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‘संभल जाओ… एनकाउंटर करा देंगे’, पूर्व मंत्री इसराइल मंसूरी को मिली जान से मारने की धमकी

राजद नेता और पूर्व मंत्री इसराइल मंसूरी को जान से मारने की धमकी मिली है।  बदमाशों ने उनका एनकाउंटर करा देने की धमकी दी है। इससे पहले इसराइल मंसूरी की गाड़ी पर पथराव भी हुआ था। मामले में पुलिस ने जाच शुरू कर दी है। 

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पूर्व मंत्री इसराइल मंसूरी

पूर्व मंत्री इसराइल मंसूरी (फोटो - Facebook @Mohammad Israil Mansuri)

बिहार के मुजफ्फरपुर में पूर्व मंत्री मोहम्मद इसराइल मंसूरी को जान से मारने की धमकी मिली है। इसराइल मंसूरी राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सीनियर नेता और कांटी विधानसभा सीट से पूर्व MLA हैं। उन्हें यह धमकी सोशल मीडिया के जरिए अज्ञात बदमाशों ने दी है। धमकी देने वालों ने कहा कि संभल जाओ नहीं तो एनकाउंटर करा देंगे। मंसूरी ने इस धमकी को हल्के में नहीं लिया। उन्होंने तुरंत सदर थाने में एक लिखित आवेदन देकर पूरे मामले की जानकारी दी। पुलिस ने आवेदन पर कार्रवाई करते हुए FIR दर्ज कर ली है और धमकी देने वालों की तलाश में तकनीकी जांच शुरू कर दी है। मंसूरी 2022 में महागठबंधन की सरकार में मंत्री बने थे।

पहले गाड़ी पर हमला, अब धमकी

पूर्व मंत्री ने आवेदन में कहा है कि 14 नवंबर को विधानसभा चुनाव की वोटों की गिनती खत्म होने के बाद लौटते समय अहियापुर थाना इलाके में दादर पुल के पास कुछ असामाजिक तत्वों ने अचानक उनकी गाड़ी पर पत्थर फेंके थे। हालात बिगड़ते देख, उन्होंने हालात को और बिगाड़ने के बजाय अपनी गाड़ी छोड़कर सुरक्षित निकल जाना बेहतर समझा। मंसूरी का कहना है कि यह पहला संकेत था कि कोई उन्हें टारगेट कर रहा था।

फेसबुक पोस्ट बना धमकी की जड़

मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। 19 नवंबर को, इज़राइल मंसूरी का पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ मीटिंग का एक वीडियो फेसबुक पर पोस्ट किया गया। इस वीडियो ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया। कुछ लोगों ने पोस्ट पर अपमानजनक कमेंट्स किए और उन्हें जान से मारने की धमकी दी। इज़राइल मंसूरी ने कहा कि ऐसे कमेंट्स सिर्फ ऑनलाइन बुलीइंग नहीं हैं, बल्कि उनकी जान के लिए असली खतरा हैं।

कुछ लोग मेरी रेकी कर रहे हैं - मंसूरी का दावा

पूर्व मंत्री ने यह भी दावा किया है कि पिछले कुछ दिनों से कुछ संदिग्ध लोग उनकी गतिविधियों पर नज़र रख रहे हैं। चाहे वह क्षेत्र का भ्रमण हो, कोई कार्यक्रम हो या उनका आवास उन्हें लगातार रेकी जैसी गतिविधियां महसूस हो रही हैं। उन्होंने पुलिस से अपनी सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है।

पुलिस ने शुरू की जांच

सदर थानाध्यक्ष अस्मित कुमार ने पुष्टि की कि पूर्व मंत्री के आवेदन पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच की जिम्मेदारी एसआई ब्रजेश कुमार को दी गई है। पुलिस अब धमकी देने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए सोशल मीडिया अकाउंट्स, लोकेशन डेटा, कॉल रिकॉर्ड और संभावित विरोधियों की सूची खंगाल रही है।