नागौर. स्थानीय निकाय व स्वायत्त शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने बुधवार को आयुक्तों से कहा कि वह अधिकाधिक फ्री होल्ड के पट्टे जारी करें, लेकिन पट्टे जारी करने के दौरान प्रतिबंधित भूमि पर पट्टे जारी करने की गलती न करें। नही तो यह एक गलती अभियान के दौरान उनके पूरे काम पर भारी पड़ जाएगी। मीणा नागौर जिला परिषद के सभागार में प्रशासन-शहरों व प्रशासन गांवो के संग अभियान की समीक्षा कर रहे थे। साथ मे क्षेत्रीय उपनिदेशक अनुपमा टेलर व जिला कलक्टर जितेंद्र कुमार सोनी, एडीएम मोहन राम व आयुक्त श्रवण कुमार चौधरी सहित जिले के सभी ईओ भी मौजूद थे। मीणा ने कहा कि पट्टे जारी करने में कोताही बिल्कुल नही बरती जानी चाहिए। सरकार की मंशा के अनुरूप परकोटे के अंदर भी अधिकाधिक पट्टे दिए जाएं। इसके लिए आयुक्त सफाई निरीक्षकों व जमादार आदि की मदद लेकर प्रत्येक तक इसकी सूचना पहुचाने का काम पूरी ईमानदारी से करे, ताकि पट्टों से कोई वंचित न रहे। इसके लिए पूरा प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने कच्ची बस्ती व खाँचा भूमि व 69 के तहत जारी होने वाले पट्टों में प्रावधानों के पालन की हिदायत भी दी।
इस पर पट्टे नहीं जारी करने की मिली हिदायत
इसमें नागौर, डीडवाना, नांवा, मकराना, मेडता व मुंडवा के चेयरमैन व आयुक्त ने क्षेत्र की राजस्थान हाई कोर्ट के द्वारा प्रतिबंधित अंगोर गोचर पायतन डोली की भूमियों के बारे में अवगत कराया गया। इस पर नगरीय विकास के प्रमुख शासन सचिव कुंजी लाल मीणा ने कहा कि प्रतिबंधित भूमियों पर इसी प्रकार का पट्टा जारी नहीं करें। इसके साथ ही कलक्टर नागौर डॉ जितेन्द्र कुमार सोनी ने कहा कि मास्टर प्लान और हाईकोर्ट के आदेशों को ध्यान मे रखकर नगर पालिका और नगर परिषद क्षेत्र मे पट्टा जारी करे इस कार्य में पूरी पारदर्शिता बरती जाए। नगरीय शासन सचिव मीणा ने कहा कि पट्टे जारी करने में कोताही बिल्कुल नही बरती जानी चाहिए। सरकार की मंशा के अनुरूप परकोटे के अंदर भी अधिकाधिक पट्टे दिए जाएं। इसके लिए आयुक्त सफाई निरीक्षकों व जमादार आदि की मदद लेकर प्रत्येक तक इसकी सूचना पहुचाने का काम पूरी ईमानदारी से करे, ताकि पट्टों से कोई वंचित न रहे। इसके लिए पूरा प्रचार-प्रसार करें। उन्होंने कच्ची बस्ती व खाँचा भूमि व 69 के तहत जारी होने वाले पट्टों में प्रावधानों के पालन की हिदायत भी दी। निदेशक आयोजना विनय कुमार व जिले के सभी स्थानीय निकायों के ईओ एवं सभापति आदि मौजूद थे।
प्रदेश में अव्वल आने पर की सराहना
नगरीय विकास प्रमुख शासन सचिव प्रशासन शहरों के संग अभियान के अंतर्गत जिले को पट्टा वितरण कार्य में जिले के प्रदेश में अव्वल आने पर सराहना करते हुए बधाई दी। उन्होंने कहा कि नगर विकास न्यास एवं नगरीय निकाय के द्वारा समस्त कॉलोनियों की विकास समितियों एवं कॉलोनाइजरों से सम्पर्क किया जाएं। इसके लिए प्रत्येक कॉलोनी का एक प्रभारी नियुक्त किया जाएं। प्रभारी संबंधित कॉलोनियों के प्रमुख व्यक्तियों के साथ बैठक करें। इस सम्पर्क बैठक में पट्टा प्राप्त करने की प्रक्रिया, फ्री होल्ड पट्टे के लाभ, धारा 69-ए के माध्यम से मिलने वाले पट्टों तथा विभिन्न छूटों की जानकारी दी जाएगी। इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रत्येक कॉलोनी में घर-घर सर्वे के दौरान अधिक से अधिक लीज होल्ड से फ्री होल्ड के पट्टे जारी करवाएं इसके लिए जिले के सभी नगरीय निकायों से 15 फरवरी तक करीब साढे 7 हजार पट्टे देने का लक्ष्य दिया गया।
इसका भी रखना पड़ेगा ध्यान
बैठक में कहा गया कि किसी भी सामाजिक संस्था को रजिस्टर्ड होने पर उसे पट्टे देने की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है, लेकिन इसके लिए निर्धारित प्रावधानों का कड़ाई से पालन करना होगा। इसके साथ कृषि भूमि के पट्टे जारी होने से पूर्व इसकी पुष्ठी करना बेहद जरूरी रहेगा कि 30 फुट रोड है कि नहीं। यदि 30 फुट रोड नहीं है तो इस पर प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करनी होगी।
नगरीय विकास प्रमुख शासन सचिव ने इसकी भी दी जानकारी
समीक्षा के दौरान 17 जून 1999 से पूर्व एवं पश्चात कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों में विक्रय योग्य व सुविधा क्षेत्र में रखे जाने वाले अनुपातों की विस्तार से जानकारी दी गई। इसके पूर्व की कृषि भूमि पर बसी लेआउट स्वीकृत दस से 30 प्रतिशत सुविधा वाले क्षेत्रों के पट्टो को जारी करने के संदर्भ में प्रावधानों, लेआउट स्वीकृत होने के पश्चात भी लेआउट में अंकित भूखण्ड के उपविभाजित भूखण्ड का पट्टा कैसे दिया जा सकता है, पंद्रह जनवरी 2022 से पूर्व नीलामी से क्रय किए गए भूखण्डों पर पुर्नग्रहण शुल्क देय है या नहीं, 31 मार्च 2019 से पूर्व की स्वीकृत कॉलोनियों में 500 वर्गमीटर तक के आवासीय भूखण्डों पर कौन से शुल्क देय हैं, क्या सभी शहरों में कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों जोनल प्लान बनाया जाना आवश्यक है, नगरपालिका अधिनियम की धारा 69 ए के प्रकरणों में मास्टर प्लान के अनुसार व्यवसायिक पट्टा दिया जा सकता है, नगपालिका की धारा 69 ए के प्रकरणों में सडक़ों की न्यूनतम चौड़ाई कितनी होगी, पालिका अधिनियम की धारा 69 ए के अनुसार प्राधिकरण व नगरविकास न्यास भी पट्टे दे सकते हैं, 69 ए की धारा के विज्ञप्ति जरूरी है या नहीं, कृषि भूमि कॉलोनी की आवासीय कॉलोनी में क्या व्यवसायिक पट्टे दिए जा सकते हैं, लीज होल्ड पट्टे को क्या सौ रुपए के स्टाम्प पर पंजीयन कार्यालय में समर्पण कराना जरूरी है, बैंक में रहन रखे लीज होलड पट्टे के बदले फ्री होल्ड पटï्टा लिया जा सकता है क्या, पूर्व में आवासीय पट्टा जारी होने के साथ एकमुश्त राशि जमा होने की स्थिति में मास्टर प्लान या जोनल प्लान में व्यवसायिक उपयोग है, सरीखे प्रकरणों में व्यवसायिक पट्टे में लीज राशि किस प्रकार देय होगी एवं कृषि भूमि पर विकसित हो चुकी कॉलोनियों के भूखण्डधारियों की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्रों पर पट्टे दिए जा सकते हैं क्या आदि के बारे में विस्तार से समझाया गया।
सभी को मिले पट्टे जारी करने के लक्ष्य
बैठक में प्रशासन-शहरों संग अभियान के दौरान द्वितीय चरण के शिविर की तैयारियों के संदर्भ में चर्चा करने के साथ ही नगर निकायों से जारी होने वाले पट्टों के लक्ष्य मांगे गए। नागौर, कुचामन, कुचेरा एवं डीडवाना तथा लाडनू आदि अन्य ईओ को उनसे चर्चा करने के स्थितिनुसार पट्टा जारी करने का लक्ष्य दिया गया। इसमें प्रमुख शासन सचिव कुंजीलाल मीणा ने कहा कि दिए गए लक्ष्य रिकार्ड में शामिल किए जा रहे हैं। इसकी पूर्ति उनको करनी होगी। इसके अलावा शिविर में हुए अन्य कार्यों की भी समीक्षा की गई।