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फसल उत्पादन एवं तकनीकी कौशल की नवीन जानकारी दी

Nagaur. कृषि विज्ञान केन्द्र में कृषि अधिकारियों-कर्मियों का रिफ्रेशर कोर्स

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Gave new information about crop production and technical skills

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नागौर. कृषि विज्ञान केन्द्र अठियासन में मंगलवार को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन-तिलहन योजनान्तर्गत दो दिवसीय अधिकारी-कर्मी प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्धाटन किया गया। उद्घाटन कृषि विस्तार उपनिदेशक हरीश मेहरा ने किया। कार्यक्रम नोडल अधिकारी श्योपालराम जाट ने बताया कि 21 से 22 तक यह प्रशिक्षण कार्यक्रम चलेगा। इसमें कृषि विस्तार कार्यकर्ताओं को प्रभावी तौर पर फसल उत्पादन तकनीकी की जानकारी देते हुए तकनीकी ज्ञान व कौशल में सतत रूप से वृद्धि करने का काम किया जाएगा। इसमें जिले के 45 से अधिक सहायक कृषि अधिकारी व कृषि पर्यवेक्षक शामिल हैं।। प्रथम दिन वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं केन्द्र के अध्यक्ष गोपीचन्द ने कृषि क्षेत्र मे हो रहे निरंतर बदलाव व नवाचार विषय पर निधि विषय विशेषज्ञ ने कृषि विस्तार के क्षेत्र में कृषि विस्तार कार्यकर्ताओं की महती भूमिका विषय प्रकाश डाला। इसी क्रम में शस्य विशेषज्ञ. हरीराम चौधरी ने शस्य विज्ञान की नवीनतम पद्धतियों व फसलोत्पादन में उनके प्रयोगो एवं लाभों, संयत्र प्रबंधक राजसीड्स नें गोविन्द राम जाखड प्रमाणित बीजोत्पादन, कृषि अधिकारी शंकरराम सियाक ने फसलों में कीट व्याधि प्रबंधन, कृषि अधिकारी ने स्वरूपराम जाखड सहायक जैविक खेती तथा तकनीकी सहायक राजेन्द्रसिंह मेंडतिया व रामकिशोर जीतरवाल ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजनान्तर्गत क्रियान्वित किये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों व उनकी फसलोत्पादन बढानें में उपयोगिता विषय पर व्याख्यान देकर दिया।
किसान ने जीरे का खरीदा बीज, नकली निकल गया...!
निरक्षर व भोलेपन का लाभ उठा किसान को पकड़ाया अवधिपार बीज
नागौर. यदि आप निरक्षर होने के साथ ही भोले हैं तो आपका कोई भी फायदा उठा सकता है। ऐसा एक मामला ग्राम सेनणी के किसान के साथ घटा। किसान हनुमान ने संखवास में व्यापारी के यहां से जीरे का बीज खरीदा, लेकिन वह बीच नकली निकला। पीडि़त किसान हनुमान ने बताया कि उसने उस व्यापारी के यहां से बीज खरीदने के बाद सोलह बीघा एरिया में बुवाई कर डाली, लेकिन 20-25 दिनों के बाद भी अंकुरण नहीं हुआ। इस पर उसने आसपास के किसानों को भी दिखाया, लेकिन बीज अंकुरण न होना किसी के समझ में नहीं आया। इस दौरान बीज का पैकेड देखे जाने पर पता चला कि यह अवधिपार है। इस पर पीडि़त किसान हनुमान संबंधित व्यापारी के पास गया तौर दूसरा बीज देने के लिए कहा, लेकिन उसने मना कर दिया। पीडि़त किसान की माने तो पूरा खेत तैयार करने में उसका लगभग साठ हजार रुपए का व्यय हुआ। बीज भी खराब निकला, और पैसे भी बेकार चले गए। पीडि़त ने इस संबंध में कृषि उपनिदेशक एवं जिला कलक्टर को लिखित में शिकायत देकर यथोचित कार्रवाई करने की मांग की है।