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सदमे में परिवार : शुरू से ही क्लास में टॉपर थी ऋषिका, हादसे में ऑटो के नीचे दब गए सपने

प्रतिदिन की तरह स्कूल जाने के लिए तैयार मासूम बालिका ऋषिका बेहद उत्साहित थी। हमेशा की तरह घर के बाहर उसे लेने के लिए बाल वाहिनी का ऑटो आया। ऋषिका उस वाहन में बैठ गई।

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फोटो पत्रिका नेटवर्क

मेड़ता सिटी (नागौर)। प्रतिदिन की तरह बुधवार सुबह स्कूल जाने के लिए तैयार मासूम बालिका ऋषिका बेहद उत्साहित थी। हमेशा की तरह घर के बाहर उसे लेने के लिए बाल वाहिनी का ऑटो आया। ऋषिका उस वाहन में बैठ गई। यह सोचकर कि स्कूल पहुंचकर पढ़ाई करेगी और दोस्तों के बीच समय बिताएगी, लेकिन कुछ ही देर बाद वहीं बाल वाहिनी उसकी मृत्यु का कारण बन गया। बड़ी लापरवाही ने माता-पिता से उनकी होनहार बेटी छीन ली। गंवारड़ी निवासी 13 वर्षीय ऋषिका अकोदिया कक्षा 7 की छात्रा थी। रोजाना की तरह वह बाल वाहिनी में बैठी, लेकिन रास्ते में बाल वाहिनी पलट गई और उसके नीचे दबने से मासूम की सांसें थम गईं।

ऋषिका ने कक्षा 5 तक गंवारड़ी की राज पब्लिक स्कूल में पढ़ाई की थी। इसके बाद कक्षा 6 से उसने लापोलाई स्थित मां दुर्गा शिक्षण संस्थान में दाखिला लिया। पढ़ाई में शुरू से होनहार ऋषिका हमेशा कक्षा में पहले स्थान पर आती थी। कक्षा 6 में उसने 98 प्रतिशत अंक प्राप्त किए थे। बड़े होकर कुछ बनने के उसके सपने इस दर्दनाक हादसे के साथ ही खत्म हो गए। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। रोते-बिलखते माता-पिता और परिजनों को रिश्तेदार व मोहल्लेवासी ढांढस बंधाने की कोशिश करते रहे। ऋषिका का एक छोटा भाई भी है, जो तीसरी कक्षा में पढ़ता है।

दो महीने पहले खत्म हो गई थी फिटनेस

पुलिस के अनुसार, परिवहन अधिकारी रोहित सिंह सोलंकी भी थाने पहुंचे। उन्होंने दुर्घटनाकारित बाल वाहिनी की जब ऑनलाइन जांच की तो यह सामने आया कि इस बाल वाहिनी की दो महीने जुलाई महीने में ही फिटनेस खत्म हो गई थी। घटना के बाद बाल कल्याण समिति नागौर के अध्यक्ष मनोज सोनी ने क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी अजमेर से बात कर अवैध बाल वाहिनियों पर कार्रवाई की मांग की।

एम्स में भर्ती थी ऋषिका की मां

मृतका के बड़े पिता राजेंद्र अकोदिया ने बताया कि ऋषिका की मां संजू देवी गंठिया बाई की बीमारी के चलते जोधपुर एम्स अस्पताल में भर्ती थी। उनकी देखभाल के लिए ऋषिका के पिता गौतम अकोदिया भी वहीं थे। हादसे की जानकारी माता-पिता को तुरंत नहीं दी गई और शव गांव गंवारड़ी लाया गया। गांव पहुंचने पर यह मंजर देख माता-पिता बेसुध हो गए।

सांसद बेनीवाल व विधायक मेघवाल ने जताई संवेदना

घटना को लेकर सांसद हनुमान बेनीवाल व मेड़ता विधायक लक्ष्मणराम कलरु ने दुख जताया है। सांसद ने तो मुख्यमंत्री से दिवंगत बालिका ऋषिका के परिजनों व घायलों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने व सड़क सुरक्षा के मापदंडों के अनुसार ही स्कूली वाहन चलाने के निर्देश देने का आग्रह किया है।