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जीतेश रावल
नागौर. लॉकडाउन में मजदूर एवं दैनिक रूप से कार्य करने वाले लोग बेरोजगार हो गए हैं। सरकार अब ऐसे परिवारों को सहायता के लिए प्रति माह 10 किलो गेहंू व एक किलो दाल देगी। बेरोजगार हुए दैनिक मजदूरों का डेटा बेस तैयार किया जा रहा है। इसके लिए सर्वे चल रहा है। विशेष श्रेणी के परिवारों के चिह्नीकरण के लिए केवल जन आधार के डेटाबेस को काम में लिया जाएगा। इसमें वे लोग शामिल होंगे, जो खाद्य सुरक्षा जैसी योजनाओं से लाभान्वित नहीं हो रहे हैं। साथ ही दैनिक रूप से मजदूरी करने वाले लोग, जिनका रोजगार लॉक डाउन के कारण बंद हो गया है। उधर, नागौर नगरीय क्षेत्र में विशेष श्रेणी के परिवारों का चिह्नीकरण किया जा चुका है। यहां कुल पौने तीन सौ परिवारों को इसमें पात्र माना गया है। इसकी सूची भेजी जा चुकी है तथा जल्द ही सहायता मुहैया होनी की उम्मीद है।
इस तरह किया जा रहा सर्वे
गैर एनएफएसए परिवारों का ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों का ग्रामवार व वार्डवार डेटा उपलब्ध करवाया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आपदा प्रबंधन के गठित ग्राम स्तरीय कोर गुप एवं बीएलओ के माध्यम से सर्वे कराकर वर्णित श्रेणियों के पात्र परिवारों का चिह्नीकरण किया जाएगा। शहरी क्षेत्रों में यह सर्वे का कार्य नगरीय निकाय व बीएलओ के माध्यम से होगा। इसके लिए कोई भौतिक प्रपत्र काम में लेने के बजाय मोबाइल एप के माध्यम से ही सर्वे पूर्ण किया जाएगा। सर्वे के लिए नियुक्त कार्मिक घर-घर जाकर विशेष श्रेणी के परिवारों का चिह्नीकरण कर मोबाइल एप में दर्ज करेंगे।
खुद दर्ज करवा सकते हैं सूचना
सर्वे के अतिरिक्त वर्णित विशेष श्रेणी के परिवारों की ओर से स्वयं भी मोबाइल एप पर अपने परिवार की सूचनाएं दर्ज करते हुए पंजीयन कराया जा सकता है। जिन परिवारों ने स्वयं अपना पंजीयन करा दिया है। उनकी सूचना मोबाइल एप पर पंजीयन के साथ मिलेगी। ये जानकारी मोबाइल एप के माध्यम से सर्वे करने वाले कार्मिकों के पास भी रहेगी। इससे उन्हें ऐसे परिवारों के पास सर्वे करने नहीं जाना पड़ेगा। हां, जिन परिवारों ने अपना पंजीयन स्वयं कराया है उसकी पुष्टि के लिए दस फीसदी रैंडम सर्वे या जांच भी की जाएगी।
चिह्नित होने वाली संभावित पात्र श्रेणियां
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा (एनएफएसए) में लाभ नहीं लेने वाले नाई, धोबी, मोची, घरेलू नौकर, भिखारी, रिक्शा व ऑटो चालक, पान की दुकान, रेस्टोरेंट में कार्यरत वेटर, रद्दी वाले, निर्माण मजदूर, कोरोना के कारण बंद हुए उद्योगों में लगे मजदूर, होटल-रेस्टोरेंट में कार्यरत मजदूर, माइग्रेट लेबर, जो बाहर से आए हैं, ड्राइवर, कंडक्टर, प्राइवेट पब्लिक ट्रांसपोर्ट, जूते पॉलिश करने वाले स्ट्रीट वेंडर आदि को विशेष संभावित पात्र श्रेणी में माना है। साथ ही ठेले वाले, रेहड़ी वाले, पूजा पाठ कराने वाले पंडित, कर्मकांडी पंडित, मैरिज पैलेस में काम करने वाले मजदूर, सिनेमा हॉल में काम करने वाले मजदूर, कोचिंग संस्थानों के सफाईकर्मी व नौकर, बैंड वादक, घोड़ी वाला, विवाह आदि समारोह, कैटरिंग कार्य से संबंधित कार्मिक, आरा मशीन श्रमिक को भी इसमें पात्र माना है।
सर्वे करवा चुके हैं...
नगरीय क्षेत्र में सर्वे कार्य पूरा हो चुका है। शहर में 262 परिवार ऐसे हैं, जो एनएफएसए जैसी योजनाओं में लाभ नहीं ले रहे हैं। इनकी सूची बनाकर आगे भेज दी है। संभावित श्रेणी के इन पात्र परिवारों को प्रतिमाह दस किलो गेहूं एवं एक किलो दाल की सहायता दी जाएगी।
- जोधाराम बिश्नोई,आयुक्त, नगर परिषद, नागौर
Published on:
21 May 2020 06:38 pm
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