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नागौर

तलाशे जाएंगे एचआईवी संक्रमित, नागौर में इनकी बढ़ोत्तरी की आशंका

एचआईवी वायरस से ग्रसित संभावित लोगों को तलाशा जाएगा। इसके लिए करीब तीन महीने गांव-गांव शिविर आयोजित किए जाएंगे।

नागौरSep 13, 2024 / 09:16 pm

Sandeep Pandey

hiv camp

health department compain

एक्सक्लूसिव

नागौर. एचआईवी वायरस से ग्रसित संभावित लोगों को तलाशा जाएगा। इसके लिए करीब तीन महीने गांव-गांव शिविर आयोजित किए जाएंगे। एचआईवी संक्रमित/पॉजिटिव की बढ़ती संख्या के कारण इसकी शुरुआत की जाएगी।

सूत्रों के अनुसार नागौर (डीडवाना-कुचामन) में एचआईवी संक्रमित बढ़ रहे हैं। बावजूद इसके वो सरकारी आंकड़ों में शामिल नहीं हो पा रहे। ना ही चिकित्सा व्यवस्था से जुड़ पा रहे हैं ना ही सरकार की ओर से मिलने वाले अन्य लाभ से भी वंचित हैं। ऐसे में उनसे और लोगों के संक्रमित होने की आशंका के साथ उनके स्वस्थ रहने की मुश्किल बढ़ रही है। इसे देखते हुए नागौर (डीडवाना-कुचामन) में करीब तीन दर्जन से अधिक शिविर लगाए जाएंगे, जो सितम्बर से नवम्बर तक आयोजित होंगे।
सूत्र बताते हैं कि ऐसे गांव-स्थान चिन्हित किए गए हैं जहां एचआईवी संक्रमित होने की आशंका अधिक है। इनमें खासतौर से बाहर रहने वाले तीज-त्योहार पर कुछ दिनों के लिए घर/वापसी वाले लोगों को ध्यान में रखते हुए स्थान चुने गए हैं। बताया जाता है कि इसके लिए मुख्यालय को प्रस्ताव भेज दिया गया है। इसकी हरी झण्डी मिलते ही शिविर शुरू होंगे। खासतौर से बाहर नौकरी अथवा व्यवसाय करने वालों पर फोकस किया गया है। इसके लिए संबंधित के बारे में आसपास के पीएचसी/सीएचसी से भी जानकारी जुटाई जा रही है।
रेपिड टेस्ट होगा, कुछ देर में लगेगा पता

सूत्रों का कहना है कि एचआईवी संक्रमण को जांचने के लिए संबंधित व्यक्ति का रेपिड टेस्ट होगा। इसकी रिपोर्ट में पंद्रह-बीस मिनट में आ जाएगी कि व्यक्ति एचआईवी संक्रमित है या नहीं। उसके संक्रमित होने के बाद उसका पंजीयन कर लिया जाएगा तथा उसकी दवा व अन्य जरूरी सरकारी सुविधाएं भी प्रारंभ कर दी जाएगी। ऐसा मानना है कि काफी संख्या में लोग में फैल सकता है
ये होता है एचआईवी संक्रमण

एचआईवी वायरस शरीर के संक्रमण और बीमारी से लडऩे की क्षमता को कमजोर करता है। यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई) के अलावा ये संक्रमण रक्त के चढ़ाने संक्रमित व्यक्ति को लगे इंजेक्शन के उपयोग से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इसके अलावा गर्भावस्था, प्रसव या स्तनपान के दौरान मां से इसके बच्चे में भी होने का खतरा देखा जाता रहा है।
यह है अनुमानित संख्या

राजस्थान में वर्तमान में साल 2018 से लेकर दिसम्बर 2023 तक करीब 36 हजार एचआईवी पॉजिटिव सामने आए हैं। इनमें 70 ट्रांसजेंडर्स भी शामिल हैं। करीब चौदह सौ बच्चे और बारह सौ बच्चियां भी इसमे शामिल हैं। भीलवाड़ा, सिरोही, जालौर, पाली, उदयपुर, डूंगरपुर व बांसवाड़ा में पीडितों की संख्या कहीं ज्यादा है।
इनका कहना

नागौर में एचआईवी संक्रमितों की संख्या का पता लगाने के लिए ये िशिवर लगाए जाएंगे। व्यवसाय अथवा नौकरी बाहर करने वालों को भी फोकस किया गया है। करीब तीन दर्जन शिविर लगेंगे।
– विक्रम सिंह राठौड़, परामर्शदाता यौन रोग, जेएलएन अस्पताल, नागौर।

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