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नागौर. भीषण गर्मी में चारा-पानी के अभाव में गायों की दुर्दशा व वन्य जीवों की अकाल मौत को लेकर बुधवार को जीव प्रेमियों ने जागरुकता रैली निकाली। गर्मी के मौसम में गोवंश व वन्यजीवों की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए गो चिकित्सालय, पीपूल फॉर एनिमल्स, हनुमान गोशाला, कामधेनु सेना, अखिल भारतीय जीव रक्षा विश्नोई महासभा, भगवा स्वयं सेवक संघ, भीम सेना के संयुक्त तत्वावधान में शहर में दुपहिया वाहनों पर चेतना रैली निकाली गई। रैली के बाद जीव प्रेमियों ने गोवंश एवं वन्य जीवों के मुद्दों की ओर ध्यान केन्द्रित करने के लिए कलक्टर के नाम एडीएम अशोक कुमार को ज्ञापन सौंपा। इस दौरान जीव प्रेमियों ने दो दिन पहले मकराना के दाबडिय़ा में हुए 25 मोरों के शिकार का मुद्दा भी उठाया तथा शिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी में गोवंश के लिए खेतों में चारा नहीं मिलता। वहीं, दूसरी ओर तालाब, पोखर इत्यादि सूख गए हैं, तो गोवंश व वन्य-जीव पानी के लिए मारा-मारा भटकता है। गो चिकित्सालय की व्यवस्थापिका प्रवीणा सोलंकी ने बताया कि महामण्डलेश्वर स्वामी कुशालगिरी के निर्देशानुसार गो चिकित्सालय के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह सांखला, पीपूल फॉर एनिमल्स के अध्यक्ष हिम्मताराम भाम्भू एवं हनुमान गोशाला के संस्थापक दौलत भाटी, अखिल भारतीय जीव रक्षा विश्नोई महासभा के जिलाध्यक्ष रमेश विश्नोई, कामधेनु सेना के जिलाध्यक्ष विक्रमसिंह राठौड़, भगवा स्वयं सेवक संघ के ग्रामीण जिलाध्यक्ष कैलाश ईनाणियां एवं भीम सेना के सदस्यों ने जिले के गोभक्तों को साथ लेकर नया दरवाजा स्थित हनुमान गोशाला से कलक्ट्रेट तक चेतना रैली निकाली। रैली के दौरान प्लास्टिक पर रोक लगाने, सार्वजनिक स्थानों पर सरकारी खर्च से चारा-पानी की व्यवस्था करने की
मांग की।
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आयुक्त को निलंबित करने की मांग
नागौर. नगर परिषद सभापति कृपाराम सोलंकी ने जिला कलक्टर को ज्ञापन देकर आयुक्त धर्मपाल जाट को एक मामले में स्थानीय निकाय विभाग, निदेशक कोर्ट में पैरवी के लिए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर नहीं कर नगर परिषद के हितों को हानि पहुंचाने व पदीय कर्तव्य का निर्वहन नहीं करने पर निलंबित करने की मांग की है। सभापति कृपाराम ने कलक्टर कुमारपाल गौतम को ज्ञापन भेजकर आयुक्त पर भू माफिया को लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया है। पूर्व में भी नगर परिषद की अन्य सम्पत्तियों को लेकर आयुक्त के रवैये को लेकर कलक्टर, डीएलबी को पत्र भेजा था।
भू माफिया को लाभ
सभापति सोलंकी ने ज्ञापन में लिखा है कि स्थानीय निकाय विभाग की निगरानी में प्रस्तुत रिव्यू प्रार्थना पत्र में पहले 17 मई को जवाब पेश करना था, लेकिन आयुक्त ने हस्ताक्षर नहीं किए। बाद में 5 जून को जवाब भिजवाना था, फिर भी आयुक्त ने हस्ताक्षर नहीं किए। आयुक्त ने दो पेशी तक नगर परिषद नागौर के हित में पैरवी नहीं कर भू माफिया को लाभ पहुंचाया है। उधर, आयुक्त धर्मपाल का कहना है कि किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती है, निगरानी को लेकर कोर्ट में जवाब पेश किया गया है।
Published on:
07 Jun 2018 11:36 am
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