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हंगामेदार रही खींवसर पंचायत समिति की साधारण सभा में छाए बिजली पानी के मुद्दे

- अधिकारी अपने दायित्व को समझे ताकि समय पर हो समस्याओं का निस्तारण: बिडियासर -जनप्रतिनिधियों का बैठकों से मोहभंग, प्रतिनिधियों की पंचायती खींवसर(नागौर). खींवसर पंचायत समिति की मंगलवार को आयोजित साधारण सभा की बैठक में बिजली, पानी के मुद्दे छाए रहे। जनप्रतिनिधियों ने पिछली बैठक के प्रस्तावों पर कार्यवाही नहीं होने पर नाराजगी जताई।

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nagaur

साधारण सभा

जनप्रतिनिधियों का आरोप था कि जब उनके मुद्दों पर सुनवाई नहीं होती तो उनका बैठकों में आने का औचित्य क्या है। बैठक में बार-बार जनप्रतिनिधियों व विभागीय अधिकारियों के बीच तकरार भी हुई। इस दौरान प्रधान सीमा बिडियासर ने कहा कि अधिकारी अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों को समझते हुए जनप्रतिनिधियों की समस्याओं पर त्वरित कार्यवाही करते हुए राहत पहुंचाने का पूरा प्रयास करें। ग्रामीणों के समय पर काम नहीं होने पर संबंधित क्षेत्र के निर्वाचित जनप्रतिनिधि को जवाब देना भारी पड़ता है, ऐसे में अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि समन्वय बनाकर काम करें ताकि पात्र और पीडि़त को समय पर योजनाओं का लाभ मिले एवं समस्या से राहत मिल सके।

किसी ने नहरी पानी तो किसी ने कदमी रास्तों का उठाया मुद्दा

प्रधान सीमा बिडियासर ने बैठक में स्वच्छ भारत मिशन के शौचालयों के आवेदन शिविरों में प्राप्त होने तथा उनके संबंध में कार्यवाही के संबंध में जानकारी चाही। जिस पर विकास अधिकारी ने दो दिवस में आवश्यक रिपोर्ट सौंपने का आश्वासन दिया। सरपंच संघ अध्यक्ष जगदीश बिडियासर ने सिंगल फेज टयूबवेल कनेक्शनों का मुद्दा व ग्रामीण क्षेत्रों में कदीमी रास्तों का राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज करने का मुद्दा उठाया। जिला परिषद सदस्य दिनेश चौधरी ने आकला में सियागों की ढाणी में पाइपालन व आकला बैराथल में नहरी पानी की आपूर्ति के संबंध में मुद्दा उठाया। इस पर पीएचइडी के सत्यनारायण बरवड़ ने कहा कि २० घरों पर एक कनेक्शन का प्रावधान है, लेकिन घरों में व्यक्तिगत कनेक्शन होने के कारण समस्या हुई। भेड़ सरपंच गणपत बिश्रोई ने जल जीवन मिशन पाइप लाइन को डालने का मुद्दा उठाया। इस पर कनिष्ठ अभियंता ने दुरस्त करवाने का आश्वासन दिया। सरपंच बिश्रोई ने डामर सडक़ों से हाई वॉल्टेज लाइनें हटवाने का मुद्दा उठाते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व सहायिका चयन का विरोध किया, वहीं नारवा के पंचायत समिति सदस्य ने राइजिंग लाइन तोडक़र घरों में कनेक्शन करने का मुद्दा उठाया। जिस पर विभाग के अधिकारी ने नए प्रपोजल के संबंध में अवगत करवाया। ग्राम लूणावास ट्यूबवेल मुद्दे पर अधिकारियों ने कहा कि ५० टयूबवेल के प्रपोजल भिजवाए हैं , जिसे लूणावास सहित १४ की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। खींवसर सरपंच राजूदेवी देवड़ा ने पीएचईडी व नहरी विभाग की जलापूर्ति की समस्या का मुद्दा उठाया।

उप प्रधान रामसिंह बागडिय़ा ने ढाणियों में विद्युत वॉल्टेज कम करने व परियोजना के कनेक्शनों का मुद्दा उठाया। ढींगसरा सरपंच दुर्गाराम सारण ने एक वर्ष से ऑनलाइन नक्शे प्राप्त नहीं होने का मुद्दा उठाया। सरपंच ने नंदवाणी राजकीय माध्यमिक विद्यालय में मधुमक्खियों के छातों का मुद्दा उठाया जिस पर ब्लॉक शिक्षा अधिकारी ने वन विभाग से कहकर इन्हें हटवाने की जानकारी दी।

भूण्डेल सरपंच धर्मेन्द्र गौड़ ने दो वर्ष पहले डिमांड जमा करवाने पर भी कनेक्शन नहीं देने, विद्युल लाइन हटाने, पटवारियों के मुख्यालय पर उपस्थित नहीं रहने, खाद्य सुरक्षा में पात्र लोगों के फार्म के संबंध में मुद्दा उठाया। बैराथल सरपंच निरमा पंचारिया ने मनरेगा के मेट के भुगतान का मुद्दा उठाया। विकास अधिकारी ने मेटों के पैनल तैयार करने एवं रोटेशनल आधार पर नियोजित करने की बात कही। पंचायत समिति सदस्य ने ग्राम पंचायत चावण्डिया ने तालाब के अंगोर में मृत पशुओं के डालने एवं गंदगी का मुद्दा उठाया जिस पर विकास अधिकारी ने समस्या समाधान का आश्वासन दिया। पंचायत समिति सदस्य सुमित्रा आचार्य ने खींवसर में नहरी जल कनेक्शन पर कर्मचारियों द्वारा लूटमारी करने का मुद्दा उठाया। जिस पर विभाग के अधिकारी ने मुद्दे को गलत मानते हुए निर्धारित दर अनुसार ही राशि वसूलने की बात कही।

इन्होंने लिया बैठक में भाग

बैठक में तहसीलदार हर्ष मीणा, सहायक विकास अधिकारी श्रवणराम प्रजापत, मेघाराम स्वामी, दांतिणा सरपंच श्रवणराम, नागड़ी सरपंच बलदेवराम सोऊ, पाबूसर सरपंच गोपाराम, भेड़ सरपंच गणपतराम बिश्रोई, पापासनी सरपंच भानाराम सियाग, आचीणा सरपंच श्रवणसिंह, पांचलासिद्धा सरपंच राजेन्द्रसिंह, बैराथल जनप्रतिनिधि रामेश्वर पंचारिया, पूसाराम आचार्य, देऊ जनप्रतिनिधि जगदीश सुथार, पांचौड़ी जनप्रतिनिधि राजेन्द्रसिंह, ढींगसरा जनप्रतिनिधि पदमाराम सारण, खींवसर जनप्रतिनिधि चम्पालाल देवड़ा, खुण्डाला जनप्रतिनिधि रामेश्वर गोदारा, ग्राम विकास अधिकारी हरभजनसिंह, भंवर गोदारा, मेहराम चौधरी, ओमप्रकाश प्रजापत, कुंभाराम बेनीवाल, लक्ष्मण चौधरी, माणक हुड्डा, जितेन्द्र जाजड़ा, ब्लॉक सांख्यिकी अधिकारी जेठाराम गोदारा, सामाजिक सुरक्षा अधिकारी मांगीलाल हटिला सहित कई अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।


जनप्रतिनिधियों का बैठकों से मोहभंग, प्रतिनिधियों की पंचायती

- पंचायत समिति की साधारण सभाओं में नहीं पहुुंच रहे सरपंच एवं पंचायत समिति सदस्य

- कागजी खानापूर्ति से चला रहे काम

पत्रिका ग्राउण्ड रिपोर्ट

सवाईसिंह हमीराणा

खींवसर. सरकार ने भले ही निर्वाचित जनप्रतिनिधि के अलावा प्रतिनिधियों के ग्राम पंचायत एवं पंचायत समिति की बैठकों में भाग लेने पर सख्त रोक लगा रखी हो, लेकिन ग्राम पंचायतों सहित पंचायत समिति की साधारण सभा की बैठकों में प्रतिनिधियों की ही पंचायती देखी जा रही है। असल कारण यह भी है कि बैठकों में काम नहीं होने से नाराज सरपंच एवं पंचायत समिति सदस्यों का मोहभंग हो रहा है। पंचायत समिति की साधारण सभा में २०-३० प्रतिशत ही सरपंच एवं पंचायत समिति सदस्य भाग ले रहे हैं। खास बात यह है कि पंचायत समिति सदस्य तो जनसमस्याओं के मुद्दे उठाने से भी परहेज करने लगे है। कारण साफ है कि लगातार साधारण सभाओं में वहीं पुराने मुद्दे आ रहे हैं , जबकि समाधान कहीं नजर नही आ रहा। यही हाल ग्राम पंचायतों की बैठकों का है। गिनी चुनी ग्राम पंचायतों में सरपंच हिस्सा ले रहे हैं, जबकि प्रतिनिधि ही पंचायती करते देखे जाते हैं। बैठकों में काम नहीं होने के पीछे यह भी कारण है कि पूर्व में खींवसर पंचायत समिति की आधी ग्राम पंचायत मूण्डवा व नागौर में शामिल थी। इनमें कुछ विभागों का एकीकरण नहीं होने से आधे अधिकारी ही बैठकों में पहुंच रहे हैं। चिकित्सा विभाग में दो बीसीएमओ का क्षेत्र आता है। वहीं विद्युत निगम के भी खींवसर एवं नागौर दोनों का क्षेत्र आता है। जबकि बैठकों में एक-एक ही अधिकारी भाग ले रहे हैं। रोडवेज, सैनिक कल्याण सहित कई विभागों के अधिकारियों ने तो पंचायत समिति कार्यालय का मुंह तक नहीं देखा है।

जिम्मेदारों की अनदेखी

सरपंचों एवं पंचायत समिति सदस्यों के बैठकों में शत प्रतिशत भाग नहीं लेने के पीछे प्रमुख कारण यह भी है कि जिम्मेदार अधिकारी बैठकों की समय पर सूचना तक नहीं देते हैं। विकास अधिकारी साधारण सभा का कार्यक्रम भले ही सप्ताहभर पूर्व तय कर लें , लेकिन जनप्रतिनिधियों को कुछ घण्टों पहले ही सूचना दी जाती है। ऐसे में अधिकारियों के रवैये से जनप्रतिनिधि बैठकों में भाग लेने में रूचि कम दिखा रहे हैं। मंगलवार को भी यही हुआ साधारण सभा का कार्यक्रम भले ही ११ अप्रेल को तय हो गया, लेकिन सरपंचों एवं पंचायत समिति सदस्यों को १८ अप्रेल की शाम को औपचारिक सूचना दी गई। जिस कारण साधारण सभा में ३५ में से केवल ८ सरपंच ही भाग लेने पहुंचे इनमें से दो सरपंच तो बैठक के बीच में ही चले गए।

विभागीय अधिकारियों पर नकेल नहीं

बड़े अधिकारियों की ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों पर सख्ती नहीं होने से साधारण सभा केवल औपचारिक बनकर रह गई है। अधिकांश बैठकों में महत्वपूर्ण विभागों के अधिकारी आते तक नहीं है तो कई विभागों के अधिकारी अपने छोटे कर्मचारियों यहां तक की चपरासी तक को भेज देते हैं। बैठकों में सक्षम अधिकारी के अभाव में समस्याएं कई महीनों तक लटकी रहती है। विकास अधिकारी एवं उपखण्ड अधिकारी द्वारा भाग नहीं लेने वाले अधिकारियों एवं छोटे कर्मचारियों को बैठकों में भेजने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कदम नहीं उठाने ने यह हालात हो रहे हैं। मंगलवार को हुई साधारण सभा में उपखण्ड अधिकारी तक शामिल नहीं हुई।

खींवसर. खींवसर पंचायत समिति की साधारण सभा में मौजूद जनप्रतिनिधि।