
हम तो सीढियों में खड़े थे जहां बमुश्किल एक साथ दो-दो खड़े हो रहे थे। ऐेसे में यदि आनन्दपाल सीधे रिपीट फायर करते हुए सीढियों में आ जाता तो हमारी टीम को नुकसान झेलना पड़ सकता था। गनीमत रही कि उसने अपने गोली लगने के बाद बंदूक को ऑटो मोड पर कर लिया। विद्याप्रकाश ने बताया कि पुलिस टीम ने उसके घर में सीढियों से प्रवेश किया। जहां छत पर लेटकर आनन्दपाल अपनी एके 47 से ताबड़तोड़ फायर किए जा रहा था। टीम चुपके से सीढियों में खड़ी हो गई। दीवार से सटकर खड़ी टीम में आगे खड़े सोहनसिंह ने आनन्दपाल पर गोली चलाई जो उसके हाथ के लगी। इसके बाद आनन्दपाल कमरे में भागा और दूसरी मैग्जीन लेकर आया। कमरे में लाईट जलाते ही नीचे से हरियाणा पुलिस ने कमरे पर फायर किए। तभी आनन्दपाल अपनी एके 47 से ऑटो फायर करते हुए सीढियों की भाग कर आया। लेकिन वहीं खड़े सोहनसिंह ने फिर गोली मारी जो आनन्दपाल के सिर में लग गई। जिससे वह धराशायी हो गया। इसके बाद उसके सीने पर गोली लगी।
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पत्रिका- आनन्दपाल के परिजन एनकाउंटर को झूठा बताकर सीबीआई जांच की मांग कर रहे है क्या जांच होनी चाहिए?
विद्याप्रकाश- एनकाउंटर बिल्कुल सही किया गया था। आनन्दपाल को बार-बार चेतावनी देने के बाद भी वह ताबड़तोड़ फायर कर रहा था। सीबीआई जांच का मामला सरकार से जुड़ा है।
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पत्रिका- परिजन कह रहे है कि वह छत से कई पुलिसकर्मियों को मार सकता था लेकिन किसी की मौत नहीं हुई और आनन्दपाल मारा गया?
विद्याप्रकाश- हमारे दो जवानों के गोली लगी है। यदि बुलेटपु्रफ जैकेट नहीं होता तो शायद हमारे जवान की भी मौत हो जाती।
पत्रिका- कैसे आपको विक्की और गट्टू का सुराग लगते ही आप आनन्दपाल के ठिकाने पर पहुंच गए?
विद्याप्रकाश- विक्की और गट्टू से प्राथमिक पूछताछ में ही उन्होंने आनन्दपाल के बारे में बता दिया था। जिस पर तत्काल ही एक्शन लेकर मालासर पहुंच गए। जहां आनन्दपाल का एनकाउंटर हुआ।
अब इनकी तलाश जारी-
विद्याप्रकाश ने बताया कि आनन्दपाल के एनकाउंटर के साथ ही उसकी गैंग भी अब खत्म हो गई है। उसके दोनों भाई विक्की व गट्टी गिरफ्तार हो गए है। ऐसे में अब केवल आनन्दपाल का ड्राइवर रह चुका मौलासर थानान्तर्गत ग्राम निमोद निवासी बलवीरसिंह दरोगा व सीकर सदर के कंवरपुरा निवासी तेजपाल शेखावत शेष रह गए है। जिन्हें भी अब शीघ्र ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। गौरतलब है कि आनन्दपाल की ओर से की गई अधिकांश वारदातों में बलवीरसिंह उसका सहयोगी रहा है तथा तेजपाल परबतसर शिक्षक हत्याकांड सहित अन्य मामलों में आरोपित है। तेजपाल पर पचास हजार का एवं बलवीरसिंह पर एक लाख रुपए का ईनाम भी है।
Published on:
27 Jun 2017 11:33 am
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