
वर्तमान में अलग-अलग महाविद्यालयों में पढ़ रही छात्राओं को अब एक ही कॉलेज में तीनों संकाय के विषय पढऩे को मिल सकते हैं। इसकी तैयारियां शुरू हो गई है। प्रथम चरण में बुधवार को प्रवेश लेने वाली छात्राओं से विकल्प भी मांगे गए हैं। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अब छात्राओं की तीनों संकायों की पढ़ाई एक ही जगह हो सकती है।
जानकारी के अनुसार प्रवेश के लिए कटऑफ जारी करने के बाद बुधवार को जांच व फीस जमा करवाने का कार्य शुरू किया गया। इस दौरान चारों महाविद्यालयों में छात्राओं से विकल्प मांगे गए। उनसे यह पूछा गया कि वे कौनसा संकाय कहां पढऩे की इच्छुक हैं। अभी राजकीय कन्या महाविद्यायल में मात्र कला संकाय चल रहा है। वहां प्रथम वर्ष में कुल 160 सीट है।
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कला महाविद्यालय अभी हिन्दी विद्या भवन के सरकारी स्कूल में चल रहा है। विज्ञान पढऩे के लिए छात्राओं को एसके कॉलेज में तथा वाणिज्य के लिए उनको वाणिज्य महाविद्यालय में जाना पड़ता है। कला संकाय के जो विषय बालिका महाविद्यालय में नहीं है, उनकी पढ़ाई की इच्छुक छात्राओं को सबलपुरा जाना पड़ता है। अब यदि सभी संकायों की पढ़ाई एक ही जगह होने लग जाए तो छात्राओं को काफी फायदा होगा। तीनों संकायों को एसके कॉलेज में चलाने की तैयारी चल रही है।
इधर पहले ही विरोध
राजस्थान के सबसे बड़े महाविद्यालयों में शामिल रहे श्रीकल्याण राजकीय महाविद्यालय सीकर को सबलपुरा शिफ्ट करने के आदेश से पहले ही छात्र संगठनों ने इसका विरोध तेज कर दिया है। अभी केवल इसके प्रस्ताव पर चर्चा चल रही है। एसएफआई के जिलाध्यक्ष सुरेश ढाका, सचिव गोविंद शर्मा, छात्रसंघ अध्यक्ष प्रकाश बाज्या व अन्य ने कॉलेज प्राचार्य को ज्ञापन देकर कॉलेज के शिफ्ट करने के प्रस्ताव का विरोध किया। उन्होंने कहा कि सबलपुरा में लैब की भी सही व्यवस्था नहीं है। इधर एनएसयूआई के जिला उपाध्यक्ष दिनेश नागा, पूर्व जिलाध्यक्ष तनसुख ओला, अंकित चौधरी व अन्य ने विज्ञान महाविद्यालय के प्राचार्य को ज्ञापन देकर कॉलेज शिफ्ट करने के प्रस्ताव का विरोध किया।
Published on:
29 Jun 2017 07:43 am
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