
मुजफ्फरनगर। बीस साल बाद न्यायालय ने हत्यारोपी पिता- पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। तीसरे आरोपी को दोषी करार दिया। न्यायालय में उपस्थित न होने के कारण उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता यशपाल सिंह ने बताया कि कांधला थाना क्षेत्र के गांव एलम निवासी श्रीमती संतोष ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि फसल काटने के विवाद में उसके पति जयप्रकाश की उसके ही ताऊ के लड़कों ने तीन अप्रैल-1995 को दिनदहाड़े चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी।
मामले में छह लोगों जसवंत पुत्र बीरबल, नीरज पुत्र जसवंत, सुधीर पुत्र सत्यपाल, राजीव, यतेंद्र व श्रीमती राजबीरी को नामजद कराया था। बाद अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं.11 अरविंद कुमार उपाध्याय के न्यायालय चला। ट्रायल के दौरान राजीव, यतेंद्र व श्रीमती राजबीरी की मृत्यु हो गई थी। सोमवार को माननीय न्यायाधीश ने धारा 302 के तहत जसवंत व उसके पुत्र नीरज को आजीवन कारावास व 25-25 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा सुनाई।
साथ ही धारा 148 आइपीसी में जसवंत को दो साल की सजा व एक हजार का अर्थदंड तथा नीरज को तीन साल की सजा व एक हजार रुपये के अर्थदंड का कारावास भी सुनाया। आरोपी सुधीर को भी धारा 302 व 148 आइपीसी में दोषी करार दिया। उपस्थित न होने के कारण उसके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया।
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