
नागौर. शहर में बदरंग हो रहा दिल्ली दरवाजा।
नागौर. सार्वजनिक स्थानों पर लगी अनचाही सामग्री शहर की सूरत बिगड़ रही है। कई जगह बिना अनुमति ही विज्ञापन लग रहे हैं तो कहीं एक के ऊपर एक पोस्टर की भरमार है। नियमों के तहत भले ही यह गलत है, लेकिन इन पर कार्रवाई भी कौन करें। प्रशासनिक स्तर पर इस तरह की कार्रवाई कभी हुई हो ऐसा याद नहीं पड़ता। जिम्मेदार कार्रवाई से कतरा रहे हैं तो लोग सार्वजनिक सम्पति को बिगाडऩे में लगे हुए हैं। उधर, प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। ऐसे में शहर के ऐतिहासिक दरवाजे हो या अनमोल भवन, जहां भी देखो वहीं पोस्टर-बैनर नजर आते हैं।
सफाई में किसी की दिलचस्पी नहीं
नागौर शहर में विभिन्न जगह विज्ञापन सामग्री लगी हुई है, लेकिन इसे साफ करने में किसी की दिलचस्पी नहीं है। कभी-कभार सफाई अभियान के नाम पर जरूर एक-दो जगहों से पोस्टर हट जाते हैं, लेकिन अधिकतर जगह यूं ही टंगे नजर आते हैं। कुछ स्थलों पर तो धरोहर के बजाय विज्ञापन ही दिखाई देते हैं।
गुम हो रहा स्वरूप
गांधी चौक स्थित अमर टॉवर हो या ऐतिहासिक दरवाजे, सभी पर कोई न कोई विज्ञापन नजर आएगा। समय रहते सफाई नहीं होने से एक के बाद एक विज्ञापनों की भरमार हो जाती है। यदा-कदा सफाई होती है, लेकिन वापस ढेर लग जाता है। इससे इन ऐतिहासिक धरोहरों का स्वरूप भी विज्ञापनों में गुम सा नजर आता है।
फिर भी नहीं हो रही कार्रवाई
सार्वजनिक संपत्ति पर लगी अनधिकृत विज्ञापन सामग्री पर शिकंजा कसने के लिए अधिनियम भी बना रखा है, लेकिन संपत्ति विरूपण रोकथाम अधिनियम के तहत कार्रवाई नहीं हो रही। ऐसा क्यों हो रहा है यह तो पता नहीं, लेकिन कार्रवाई के अभाव में न केवल अधिनियम की धज्जियां उड़ रही है बल्कि शहर का सौंदर्य भी बिगड़ रहा है। अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए सार्वजनिक स्थलों पर लगे पोस्टर-बैनर हटाना कोई मुश्किल काम नहीं है, लेकिन नगर परिषद इस दिशा में ठोस काम नहीं कर रही है।
जल्द ही कार्रवाई करेंगे...
कार्मिकों को निर्देश दे रखे हैं तथा इस तरह के स्थानों का चयन किया जा रहा है। जल्द ही कार्रवाई करेंगे।
- मनीषा चौधरी,आयुक्त, नगर परिषद, नागौर
Published on:
02 Dec 2020 09:24 pm
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