
गर्लफ्रेंड रोहिणी ने सांसद चंद्रशेखर का नया ऑडियो जारी कर मचाया बवाल | Image Source - 'X' @DrRohinighavari
Chandrashekhar Azad Audio Rohini Ghawari Controversy: यूपी की नगीना लोकसभा सीट से सांसद चंद्रशेखर आज़ाद एक बड़े विवाद में घिर गए हैं। उनकी एक्स गर्लफ्रेंड डॉ. रोहिणी घावरी ने सोशल मीडिया पर एक नया ऑडियो जारी किया है, जिसमें दावा किया गया है कि सांसद खुद यह कहते सुने जा रहे हैं कि वह आगामी यूपी चुनाव में बीजेपी का साथ देंगे और समाजवादी पार्टी तथा कांग्रेस के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे। रोहिणी ने कहा कि यह ऑडियो उसी बातचीत का हिस्सा है, जहां चंद्रशेखर ने स्वीकार किया कि भाजपा ने उन्हें सांसद बनाया है और अब वह दलित वोट काटने के लिए भाजपा के साथ रैलियां करेंगे।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर ऑडियो शेयर करते हुए रोहिणी ने लिखा कि चंद्रशेखर ने खुद कहा- “समाजवादी पार्टी और कांग्रेस में से जो भी मेरे खिलाफ आया, उसकी खाल उतार दूंगा। चाहे मुझे भाजपा की मदद क्यों न करनी पड़े। यह मेरे लिए आखिरी लड़ाई है और जो भी बीच में आया, मैं उसे जिंदगीभर नहीं छोड़ूंगा।” रोहिणी ने यह भी लिखा कि भाजपा 26 नवंबर जैसी सैकड़ों रैलियां सिर्फ दलित वोट बांटने के लिए करा रही है। उन्होंने सवाल उठाया कि जो शख्स अपने आंदोलन और महापुरुषों की विरासत बेच दे, वह समाज का भला कैसे करेगा।
भीम आर्मी चीफ और सांसद चंद्रशेखर की मुजफ्फरनगर के राजकीय इंटर कॉलेज मैदान में 26 नवंबर को प्रस्तावित संविधान रैली से पहले ही माहौल गरमा गया है। रोहिणी घावरी के पोस्ट और ऑडियो वायरल होने के बाद रैली को लेकर सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। माना जा रहा है कि भारी भीड़ और पोलराइजेशन की संभावना के चलते पुलिस और प्रशासन अतिरिक्त सतर्कता बरत रहे हैं। रैली में रोहिणी स्वयं शामिल होंगी या नहीं, इस पर भी सस्पेंस बना हुआ है।
रोहिणी ने अपने पोस्ट में साफ लिखा- “अगर चंद्रशेखर के मंच से किसी ने मुझे हाथ भी लगाया, तो पूरा देश महिला सम्मान का उदाहरण देखेगा।” उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस उन्हें रोकने के बजाय सुरक्षा के साथ मंच तक ले जाएगी। रोहिणी ने चुनौती देते हुए लिखा- “तेरे आकाओं को भी तेरे खिलाफ कर दिया मैंने। अब असर देख, मंच चंद्रशेखर का, लोग चंद्रशेखर के, लेकिन शपथ रोहिणी घावरी की होगी।” रोहिणी ने दावा किया कि वह मंच पर आकर भाषण देंगी और चंद्रशेखर को सीधे सामने बैठकर जवाब देंगी।
इस वार-पलटवार के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि 26 नवंबर की संविधान रैली का नतीजा क्या होगा। क्या वास्तव में रोहिणी मंच पर जाएंगी? क्या भीड़ के बीच कोई विवाद होगा? क्या यह मुद्दा दलित राजनीति में बड़ा मोड़ साबित होगा? इसी तनाव और उत्सुकता के कारण अब पूरा मामला सिर्फ राजनीतिक रैली से बढ़कर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया है।
Updated on:
24 Nov 2025 10:56 pm
Published on:
24 Nov 2025 10:55 pm
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