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जानें, यह जिलाधिकारी क्यों खिला रहे हैं लोगों को गुड़

जिलाधिकारी कार्यालय में फरियादियों को पहले खिलाया जाता है गुड़ उसके बाद सुनी जाती हैं समस्याएं

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Muzaffarnagar

मुजफ्फरनगर। अक्सर उच्च पदों पर बैठे सरकारी अधिकारियों के रौब झाड़ने की खबरें देखने और सुनने को मिलती रहती हैं। लेकिन उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी इन दिनों अपने अनोखे व्यवहार को लेकर सुर्खियों में हैं। जिले के डीएम राजीव शर्मा ने एक नई पहल की शुरूआत की है, जिससे सिर्फ जिले में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में उनकी तारीफ हो रही है।

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खासकर जनपद मुज़फ्फरनगर के देहाती इलाको में एक कहावत प्रचलित है कि व्यक्ति अगर गुड़ ना दे सके तो गुड़ जैसी बात तो कर सकता है, जिससे सामने वाले को दुख ना हो। लेकिन जिले के डीएम राजीव शर्मा की पहल ने इस कहावत को अब बदल दिया है, क्योंकि जिलाधिकारी राजीव शर्मा ना सिर्फ मीठा बोलते हैं बल्कि आने वाले आम से लेकर खास लोगों का मुंह भी मीठा करा रहे हैं।

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दरअसल जिलाधिकारी राजीव शर्मा ने अपने कार्यालय में एक पहल शुरू की है कि जो भी फरियादी अपने समस्याओं को लेकर कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचता है तो उसे पहले गुड़ खिला कर पानी पिलाया जाता है। उसके बाद जिलाधिकारी खुद उसकी समस्या को ध्यान पूर्वक सुनते है और फिर उसके समाधान के लिए ठोस कदम भी उठाते हैं। मुजफ्फरनगर जिलाधिकारी के इस कदम से अभी समस्या को लेकर पहुंचने वाले फरियादी काफी खुश है।

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इस तरह से अपना स्वागत देख कर फरियादियों के खुशी का ठिकाना नहीं है। उनका कहना है कि आज के युग में अधिकारी, समस्या लेकर पहुंचने वाले लोगों को आस-पास फटकने नहीं देते, पानी पिलाना, उसकी समस्या सुनना तो बहुत बड़ी बात है और उसका निदान करना उससे भी बड़ी। मगर मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी राजीव कुमार शर्मा ने इस मिथक को तोड़ते हुए अपने कार्यालय में आने वाले हर पीड़ित और दुखी व्यक्ति को सबसे पहले गुड़ खिलाते हैं और उसके बाद उसको पानी दिया जाता है तब जाकर उसकी समस्या को ध्यान से सुन कर उसके निदान के लिए संबंधित अधिकारी को कहा जाता है।

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वहीं जिलाधिकारी राजीव शर्मा ने इसे महज एक इंसानियत का फर्ज बताया। उन्होंने कहा कि हमारे सविधान में व्यक्ति की गरिमा सुनिश्चित करने की सुविधा की गई है। हमारी परम्परा रही है जो भी आता है उसे सबसे पहले पानी पिलाया जाता है उसमें कोई नई बात नही है।

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