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VIDEO…भगवान को वन के लिए जाते देखकर रोने लगी अयोध्या

Nagaur. वल्कल वेष में सीता व लक्ष्मण सहित वन में पहुंचे रामनया दरवाजा स्थित हनुमान मंदिर में रामलीला में वन गमन एवं दशरथ निधन प्रसंग का मंचनमानस पाठ में अयोध्याकाण्ड का किया गया संगीतमय सामूहिक पाठ

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Musical group recitation of Ayodhyakand in Manas Path

नागौर. नया दरवाजा स्थित हनुमान मंदिर गुरुवार को दोपहर रामायणमय बना रहा। अयोध्याकाण्ड का पाठ करते हुए श्रद्धालुओं के गंूजते स्वरों से पूरा माहौल बदला नजर आया। संगीत पाठ के कारण पूरा मंदिर परिसर भरा नजर आया। मानस सत्संग परिवार की ओर से अयोध्याकाण्ड के दोहे, छंद एवं चौपाइयों का पाठ किया गया। इसमें कैकेयी संवाद, कैकेयी का कोप भवन में जाना, राम-सीता और लक्ष्मण को चौदह वर्ष वनवास, केवट का अद्भुत प्रेम और सीता-राम को गंगा पार पहुचाने आदि प्रसंगों के पाठ भावप्रवण रहे। इसके पश्चात रामायण की आरती व हनुमान चालीस का पाठ किया गया। इस दौरान नेमीचंद मित्तल, सुरेश विश्नोई, गजेंद्र गौर, जय प्रकाश पित्ती, छोटमल जांगिड, सुखदेव चौधरी , जगराम चौधरी, गणपत राम, शंकरलाल चतुर्वेदी, हीरालाल सोनी आदि सामूहिक पाठ में शामिल थे। शाम को ही रामलीला में राम वन गमन एवं दशरथ निधन का प्रसंग मंचित किया गया। रामलीला में विवाह के बाद अयोध्या पहुंचे श्रीराम का राज्याभिषेक करने के दौरान कैकयी कोप भवन में जाना, और दशरथ का उनको समझाना, इसके बाद भी कैकयी की जिद पर आखिरकार भगवान श्रीराम व लक्ष्मण वल्कल वेश में सीता एवं लक्ष्मण के साथ रवाना हुए और प्रजा इनके पीछे चलने सरीखे दृश्य काफी भावप्रवण नजर आए। इधर अयोध्या से निकलते ही पिता दशरथ मुक्र्षित हो गए, और राम-राम कहते हुए उनके प्राण निकल गए। इन दृश्यों को देख रहे श्रद्धालुओं की आंखें भी नम नजर आई। वल्कल वेश में राम, सीता व लक्ष्मण का वन गमन करना व दशरथ के प्राण त्यागने सरीखे दृश्यों से पूरा मंचन स्थल रामायण कालीन युग में बदला सा नजर आया। भगवान श्रीराम का प्रजा को समझाने का दृश्य श्रद्धालुओं को नसीहतें देने के साथ ही उनकेा झकझोर गया।
डिस्कॉम की समझौता समिति की बैठक में 161 प्रकरण निस्तारित
नागौर. डिस्कॉम के अधीक्षण अभियंता एफ. आर. मीणा की अध्यक्षता में गुरुवार को वृत स्तर की हुई समझौता समिति की बैठक हुई। इसमें कुल 161 प्रकरणो का निस्तारण किया गया। अधीक्षण अभियंता मीणा ने बताया कि 31 दिसंबर 021 तक के लम्बित चोरी प्रकरणों में निस्तारण के दौरान 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी। यह छूट सीमा केवल शुक्रवार तक ही है। इसकी सुनर्वा उपखण्ड स्तर पर की जाएगी। इसमें सहायक अभियंता को भी विभाग की ओर से अधिकार दिए गए हैं। वह संबंधित प्रकरण का निस्तारण निर्धारित छूट के साथ कर सकता है। इस दौरान समिति के सदस्यों में लेखा अधिकारी दिनेश टेलर, सतर्कता के अधिशासी अभियंता के. के. शर्मा आदि मौजूद थे।