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VIDEO : अखिलेश सरकार में दी थी पुलिस भर्ती परीक्षा, अब अभ्यर्थियों ने मांगी नियुक्ति या इच्छा मृत्यु

-सैकड़ों बेरोजगार युवकों ने इस बार सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने की इच्छा जाहिर की है -जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार को भेजे गए ज्ञापन में इन अभ्यर्थियों ने सरकार से नियुक्ति या फिर इच्छा मृत्यु की मांग की है

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VIDEO : अखिलेश सरकार में दी थी पुलिस भर्ती परीक्षा, अब अभ्यर्थियों ने मांगी नियुक्ति या इच्छा मृत्यु

मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश में लगभग छह साल से भर्ती की बांट जोह रहे पुलिस अभ्यर्थियों के द्वारा सोमवार को मुजफ्फरनगर के जिला कलेक्ट्रेट पर एक बार फिर से धरना प्रदर्शन किया। इन सैकड़ों बेरोजगार युवकों ने इस बार सरकार से आर-पार की लड़ाई लड़ने की इच्छा जाहिर की है। मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी के माध्यम से उत्तर प्रदेश सरकार को भेजे गए ज्ञापन में इन अभ्यर्थियों ने सरकार से नियुक्ति या फिर इच्छा मृत्यु की मांग की है।

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दरअसल, जनपद में सोमवार को पुलिस आरक्षी भर्ती 2013 में चयनित अभ्यर्थियों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर डीएम कार्यालय पर प्रदर्शन किया। इन अभ्यर्थियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम दस सूत्रीय एक ज्ञापन जिलाधिकारी अजय शंकर पाण्डेय को सौंपा। इसमें कहा गया कि यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड के द्वारा उनको अनावश्यक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। उनका शारीरिक और मानसिक व आर्थिक रूप से शोषण हो रहा है।

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उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सपा सरकार के दौरान मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पुलिस आरक्षी भर्ती निकाली थी। इसमें साल 2013 में आरक्षी भर्ती परीक्षा का आयोजन किया गया था। इस भर्ती में चिकित्सा परीक्षण हो जाने के बाद 16 जुलाई 2015 को 38,315 अभ्यर्थियों को अंतिम रूप से चयनित करते हुए प्रशिक्षण पर भेज दिया गया था, जबकि शेष रिक्त पदों को अग्रसारित कर दिया गया। इससे नाराज होकर अभ्यर्थी उच्च न्यायालय इलाहाबाद चले गये, जहां कोर्ट ने शेष पदों को जल्द भरने का फरमान पारित किया था, लेकिन आज तक इन अभ्यर्थियों की नियुक्ति नहीं की गयी है।

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अब लड़ाई लड़ते हुए अभ्यर्थी पूरी तरह से टूट गये है। इस परीक्षा के लिए मुजफ्फरनगर जनपद से 350 अभ्यर्थी आज भी पुलिस आरक्षी पद पर नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र की बांट जोह रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस भर्ती के सफल अभ्यर्थी सरकार से नौकरी नहीं तो इच्छा मृत्यु की मांग कर रहे हैं। यदि नौकरी नहीं मिली तो जीवन बर्बाद हो जायेगा और ऐसे में आत्महत्या के अलावा कोई दूसरा मार्ग नहीं बचेगा। इन युवाओं ने राष्ट्रपति से इस सम्बंध में यूपी सरकार को दिशा निर्देश देने की मांग की है।