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हिन्दी पुस्तकालय की मनाएंगे स्वर्ण जयंती

डीडवाना. शहर के डीडवाना हिन्दी पुस्तकालय की स्थापना के सौ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में आगामी दिनों में स्वर्ण जयन्ती समारोह मनाया जाएगा।

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Golden Jubilee celebrations of Didwana library

डीडवाना का हिन्दी पुस्तकालय, जिसका स्वर्ण जयंती वर्ष मनाया जाएगा।

तैयारियां प्रारम्भ, ट्रस्ट व समिति ने बुलाई बैठक, कई नेता करेंगे शिरकत
डीडवाना. शहर के डीडवाना हिन्दी पुस्तकालय की स्थापना के सौ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष में आगामी दिनों में स्वर्ण जयन्ती समारोह मनाया जाएगा। डीडवाना हिन्दी पुस्तकालय चल अचल सम्पत्ति ट्रस्ट व पुस्तकालय समिति ने तैयारियां शुरू कर दी है। ट्रस्ट के अध्यक्ष व पूर्व उप मुख्यमंत्री हरिशंकर भाभड़ा ने बताया कि हिन्दी पुस्तकालय को स्थापित हुए 100 वर्ष से अधिक समय हो चुका है। गत सदी में 6 अक्टूबर 1916 को इस पुस्तकालय की स्थापना हुई थी। इसी उपलक्ष में अब पुस्तकालय का स्वर्ण जयंती कार्यक्रम मनाया जाएगा। कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर ट्रस्ट व समिति की बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी जाएंगी। भाभड़ा ने बताया कि स्वर्ण जयंती कार्यक्रम में भारत आश्रम के गोविन्दगिरी महाराज का सानिध्य प्राप्त होगा। क्षेत्रीय विधायक व सानिवि मंत्री यूनुस खान भी मौजूद रहेंगे। इसके अलावा केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह व अनेक राष्ट्रीय तथा प्रदेश स्तरीय नेताओं को भी आमंत्रित किया जाएगा।
ज्ञान की ज्योत जलाने के लिए हुई थी स्थापना
भाभड़ा ने बताया कि इस पुस्तकालय की स्थापना क्षेत्र के लोगों को साहित्य, इतिहास व ज्ञान से अवगत करवाने के उद्देश्य से हुई थी। इस पुस्तकालय में २३ हजार से ज्यादा पुस्तकें मौजूद हैं। यहां सैकड़ों हस्तलिखित दुर्लभ ग्रन्थ व पांडुलिपियां भी हैं। रावण संहिता ग्रंथ समूचे विश्व में केवल चार ही है, जिसकी एक प्रतिलिपि इस पुस्तकालय में मौजूद हैं। कई प्राचीन और दुर्लभ किताबों का भी यहां संग्रह मौजूद हैं। पुस्तकालय में सम्वत् १८२२ में हस्त लिखित रामचरित मानस व सम्वत् १८५१ में हस्तलिखित दयालजी की वाणी जैसे दुर्लभ ग्रन्थ भी मौजूद हैं। इसके अलावा लगभग ५० अन्य दुर्लभ किताबें भी उपलब्ध है। पुस्तकालय समिति के अध्यक्ष ओमप्रकाश मोट ने बताया कि पं. आशाराम पाठक, बद्रीनारायण मोट, रामनारायण जोशी, रामकरण गौड़ व गंगाप्रसाद काकड़ा ने श्याम महाराज मन्दिर में इस पुस्तकालय की स्थापना की थी। इसके बाद मनसुखदास मूंदड़ा व मगनीराम पसारी के आर्थिक सहयोग से स्टेशन रोड़ पर नए भवन का निर्माण किया गया।
हीरक जयंती पर आए थे उपराष्ट्रपति
उन्होंने बताया कि इस पुस्तकालय के ७५ वें वर्ष के मौके पर आयोजित हीरक जयंती समारोह में तत्कालीन उपराष्ट्रपति डॉ. शंकर दयाल शर्मा भी डीडवाना आए थे।