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दो घंटे में हांफी साइट! समस्या आम, अधिक लोड से सर्वर हुआ जाम

- एमएसपी पर मूंग एवं मूंगफली पंजीयन : सुबह 9 से 11 बजे तक हुआ पंजीयन, फिर घंटों इंतजार के बाद खाली लौटे किसान

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दो घंटे में हांफी साइट!  समस्या आम, अधिक लोड से सर्वर हुआ जाम

मेड़ता सिटी. रजिस्ट्रेशन को लेकर ई-मित्र के बाहर लाइन में लगे काश्तकार।

मेड़ता सिटी समर्थन मूल्य पर मूंग एवं मूंगफली खरीद को लेकर पंजीयन करवाने के पहले दिन अधिक लोड की वजह से 2 घंटे में साइट ने जवाब दे दिया। यह स्थिति तो पहले ही स्पष्ट हो गई जब 9 बजे ई-मित्रों के खुलते ही हर केंद्र पर किसानों की लाइनें लगी दिखी। एक साथ अलग-अलग केंद्रों से रजिस्ट्रेशन को लेकर अधिक लोड पड़ने की वजह से सर्वर जाम हो गया। जिसकी वजह से हर बार की तरह टोकन जनरेट करने में समस्या आई। घंटों तक लाइन में पंजीयन को लेकर इंतजार करने के बाद किसानों को खाली हाथ घर लाैटना पड़ा।
दरअसल, 1 नवंबर से मेड़ता के 4 केंद्रों पर समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीद का कार्य शुरू होने जा रहा है। ऐसे में राजफैड ने 27 अक्टूबर से पंजीयन शुरू करवाया। मेड़ता शहर के ई-मित्र केंद्र पर साइट खुलते ही सुबह 9 बजे से पंजीयन का कार्य शुरू हुआ। लेकिन केवल दो घंटे बाद यानी 11 बजे ई-मित्र संचालकों के समक्ष टोकन जनरेट करने को लेकर समस्या आई। कई बार प्रयास किए जाने के बाद भी टोकन जनरेट होने में दिक्कते हुई। अब यह समस्या आनी ही थी। क्योंकि समर्थन मूल्य पर मूंग-मूंगफली बेचने वाले किसान हजारों है और पंजीयन शुरू होने के पहले ही दिन वो अपना रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए पहुंच जाते हैं। जिसके चलते एक साथ कई ई-मित्र केंद्रों से पंजीयन होने के कारण फिर सर्वर जाम हो गया।
एकबारगी लिमिट पूरी होने का आया मैसेज, फिर चली तो जनरेट नहीं हुए टोकन

ई-मित्र संचालकों ने बताया कि मेड़ता राजफैड केंद्र की एक बार क्षमता फुल होने का मैसेज आ गया। लेकिन फिर कुछ देर बाद साइट पर पंजीयन होने लगा। लेकिन टोकन जनरेट होने में समस्या आने के कारण रजिस्ट्रेशन पूरा नहीं हो सका। साइट पर एक टोकन जनरेट होने से पहले दूसरा टोकन नहीं कटने का मैसेज आने लगा। ऐसे में 12 बजे बाद पंजीयन का कार्य सुस्त पड़ गया। ई-मित्र संचालकों के अनुसार, अब रजिस्ट्रेशन को लेकर आगे की स्थिति शनिवार को साइट खुलने पर ही पता चले सकेगी।

जितने के पंजीयन हुए वो निहाल, बाकी बेहाल
समर्थन मूल्य पर मूंग एवं मूंगफली बेचने को लेकर पंजीयन के लिए जो काश्तकार सबसे पहले पहुंच गया और साइट सही काम करने की दरम्यान जिस किसान ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया वो अब एमएसपी पर जिंस बेच सकेगा। वहीं उन किसानों की संख्या में अधिक रही जो पंजीयन के लिए घंटों लाइन में इंतजार करते रहे लेकिन फिर साइट जाम होने से रजिस्ट्रेशन नहीं करवा सके।
...मंडी में मूंग के भावों का असर!

इस बार कृषि उपज मंडी में काश्तकारों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से अधिक और बराबर भाव मिलने की वजह से किसानों की ओर से मंडी में जिंस बेच दिए जाने का थोड़ा असर पंजीयन के दौरान देखने को मिला। वैसे, शहर से लेकर गांवों के ई-मित्र केंद्रों पर किसानों की भीड़ तो रही लेकिन हर बार से अपेक्षाकृत कम। उल्लेखनीय है कि मंडी में सितंबर माह के दौरान मूंग के भाव एकबारगी 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बिके थे और अब समर्थन मूल्य के सामानंतर बिक रहे हैं।