
सीएम योगी ने फिर खेला सांप्रदायिक कार्ड, वोट के लिए मुजफ्फरनगर दंगे के जख्मों को किया ताजा, भाषण सुनकर हो जाएंगे शर्मसार
मुजफ्फरनगर. लोकसभा चुनाव को लेकर सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में बिजनौर से लेकर मुजफ्फरनगर शामली और बागपत में कई चुनावी सभाओं को संबोधित किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निशाने पर गठबंधन रहा। उन्होंने बसपा सुप्रीमो मायावती, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोक दल के मुखिया चौधरी अजीत सिंह के साथ-साथ उन्होंने समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर भी गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर भड़ास निकाली। इसी दौरान मंच से मुजफ्फरनगर से भाजपा प्रत्याशी संजीव बालियान ने राष्ट्रीय लोकदल को निशाना बनाते हुए कहा कि रालोद बदमाशों को बढ़ावा दे रही है। चुनाव का केवल 1 माह का समय है। उसके बाद उन्हें बचाने कोई नहीं आएगा। चुनाव लड़ने वाले तो दिल्ली चले जाएंगे। मैं गांधीवादी नहीं हूं। मैं भगत सिंह वादी हूं। कोई अगर एक थप्पड़ मारेगा तो मैं दो थप्पड़ मारने की हिम्मत रखता हूं। इस दौरान मंच पर मुख्यमंत्री सहित कई क्षेत्रीय नेता भी मौजूद रहे।
उत्तर प्रदेश की सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, बागपत, मेरठ, गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर सहित कुल 8 लोकसभा सीटों पर प्रथम चरण में यानी 11 अप्रैल को मतदान होना है। यानी यहां चुनाव प्रचार को केवल 24 घंटे बाकी हैं। इसी को लेकर तमाम राजनीतिक दलों ने चुनाव प्रचार के लिए अपनी ताकत झोंक दी है। इसी को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में बिजनौर,मुजफ्फरनगर, कैराना और बागपत में कई जनसभा को संबोधित किया।
मुजफ्फरनगर में पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गठबंधन को अपना निशाना बनाते हुए उन पर जमकर भड़ास निकाली। मुख्यमंत्री ने सबसे पहले 2013 में मारे गए सचिन और गौरव दो भाइयों को श्रद्धांजलि दी। इसके साथ ही दंगे में मारे गए लोगों को भी श्रद्धांजलि देने के बाद अपने भाषण शुरू किए। योगी आदित्यनाथ के भाषण में बसपा सुप्रीमो मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और रालोद मुखिया चौधरी अजीत सिंह पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब कवाल में सचिन और गौरव मारे गए थे, तब चौधरी अजीत सिंह कहां थे। तब 6 महीने के लिए विदेश चले गए। उन्होंने सहारनपुर में एक दिन पहले हुई गठबंधन की रैली पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सहारनपुर में कल एक एक शो हुआ था, जहां सपा, बसपा और रालोद तीनों एक मंच पर आकर ड्रामा किया था। उन्होंने चुटकी ली क जो अखिलेश और मायावती कभी एक दूसरे को देखना भी नही पसंद नही करते थे। आज वे तीनों नेता एक मंच पर आकर मुस्लिमों से वोट मांग रहे हैं। उन्होंने कहां मैं कल मंच के तीनों पात्रों का ड्रामा देख रहा था। उत्तर प्रदेश में मायावती जब मुख्यमंत्री थी तो जो पुलिस लाइन में होने वाले जन्माष्टमी पर्व को बन्द कर दिया था। हमने उसकी फिर शुरुआत कराई। ये वही लोग है जो सहारनपुर की धरती पर कल ड्रामा किया था। वहीं, बसपा सरकार में सहारनपुर में काशीराम के नाम से बन रहे मेडिकल कॉलेज में अखिलेश ने कासीराम के नाम को हटाकर मेडिकल कॉलेज का नाम बदलकर मोहम्मद हसन कर दिया गया। फिर भी मायावती मंच पर उसी के साथ खड़ी हैं।
उन्होंने कावड़ यात्रा में डीजे पर प्रतिबंध लगाने को लेकर भी कहा कि सपा और बसपा की सरकार में कावड़ यात्रा के दौरान डीजे पर प्रतिबंध लगाया गया था। हमने वह प्रतिबंध हटा दिया। रालोद को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोक दल कांग्रेस और सपा का कोई मेनिफेस्टो नहीं है। रालोद को दो अपने चुनावी घोषणा-पत्र की जरूरत भी नहीं है, क्योंकि वह हम दो हमारे दो यानी बाप बेटा की नीति पर चल रहे हैं। यह गठबंधन नहीं ठग बंधन है। उन्होंने अपराध को लेकर कहा कि जिन गुंडो को लगता हैं कि मुज़फ्फरनगर आकर अराजकता फैलाना चाहते हैं तो वो यहां से चले जाएं। वरना उनका राम नाम सत्य हो जाएगा। गुंडागर्दी करने का साहस किसी ने किया तो उसका जवाब उसी तरह दिया जाएगा। अजित सिंह सांसद बने मगर रमाला , मोहिद्दीनपुर चीनी मिल के लिए इन्होंने कभी कुछ नही किया, लेकिन हमारी सरकार ने पैसा खर्च कर मिल बेहतर करने का काम किया। अभी तक 62 हजार करोड़ का भुगतान किया है। फरवरी तक 60% गन्ना भुगतान हुआ है। जब तक किसानों का बकाया भुगतान नही होगा, तब तक चीनी मिल बन्द नहीं होगी। पाकिस्तान के अंदर घुसकर मारने की पीड़ा कांग्रेस को होती हैं। पाकिस्तान भयभीत हैं और पीड़ा कांग्रेस, बसपा,और सपा को हो रही हैं। कांग्रेस देशद्रोहियों के साथ अपने को जोड़े हुए हैं, यह कांग्रेस के घोषणा-पत्र से स्पष्ट हो चुका है।
Published on:
08 Apr 2019 07:57 pm
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