शामली. एक तरफ योगी सरकार ने एंटी भूमाफिया सैल का गठन कर सरकारी भूमि से कब्जा हटवाने का अभियान चलाया हुआ है। वहीं, सरकारी अधिकारी और जनप्रतिनिधि सरकारी जमीनों को बेचने में लगे हैं। ताजा मामला शामली जिले के थानाभवन कस्बे का है। यहां नगर पंचायत चेयरमेन और अधिशासी अधिकारी द्वारा दिल्ली-सहारनपुर हाई-वे पर करोड़ों रुपए की सरकारी भूमि गांव तितारसी के पूर्व प्रधान को बेचने का मामला सामने आया है। इस सौदे के खिलाफ सभासदों ने जिलाधिकारी को शिकायतकर मामले की जांच के बाद कार्रवाई करने की मांग की है।
यह हैं पूरा मामला
दरअसल, यह मामला जनपद शामली के थाना भवन का है। जहां, दिल्ली-सहारनपुर हाइवे नगर पंचायत थानाभवन की करीब एक हजार गज भूमि पड़ी है। उसी के नजदीक कस्बे के मौहल्ला रोगनग्रान निवासी सुखबीर की भी भूमि है। नगर पंचायत के सभासदों ने जिलाधिकारी को शिकायत कर बताया कि करीब दो माह पहले चेयरमैन और अधिशासी अधिकारी ने निजि भूमि के साथ ही नगर पंचायत की एक हजार गज भूमि का भी दाखिल खारिज पूर्व प्रधान के नाम कर दिया। खरीदार ने कब्जा लेकर नगर पंचायत की भूमि को खुर्द-बुर्द करने के बाद अपनी भूमि में मिला लिया।
भूमि पर शुरू हुई प्लॉटिंग
नगर पंचायत थाना भवन से खरीदी गई भूमि पर अब पूर्व प्रधान ने प्लॉटिंग की तैयारी शुरू कर दी है। सभासदों ने इस संबंध में जिलाधिकारी को शिकायत कर चेयरमेन और अधिशासी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही सभासदों ने चोतावनी दी कि यदि जिला प्रशासन कार्रवाई नहीं करता तो मुख्यमंत्री के दरबार में शिकायत की जाएगी। डीएम शामली से सभासदों द्वारा शिकायत करने के बाद से नगर पंचायत स्टाफ में हड़कंप मचा है। नगर पंचायत की भूमि बचाने का यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
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डीएम ने दिए जांच के आदेश
थाना भवन नगर पंचायत कि करोड़ों रुपए की भूमि अवैध रूप से बेचे जाने के मामले में शिकायत के बाद जिलाधिकारी शामली इंद्र विक्रम सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। जांच के बाद दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई का सभासदों को आश्वासन दिया गाया है।