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VIDEO…राजस्थान के इस जिले में बिगड़ता पर्यावरण बना ग्लोबल वार्मिंग का खतरा

Nagaur. कचरा निस्तारण नहीं होने के कारण खुली सरकारी जमीनें बन रहे अघोषित डंपिंग यार्ड

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Nagaur news

Deteriorating environment poses threat of global warming in this district of Rajasthan

-कचरा निस्तारण नहीं होने के कारण खुली सरकारी जमीनें बन रहे अघोषित डंपिंग यार्ड
-कचरा निस्तारण प्लांट होने पर जमीन के साथ पानी की भी सुधर सकती है सेहत
-कचरा संग्रहण के नाम पर खानापूर्ति से शहर के विभिन्न क्षेत्रों के मार्गों पर लगा कचरा का ढेर
-एकत्रित कचरा का ढेर दुर्गन्ध के साथ ही ग्लोबल वार्मिंग का भी बन रहा सबब


नागौर. कचरा को अलग-अलग कर निस्तारण करने के प्रबंधन के अभाव में शहर में कई जगहों पर कूड़ाघर खुल गए हैं। कई जगहों पर कचरों के ढेर के साथ नालियों के किनारे के लग रहे गंदगी के पहाड़ों ने स्थिति विकट कर दी है। यह स्थिति केवल नालियों एवं नालों की ही नहीं, बल्कि राजमार्गों से लेकर रिहायसी क्षेत्र के कई मार्गों की है। गीला व सूखा कूड़ा को अलग कर इकट्टा करने का प्रयास जिम्मेदारों की ओर से नहीं किए जाने के कारण कई जगहों पर खड़े हुए कचरा के पहाड़ अब जल, जमीन एवं पर्यावरण के लिए संकट बनते नजर आने लगे हैं। हालांकि नगरपरिषद की ओर से कचरा निस्तारण प्लांट लगाए जाने के लिए प्रस्ताव तो भेजा गया है, लेकिन इस पर अब तक कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आने से अब हालात बेकाबू होने लगे हैं।


कचरा निस्तारण प्लांट की स्थापना को लेकर बरती गई लापरवाही के अब दुष्परिणाम नजर आने लगे हैं। शहर के शहर के बीकानेर रेलवे फाटक के पास स्थित व्यास कॉलोनी से लेकर सघन बस्तियों में बंशीवाला क्षेत्र, कुम्हारी दरवाजा, शिवबाड़ी एवं केन्द्रीय बस स्टैंड के नजदीक खत्रीपुरा आदि मोहल्लों में सफाई व्यवस्था के नाम पर कई जगह कचरे के लगे ढेर पर्यावरण को पूरी तरह से नेस्ताबूत करने में लगे हुए हैं। हालांकि पूर्व में नगरपरिषद की ओर से व्यवस्था को बनाए रखने के लिए तीन से छह जोन कर दिए जाने के साथ ही नई सफाई व्यवस्था को लागू करने का दावा किया गया था। रपरिषद ने नकास सफाई सर्किल, संजय सफाई सर्किल, माही दरवाजा सफाई सर्किल, राठौड़ी कुआ सफाई सर्किल, शिवबाड़ी सफाई सर्किल एवं दिल्ली दरवाजा सर्किल बनाए थे। तीन से छह जोन होने के बाद भी नगरपरिषद की ओर से सूखा एवं गीला कचरा अलग-अलग कर निस्तारण करने का प्रबंधन नहीं होने की वजह से स्थिति अब दिनों दिन खराब होने लगी है।