमीयम जमा किया है आैर सालाना 5 हजार रुपए तक मेडिकल चेकअप पर खर्च किया है तो आप 25,000 रुपए तक में छूट का दावा कर सकते हैं।


2. दिव्यांग व बीमारी ग्रस्त के लिए भी टैक्स छूट की राहत

यदि आपका कोर्इ संबंधी दिव्यांग या बीमार आैर वे अाप पर पूरी तरह आश्रित हैं तो आप सेक्शन 80D के तहत टैक्स छूअ का दावा कर सकते हैं। इसमें उन लोगों पर मेडिकल चेकअप या इलाज का खर्च शामिल है। हालांकि, इसके लिए अापको किसी सरकारी अस्पताल से मेडिकल सर्टिफिकेट लेना अनिवार्य होगा। एक तय अवधि के बाद इस सर्टिफिकेट को रिन्यू भी कराना होगा।


3. अपने माता-पिता के लिए घर किराए जमा कर लें टैक्स छूट का फायदा

आम तौर सैलरी लेने वाले व्यक्तियों को घर किराए पर भी टैक्स देना पड़ता है। लेकिन यदि आप इस प्राॅपर्टी के कागजात पर अपने माता-पिता का नाम दर्ज करा लेते हैं तो इसपर खर्च किए किराए पर आपको टैक्स छूट मिल सकता है। आपको एक बात का ध्यान रखना होगा कि आप इस प्राॅपर्टी का सह-मालिक हैं। हालांकि, यदि आप सालभर में 1 लाख रुपए से अधिक का किराया भरते हैं तो इसके लिए आपको अपने नियोक्ता को माता-पिता के पैन कार्ड जमा करना अनिवार्य होगा। साथ ही उन्हें अपने इनकम टैक्स रिटर्न में रेंटल इनकम को भी दर्शाना होगा।


4. अपने माता-पिता के नाम पर निवेश करें

यदि आपको टैक्स बचाना है तो आप अपने माता-पिता के नाम पर निवेश कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए आपको यह ध्यान देना होगा कि वे अापसे कम टैक्स स्लैब में आते हैं। आप उनके नाम फिक्स्ड डिपाॅजिट खोल सकते हैं। इसकी खास बात यह है कि यदि आपके माता-पिता 60 साल से अधिक उम्र के हैं तो उन्हें उच्चतम ब्याज दर का भी लाभ मिलेगा। आपको बता दें कि यदि आप अपने पत्नी के नाम पर निवेश करते हैं तो इसपर आपको कोर्इ फायदा नहीं मिलेगा।


5. अपनी पत्नी के साथ मिलकर प्राॅपर्टी खरीदें

यदि आप अपनी पत्नी के साथ मिलकर प्राॅपर्टी खरीदते हैं तो इससे आपको बड़ा फायदा मिल सकता है। दरअसल, यदि आप अपनी पत्नी के साथ प्राॅपर्टी खरीदते हैं तो इससे आपको कर्ज लेने का चांस बढ़ जाता है। साथ ही टैक्स पर दोनों को राहत मिल जाती है। यदि आप इस प्राॅपर्टी से रेंट के तौर पर कमार्इ भी करते हैं तो भी आपको इसका फायदा मिलता है।


6. बच्चों के ट्यूशन फीस पर भी ले सकते हैं टैक्स छूट का फायदा

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत भी अापको टैक्स छूट का फायदा मिल सकता है। यह टैक्स छूट दो बच्चों के ट्यूशन फीस पर मिलता है। इस छूट का दावा केवल दो बच्चों के लिए जमा किए गए ट्यूशन फीस पर ही मिल सकता है।
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