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लाडनूं. गांव मणूं में 20 लाख रुपए की लागत से बनकर तैयार हुए पक्के तालाब (जोहड़) में एक माह बाद ही दरारें आने लगी है। इसके बावजूद उच्चाधिकारियों की ओर से इस ओर कोईध्यान नहीं दिया जा रहा है। जब निर्माण कार्य शुरू हुआ था तब ग्रामीणों ने इसकी शिकायत भी की थी, लेकिन मामले की कोई जांच करने में उदासीनता बरती जा रही है।जानकारी के अनुसार गांव मणूं में आरएसीपी परियोजना के तहत जलग्रहण के मार्फत पक्के तालाब का निर्माण करवाया गया है। तालाब निर्माण पर 20 लाख रुपए खर्चकिए गए हैं। तालाब का निर्माण करीब एक माह पहले ही पूरा हुआ है। निर्माण कार्यपूरा होने के कुछ दिनों बाद ही इसमें जगह-जगह दरारें आने लगी है। इस संबंध में गांव के रतनाराम बटेसर, गुमानाराम जाखड़, रामनारायण सारण, शेराराम, बद्रीराम, किशनाराम, जगदीश आदि ने जिला कलक्टर के नाम उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में बताया कि तालाब एक मिट्टी के टीले के नीचे के स्थान पर बनाया गया है। जहां पर ना तो पानी की आवक होगी और टीले के नीचे होने के कारण दो-तीन वर्ष में ही यह तालाब मिट्टी से भर जाएगा। ऐसे में जिस उद्देश्य से यह तालाब बनाया गया है वह पूरा नहीं हो पाएगा। तालाब निर्माण के स्थान का चयन सही नहीं होने की शिकायत पोर्टल पर भी कार्य शुरू होने से पहले ही कर दी गई थी। वहीं जनसुनवाई में भी यह मुद्दा उठाया गया था। इसके बावजूद तालाब का निर्माण उसी जगह पर कर दिया गया। वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए बताया कि ठेकेदार की ओर से तालाब निर्माण कार्य में नियमानुसार सामग्री का उपयोग नहीं किए जाने के कारण इसमें दरारें भी आने लगी है। तालाब की बनने के बाद कोई टेस्टिंग भी नहीं की गई। बार-बार शिकायत करने के बाद भी कोई ध्यान ? नहीं दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने मामले की जांच करवाने तथा दोषी अधिकारी व ठेकेदार के खिलाफकार्रवाईकरने की मांग की है। इस संबंध में जलग्रहण लाडनूं के एईएन राजेश शर्मा का कहना है कि तालाब निर्माण कार्य अभी गारंटी अवधि में है। यदि ऐसा है तो मामले की जांच की जाएगी।
Published on:
06 Apr 2018 06:09 pm
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