नागौर. शहर के निकटवर्ती फागली में मंगलवार को ओमकार सनातन वेद शक्ति पीठ गुरुकुल आश्रम सिद्ध पुनरेश्वर हनुमंत धाम में 108 कुण्डीय यज्ञ शुरू हुआ। सुबह सात सवा 7 बजे शुरू हुआ यज्ञ दोपहर में करीब एक बजे तक चला। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार के साथ श्रद्धालुओं से आहुतियां अर्पित कराई गई। इस दौरान आश्रम परिसर का वातावरण वैदिक मंत्रों के रंग में रंगा रहा। विशेष बात यह रही कि यज्ञ लकड़ी के माध्यम से स्वमी लक्ष्मीनारायण ने अग्नि प्रज्जवलित की। इसी अग्नि से यज्ञ कराया गया। शाम को चार बजे हुई हनुमंत कथा में स्वामी लक्ष्मीनारायणदास ने प्रवचन करते हुए हनुमान के जन्म पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हनुमान शुरू से हुई महाबलशाली थे। ज्ञान का वह भण्डार हैं। बाल्यावस्था में ही सूर्य को निगल लिया था। इस दौरान सुग्रीव से श्रीराम का मिलना एवं सीता खोज प्रसंग की अध्यात्मिक व्याख्या की गई। बाद में समस्या समाधान का दरबार लगा। इसमें श्रद्धालुओं की अर्जी सुनने के साथ उसका समाधान भी बताया गया।