
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
मुजफ्फरनगर। दुनिया भर मे चली कोविड़ 19 वैश्विक महामारी की दूसरी लहर से चारों ओर तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश के जनपद मुज़फ्फरनगर में भी हालत बद से बदतर नजर आ रहे हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक रोजाना कोरोना के लगभग 500 से 700 तक पॉजिटिव मरीज सामने आ रहे हैं। वहीं मृतकों की संख्या 1 से लेकर 5 तक प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग द्वारा दर्शाई जा रही है। लेकिन श्मशान पर लगी शवों की कतार कुछ और ही बयां कर रही है। जिसके चलते श्मशान पर अंतिम संस्कार को जगह नहीं रहने के कारण अब शवों की नो एंट्री तक करने का ऐलान किया गया है।
दरअसल, जनपद में कोरोना के अलावा अन्य बीमारियों या नेचुरक़्ल मौत की संख्या में काफी इजाफा है। जिसके चलते नई मंडी शमशान घाट प्रबंध समिति को शवों की नो एंट्री करनी पड़ी। कारण, यहां शवों का अंतिम संस्कार होने के बाद बाकी स्थान ही नहीं बचा, जहां अन्य शवों का अंतिम संस्कार किया जा सके। जिला प्रशासनिक अधिकारी शमशान घाट का निरीक्षण कई बार कर चुके हैं, लेकिन जिले में मौतों का आंकड़ा बढ़ा तो श्मशान घाट समिति ने अपने हाथ खड़े कर लिए। अगर नई मंडी शमशान घाट की बात करें तो 1 दिन में 20 से 25 शव दाह संस्कार के लिये पहुंच रहे हैं। जिसमें कोविड संक्रमण और अन्य बीमारियों से होने वाले लोग के शव शामिल हैं।
नई मंडी शमशान घाट समिति के अध्यक्ष संजय मित्तल की मानें तो मंगलवार दोपहर 2 बजे तक 11 शवों का दाह संस्कार किया जा चुका था। जिसमें से दो करोना पॉजिटिव केस थे। शमशान घाट में 19 शव चौकी हैं। कुछ शवों के लिए जगह न होने के कारण उन्हें नीचे जमीन पर ही रखकर संस्कार कराया जा रहा है। संख्या बढ़ने पर शमशान घाट समिती ने 16 घंटे के लिए के लिए शवों की नो एंट्री कर दी और लोगों के शव न लाने की गुजारिश की है। साथ ही प्रशासन से मदद मांगी है कि जब यहां आने वाले शवों को मना किया जाता है तो मरने वाले के परिजन शमशान कर्मियों से नाराज़ होते हैं और लड़ते हैं। जिस कारण शमशान घाट पर पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाए। जिससे अवव्यस्था ना फैल सके और जगह होने पर ही शव का दाह संस्कार हो सके।
Published on:
28 Apr 2021 11:11 am
बड़ी खबरें
View Allमुजफ्फरनगर
उत्तर प्रदेश
ट्रेंडिंग
