
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मुजफ्फरनगर। कोविड-19 वैश्विक महामारी की सेकंड लहर में देशभर में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। ऐसे में एक ओर जहां अपने ही अपनों का साथ छोड़ रहे हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जो इंसानियत को जिंदा रख रहे हैं। ऐसा ही एक मामला जनपद मुजफ्फरनगर के थाना खतौली कोतवाली क्षेत्र में देखने को मिला। जहां जनपद में एक एंबुलेंस चालक ने अपने साथियों के साथ मिलकर कोरोना के कारण जान गंवाने वाली महिला का अंतिम संस्कार कर इंसानियत की मिसाल पेश की है। अंतिम संस्कार करने वालों में एक मुस्लिम युवक भी शामिल है।
दरअसल, 3 मई को एक महिला की मौत होने पर परिवार में सिर्फ 17 वर्षीय पुत्र होने के कारण कोई कंधा देने वाला नहीं था। मामले की जानकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ अविनाश के पास पहुंची तो उन्होंने पांचाल एंबुलेंस के मालिक/चालक को सूचना दी। जिसके बाद एंबुलेंस चालक संदीप पांचाल अपने अन्य तीन साथियों इम्तियाज, राणा पराग अहलावत व एक अन्य युवक के साथ मृतका महिला लोकेश पत्नी ललित शर्मा निवासी जगत कॉलोनी भूड़ खतौली के घर पहुंचे। सभी पीपीई किट पहनकर महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट लेकर पहुंचे और चारों ने मिलकर महिला का अंतिम संस्कार किया।
जानकारी के अनुसार मृतका महिला पिछले 3-4 दिनों से बुखार से पीड़ित थी। बताया जा रहा है कि कुछ दिन पहले महिला ने खुद को वैक्सीन भी लगवाई थी। मगर 3 मई को अचानक शाम 8 बजे महिला की मौत हो गई और सुबह 10 बजे तक महिला का शव घर में ही पड़ा रहा। इस दौरान संदीप पांचाल का कहना है कि बीमारी बहुत खतरनाक है। बचाव ही इसका इलाज है। मगर इंसानियत नहीं मरनी चाहिए। हमें अपनों का भी ध्यान रखना चाहिए। इसलिए जरूरत पड़ने पर उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर महिला का अंतिम संस्कार किया।
Published on:
05 May 2021 02:24 pm
बड़ी खबरें
View Allमुजफ्फरनगर
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
