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राजस्थान के मेड़ता सिटी के पीलवा थाना क्षेत्र के एक गांव में 14 वर्षीय नाबालिग से सामूहिक बलात्कार के मामले में जिला विशिष्ट पोक्सो कोर्ट संख्या-एक ने 7 महीने 26 दिन बाद फैसला सुनाते हुए 2 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही दोनों आरोपियों को 1-1 लाख रुपए के अर्थदंड से भी दंडित किया।
पोक्सो कोर्ट के लोक अभियोजक जगदीश सिंह खातोलाई ने बताया कि नाबालिग के साथ सामूहिक बलात्कार के प्रकरण में पोक्सो न्यायालय संख्या-1 की न्यायाधीश अल्का शर्मा ने एक अहम फैसला सुनाया।
न्यायाधीश ने बलात्कार के आरोपी बाजोली गांव निवासी रामाकिशन और रमेश को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 डीए एवं पोक्सो एक्ट की धारा 5 (जी)/6 में दोषी मानते हुए आजीवन कारावास यानी शेष प्राकृतिक जीवन की सजा सुनाई है। वहीं कोर्ट ने दोनों आरोपियों पर 1-1 लाख रुपए का अर्थदंड भी किया है। परिवादी की ओर से पैरवी अधिवक्ता ओमप्रकाश बांता ने की।
18 मई 2024 को नागौर के पीलवा थाने में पीड़िता के नाना ने मामला दर्ज करवाकर बताया कि दोहिती अपनी नानी के साथ 17 मई को एक शादी समारोह में गई थी। रात 10.30 बजे करीब आरोपी रमेश आया और नाबालिग को बहाने से ले गया।
बीच रास्ते में मौका पाकर कपड़े से उसका मुंह दबा लिया और पहले से षडयंत्र बना चुके रामाकिशन के साथ बाइक पर बैठा गुलर रोड स्थित अपने खेत पर ले गए। वहां नाबालिग को डरा-धमकाकर सामूहिक बलात्कार किया।
लोक अभियोजक सिंह ने बताया कि सामूहिक बलात्कार के इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 19 गवाह पेश हुए। वहीं अभियोजन पक्ष ने 39 दस्तावेज पेश किए। उल्लेखनीय है कि सामूहिक बलात्कार के इस मामले में मेड़ता के विशिष्ट पोक्सो कोर्ट ने 8 माह के भीतर जरूरी फैसला सुनाते हुए दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास यानी शेष प्राकृतिक जीवन की सजा सुनाई है।
Updated on:
14 Jan 2025 02:37 pm
Published on:
14 Jan 2025 02:28 pm
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