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राजस्थान में एक और ‘मटकी कांड’, दलित युवक को पानी पीने से रोका…दी धमकी; सांसद ‘रावण’ ने की ये मांग

Rajathan News: जालौर जिले में हुए मटकी प्रकरण के बाद नागौर जिले के खींवसर उपखण्ड में भी ऐसी घटना सामने आई है। घटना रविवार शाम को कांटिया गांव हुई।

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प्रतिकात्मक तस्वीर, फोटो- मेटा AI

Rajathan News: जालौर जिले में हुए मटकी प्रकरण के बाद नागौर जिले के खींवसर उपखण्ड में भी ऐसी घटना सामने आई है। घटना रविवार शाम को कांटिया गांव हुई। इस संबंध में पीड़ित ने सोमवार को खींवसर पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया। पीड़ित ने पुलिस को दी रिपोर्ट में पानी पीने को लेकर छुआछूत, गाली-गलौज, मारपीट व जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाया है।

पुलिस ने एससी-एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर जांच पुलिस उपाधीक्षक रामप्रताप विश्नोई को सौंपी है। घटना के बाद मेघवाल समाज में रोष व्याप्त है। पुलिस ने खींवसर थाने मे धारा 3(1) (R) (S) SC-ST एक्ट में मामला दर्ज किया है।

पीड़ित ने रिपोर्ट में क्या-क्या बताया?

पीड़ित आऊ गांव निवासी ओमप्रकाश पुत्र मुकनाराम मेघवाल ने खींवसर पुलिस को रिपोर्ट देकर बताया कि वह रविवार शाम को करीब 7 बजे दोस्त अशोक पुत्र गंगाराम के साथ मोटरसाइकिल से कांटिया गांव में रिश्तेदार हरकाराम के घर जागरण में शामिल होने जा रहा था। रास्ते में एक किराणा स्टोर के पास रुके। वहां बाहर रखी पानी की मटकी से मैंने लोटा भरकर पानी पिया। इस दौरान किराणा स्टोर के मालिक कालूराम जाट, पास की दुकान के मालिक ओमप्रकाश व नरसीराम ने मेरा नाम और जाति पूछी। उसने अपनी जाति बताई तो तीनों ने उसे जातिसूचक गालियां दी और पानी पीने पर आपत्ति जताई।

ओमप्रकाश ने बताया कि उसने मटकी का लोटा रेत से मांजकर साफ किया, उसके बावजूद आरोपियों ने उसे गालियां दीं, धक्का-मुक्की कर जान से मारने की धमकी दी।

तीन गिरफ्तार, दुकानों पर नहीं मिले आरोपी

जांच अधिकारी नागौर पुलिस उपाधीक्षक विश्नोई ने बताया कि कांटिया में हुई घटना को लेकर पुलिस ने मंगलवार को तीनों आरोपी कालूराम, ओमप्रकाश व नरसीराम को गिरफ्तार किया है।

मामला दर्ज होने के बाद मंगलवार को पुलिस उपाधीक्षक रामप्रताप विश्नोई सहित अन्य अधिकारी कांटिया गांव पहुंचे, लेकिन आरोपी दुकानदार भाग छूटे। बाद में पुलिस ने दबिश देकर तीनों आरोपियों को हिरासत में लिया। पुलिस अधीक्षक नारायण टोगस ने बताया कि इस संबंध में एससी-एसटी एक्ट में मामला दर्ज किया है। जांच जारी है।

मामले को छुपाने में लगी रही पुलिस

मेघवाल युवक के साथ मारपीट की घटना रविवार की है। सोमवार को पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ था, लेकिन खींवसर पुलिस मामले को छुपाने में लगी रही। घटना को लेकर मीडिया ने जब खींवसर पुलिस से जानकारी चाही तो उन्होंने शांति बताकर मामले को छुपाने का प्रयास किया। मंगलवार को भी खींवसर पुलिस घटना संबंधी किसी प्रकार की जानकारी देने से बचती रही। हैड कानिस्टेबल पोकरराम ने बात करने से भी परहेज किया।

रात में फिर डराने की कोशिश

पीड़ित ने बताया कि वह उनसे डर कर रिश्तेदार हरकाराम के घर चला गया, लेकिन रात करीब साढ़े 11 बजे तीनों आरोपी एक कैंपर गाड़ी लेकर हरकाराम के घर के पास पहुंचे और तीन-चार बार चक्कर लगाकर गाड़ी के टायर घसीटे, जिससे इलाके में दहशत फैल गई।

चन्द्रशेखर आजाद ने उठाई ये मांग

यूपी के नगीना से सांसद और आजाद समाज पार्टी के चीफ चन्द्रशेखर आजाद ने कहा कि राजस्थान के नागौर जिले के खींवसर थाना क्षेत्र के कांटिया गांव में केवल मटकी से पानी पी लेने के "जघन्य अपराध" में दो दलित युवकों को जातिसूचक गालियां दी गईं, उनका अपमान किया गया और उनसे जबरन बर्तन साफ करवाए गए। यह अमानवीय घटना कोई साधारण विवाद नहीं, बल्कि हजारों वर्षों से चली आ रही जातिवादी घृणा का भयानक प्रतिबिंब है।

आज मैं समाज से पूछना चाहता हूं- क्या आज भी दलितों को पानी पीने का अधिकार नहीं है?

हम राजस्थान सरकार से मांग करते हैं-

- दोषियों पर SC/ST अत्याचार निवारण अधिनियम तथा BNSS की सख्त धाराओं के तहत तत्काल मामला दर्ज किया जाए।

- पीड़ितों को सुरक्षा एवं उचित मुआवज़ा प्रदान किया जाए।

- जिला प्रशासन एवं पुलिस मामले में त्वरित कार्रवाई करें।

- गांव में सामाजिक सद्भावना बनाए रखने हेतु विशेष निगरानी रखी जाए।

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