
Even after three years, the system of providing electricity per month could not be started
-हर माह बिजली का बिल नहीं देने पर उपभोक्ताओं पर पड़ रहा विद्युत व्यय का अतिरिक्त भार
-जयपुर में प्रतिमाह मिलता है बिजली का बिल, नागौर में देने से आनाकानी कर रहा है डिस्कॉम
-उपभोक्ताओं ने कहा, जयपुर में यह व्यवस्था लागू है तो फिर नागौर में क्यों नहीं...!
नागौर. तकरीबन तीन साल पूर्व प्रतिमाह उपभोक्ताओं को बिजली बिल देने का वायदा डिस्कॉम भूल गया। तीन साल के बाद भी जिले के उपभोक्ताओं को हर दो माह में ही बिजली का बिल मिल रहा है। उपभोक्ताओं का मानना है कि प्रतिमाह बिजली का बिल मिलने से उनको एकमुश्त भारी-भरकम राशि देने से राहत मिल सकती है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में डिस्कॉम के तत्कालीन प्रबन्ध निदेशक की ओर से भी जल्द ही जयपुर की तर्ज पर प्रतिमाह बिजली का बिल उपलब्ध कराने की व्यवस्था के लिए आश्वस्त किया गया था। इसके बाद भी जिले के उपभोक्ताओं को अब तक प्रति माह बिजली का बिल जाने की व्यवस्था शुरू नहीं की जा सकी है। इस संबंध में डिस्कॉम के अधिकारियों से बातचीत हुई तो उनका कहना है कि इस तरह के नीतिगत निर्णय उच्च स्तर पर होते हैं। मुख्यालय से दिशा-निर्देश प्रतिमाह बिल देने के मिलते हैं तो फिर इसे शुरू कर दिया जाएगा।
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डिस्कॉम की ओर से तीन साल बाद भी उपभोक्ताओं को हर माह बिजली का बिल नहीं मिलने से स्थिति विकट होने लगी है। जिले में करीब 6 लाख 29 हजार उपभोक्ता हैं। यह ऐसे उपभोक्ता हैं जो बिजली का लगातार इस्तेमाल करने वालों में शामिल हैं। गत 2019 में तत्कालीन प्रबन्ध निदेशक रहे वी. एस. भाटी ने नागौर अधीक्षण अभियंता कार्यालय में प्रति माह बिजली का बिल की व्यवस्था कराने के लिए आश्वस्त किया था।उस दौरान भाटी ने डिस्कॉम के प्रावधानों का हवाला देते हुए बताया था कि इस संबंध में उच्च स्तर से प्रति माह बिजली का बिल दिए जाने के दिशा-निर्देश भी आए हैं। इसके साथ भाटी ने नागौर में अधीक्षण अभियंता को इसके लिए आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश भी दिए थे। बैठक के तीन साल बाद भी यही स्थिति बनी हुई है।
हर माह क्यों नहीं दे रहा डिस्कॉम बिजली का बिल...!
डिस्कॉम के अधिकारियों का कहना है कि सरकार की ओर से नि:शुल्क मिलने वाली यूनिट के बाद ही व्यय होने वाली दर की गणना का जाती है। जबकि उपभोक्ताओं को इस मामले में डिस्कॉम पर बिलकुल भरोसा नहीं है। उनका कहना है कि पचास यूनिट पार होते ही बिजली की दरें बदल जाती है। हर दो माह में आने वाले बिजली बिल की राशि में तो कोई कमी नहीं आई है, जबकि उनको विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि नि:शुल्क योजना के तहत फ्री वाली भी बिजली मिल रही है। फ्री वाली बिजली मिलने के साथ ही पचास यूनिट पार होते ही यदि दर नहीं बदल रही है तो फिर बिजली बिल की राशि ज्यादा क्यों आ रही है। फ्री योजना की बिजली तो मिल रही है, लेकिन इसके साथ ही 50 यूनिट की सीमा पार होते ही परिवर्तित दरों का खेल डिस्कॉम कर रहा है, तभी बिल ज्यादा आ रहे हैं। इस संबंध में नया दरवाजा के रमेश, व्यास कॉलोनी के अशोक से बातचीत हुई तो कहा कि कुल यूनिट की दर जोडऩे पर भी बिल की राशि इससे डेढ़ गुना ज्यादा ही रहती है। जबकि इसमें फ्यूल चार्ज भी जुड़ा रहता है। इससे साफ है कि परिवर्तित दरों का खेल उपभोक्ताओं के साथ खेला जा रहा है। यदि ऐसा नहीं है तो हर माह की जगह प्रति माह बिजली बिल देने में डिस्कॉम आनाकानी क्यों कर रहा है।
पचास यूनिट पार होते ही इस तरह बदल जाती हैं यूनिट दर
उपभोक्ताओं का कहना है कि जब तक डिस्कॉम के पास प्रतिमाह बिल दिए जाने की व्यवस्था नहीं कर दी जाती है। इसे बिल प्रति यूनिट की राशि 50 यूनिट तक निर्धारित प्रति यूनिट की दर से लेनी चाहिए। ज्यादातर उपभोक्ताओं का बिल पहले माह से दूसरे माह में आने के बाद कुल यूनिट का आंकड़ा 50 यूनिट पार कर जाता है। बढ़ी हुई यूनिट का यह आंकड़ा कई बार बार दो से तीन गुना बढ़ जाता है। जबकि 50 यूनिट पार होते ही डिस्कॉम के प्रावधान के अनुसार प्रति यूनिट बिजली की दर 4 रुपए पैतीस पैसे की जगह छह रुपए 50 पैसे हो जाती है। यानी की प्रति यूनिट की दर में एक रुपए 75 पैसे की वृद्धि हो जाती है। इसमें स्थाई शुल्क आदि जोडऩे पर यह आंकड़ा बढ़ जाता है। इस तरह से 151 यूनिट से 300 यूनिट होते ही प्रति यूनिट यह दर सात रुपए 35 पैसे हो जाती है। 301 यूनिट का आंकड़ा पार होते ही यह दर सात रुपए 65 पैसा लिया जाता है। यही आंकड़ा 500 यूनिट पार करते ही प्रति यूनिट बिजली की दर सात रुपए 95 पैसे तक पहुंच जाती है। सारी दर घरेलू है, जबकि अघरेलू की प्रति यूनिट तो इससे भी ज्यादा है। घरेलू उपभोक्ताओं को एक रुपए 75 पैसे से तीन रुपए छह पैसे से ज्यादा की दर प्रति यूनिट के खेल में चुकानी पड़ती है। इसमें स्थाई शुल्क जोड़े जाने पर राशि का यह आंकड़ और बढ़ जाता है। उपभोक्ताओं का कहना है कि यूनिट बढऩे के साथ प्रति यूुनिट दर कैसे बदल जाता है। कुल मिलाकर बाजीगिरी के इस खेल में लाखों की राशि बिना उपभोग के चुकानी पड़ जाती है।
इनका कहना है...
बिजली का बिल फिलहाल प्रतिमाह दिए जाने की व्यवस्था अभी नहीं हो पाई है। इसके लिए पूरा सिस्टम विकसित करना पड़ेगा। फिलहाल दो माह का बिल दिए जाने की व्यवस्था ही कायम रहेगी।
एफ. आर. मीणा, अधीक्षण अभियंता अजमेर डिस्कॉम-नागौर
Published on:
01 Jun 2023 07:04 am
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