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शामली. उत्तर प्रदेश में लोगों की जिंदगी के साथ किस कदर खिलवाड़ हो रहा है। इसको सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने उजागर कर दिया है। वायरल वीडियो में 8वीं पास हॉस्पिटल का संचालक ऑपरेशन करता हुआ दिख रहा है। हैरान करने वाली बात ये है कि जब लोगों की शिकायत के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच के लिए पहुंची तो सत्ता का रसूख दिखाते हुए एक स्थानीय भाजपा नेता ने जांच टीम को अंदर घुसने से भी रोक दिया। आरोप है कि स्थानीय भाजपा नेता ने स्वास्थ्य विभाग को धमकी देकर वहां से भगा दिया। हालांकि, बाद में स्वास्थ्य विभाग ने कार्रवाई करते हुए 8वीं पास द्वारा ऑपरेशन करने का वीडियो वायरल होने के बाद शामली में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने आर्यन हॉस्पिटल को किया सील कर दिया है। इस हॉस्पिटल पर बिना मानकों को पूरा किए मरीजों का ऑपरेशन करने और हॉस्पिटल की आईसीयू में अप्रशिक्षित कर्मचारी से मरीजों को बेहोशी का इंजेक्शन लगवाने का आरोप है। सीएमओ ने हॉस्पिटल के रजिस्ट्रेशन को भी रद्द करने का आदेश जारी कर दिया है। इस हॉस्पिटल में अनमियतता का यह पहला मामला नहीं है। यहां 4 बार पहले भी हॉस्पिटल पर स्वास्थ्य विभाग की की ओर से सीज की कार्रवाई की जा चुकी है। लेकिन राजनीतिक संरक्षण की वजह से हॉस्पीटल का संचालन फिर से शुरू हो जाता है। यही वजह है कि 8वीं पास द्वारा ऑपरेशन करने का वीडियो वायरल होने के बाद जब जांच टीम पहुंची तो एक स्थानीय भाजपा नेता का संरक्षण मिलने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने जांच टीम को उल्टे पांव लौटा दिया।
दरअसल, वायरल वीडियो शामली शहर के एमएस के रोड स्थित चर्चित प्राइवेट आर्यन हॉस्पिटल का है, जिसका संचालन 8वीं पास युवक नरदेव पिछले काफी समय से करता आ रहा है। शहर का यह चर्चित हॉस्पिटल शहर के बीचों-बीच कूड़ाना बस स्टैंड के पास स्थित है। हाल ही में आर्यन हॉस्पिटल का एक स्टिंग वीडियो सोशल साइट्स पर बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में दावा किया जा रहा है वीडियो आर्यन हॉस्पिटल का है, जिसमें कक्षा 8वीं पास आर्यन हॉस्पिटल का मालिक नरदेव सिंह एक मरीज का ऑपरेशन कर रहा है और एक महिला कंपाउंडर मरीज को एनएसथीसिया यानी बेहोशी का इंजेक्शन दे रही है। आप खुद अंदाज लगा सकते हैं कि किस तरह से लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
एक स्थानीय भाजपा नेता ने भगा दिया था जांच टीम को
वीडियो के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। इस मामले में सीएमओ डॉ. राजकुमार ने बताया कि एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा वीडियो देकर शिकायत की गई थी। शिकायत के बाद जांच के लिए एसीएमओ डॉक्टर अशोक कुमार हांडा के नेतृत्व में विभाग की टीम आर्यन हॉस्पिटल पहुंची थी, लेकिन भाजपा का एक स्थानीय नेता वहां पहले से ही मौजूद था। जब स्वास्थ्य विभाग की टीम हॉस्पिटल में जांच के लिए पहुंची तो टीम को ऑपरेशन रूम में नहीं घुसने दिया गया। आरोप है कि वहां मौजूद भाजपा नेता ने एसीएमओ अशोक कुमार और स्वास्थ्य विभाग की टीम को ट्रांसफर कराने तक कि धमकी दे डाली। इसके बाद हॉस्पिटल स्टाफ व भाजपा नेता के विरोध को बढ़ता देख एसीएमओ अशोक कुमार व स्वास्थ्य विभाग की टीम को वहां से वापस लौटना पड़ा।
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पहले भी सीज हो चुका है हॉस्पिटल
इस हॉस्पीटल के खिलाफ ये पहला मामला नहीं है, जब हॉस्पिटल पर इस तरह के आरोप लगे हों। इससे पहले भी तीन बार अनिमिताओं के चलते इसे सीज किया जा चुका है, लेकिन राजनीतिक संरक्षण और जिला प्रशासन की साठ-गांठ के चलते कुछ समय बाद दोबारा यह चालू कर दिया जाता है।
एक साल में लगभग 25 मरीजों की हो चुकी है मौत
जानकारी के मुताबिक हॉस्पिटल में इलाज के दौरान करीब 1 साल में लगभग 22 से 25 मरीजों की मौत हो चुकी है, जिनमें से पांच मृतकों के परिजनों ने डॉक्टर और हॉस्पिटल के खिलाफ धारा 304 का मुकदमा भी दर्ज कराया है, जो कोर्ट में विचाराधीन है। वहीं, लोगों का आरोप है कि हॉस्पिटल में ऐसे डॉक्टरों को रखा गया है, जिनके पास किसी भी प्रकार की डिग्री नहीं है। ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि जब हॉस्पिटल पहले भी सीज हो चुका है तो उस पर नियंत्रण क्यों नहीं है?
Published on:
04 Jul 2018 03:52 pm
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