
पुलिस लाइन में आयोजित संपर्क सभा में सुनी समस्या, बताया आदर्श थानों का कंसेप्ट
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पुलिस में जाओगे, पैदा होते ही पता था क्या?संपर्क सभा में थानाराम पुलिसकर्मी ने समस्या उठाते समय पहले अपना नाम बताया तो एडीजी ने पूछ ही लिया कि पैदा होते ही घर वालों को पता था क्या कि पुलिस में नौकरी करोगा, तब ही तुम्हारा नाम थानाराम रख दिया। इस पर एसपी जोशी, एएसपी राजेश मीना, सीओ विनोद कुमार सीपा, विजय सांखला, रामेश्वरलाल आदि खिलखिला उठे।
गाड़ी की गाथा ज्यादा
कोतवाली सीआई बृजेंद्र सिंह ने एडीजी को थानों में वाहनों की जरुरत बताते हुए कहा कि दो-दो वाहन तो होने चाहिए, कई बार मुश्किल हो जाती है। वारदात पर पहुंचने में काफी समय लग जाता है। इस पर विनीता ने कहा कि प्रयास तो कर रहे हैं, पर अभी संभव नहीं है। सरकार के पास इतना बजट नहीं है। इंस्पेक्टर रोशनलाल, कुचेरा के थाना प्रभारी राजपाल ने भी समस्या उठाई। मूण्डवा सीओ विजय सांखला ने कॉल डिटेल जैसी अन्य सुविधा के लिए प्राइवेट सॉफ्टवेयर की जरुरत बताई। इसी तरह एक महिला पुलिसकर्मी ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए जगह, एक पुलिसकर्मी ने बैरक/क्वार्टर, एक ने क्वार्टर के लिए पर्सनल बिजली कनेक्शन की बाध्यता पर सवाल उठाया। किसी ने लग्जरी बस सुविधा, मैस/वर्दी भत्ता तो किसी ने रेल में रिजर्वेशन वरीयता का मुद्दा उठाया।
दूर होगी यह परेशानी
पुलिस लाइन मैस में लांगरी बढ़ाने की बात पर एडीजी ने कहा कि पूरे राज्य में करीब साढ़े तीन सौ चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का प्रस्ताव भेजा गया है। इस बारे में वित्त सचिव से मिल भी चुकी हैं। जल्द ही यह परेशानी दूर हो जाएगी।
मैस में किया भोजन
एडीजी मैस गईं, यहां भोजन कर रहे पुलिसकर्मियों से इसकी गुणवत्ता व स्वाद के बारे में पूछा। प्रवेश पर जिम्मेदार से पूछा तो उसका जवाब था कि यहां खाना भी बढिय़ा है और हथाई भी हो जाती है। बाद में एडीजी और एसपी ने साथ बैठकर भोजन किया और उसकी तारीफ की।
पग-पग का निरीक्षण
एडीजी को सोमवार सुबह पुलिस लाइन में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। एसपी राममूर्ति जोशी व अन्य अधिकारियों के साथ विनीता ने पुलिस लाइन में कैंटीन से लेकर डिस्पेंसरी, मैस से लेकर स्टोर रूम तक निरीक्षण किया तो एसपी कार्यालय में एएसपी-सीओ के अलावा फोर्स, मानव तस्करी यूनिट सहित सभी शाखाओं में एडीजी ने इंसपेक्शन किया। जहां-जहां खामियां दिखीं, उसके सुधार के संबंध में अधिकारियों को निर्देश दिए।
क्राइम मीटिंग
एडीजी ने जिलेभर के एएसपी व डिप्टी की क्राइम मीटिंग ली। एसपी के साथ उन्होंने कहा कि मुख्यालय से एनडीपीएस, मिलाप समेत जो विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं, उन पर ध्यान दें। बकाया मामलों का निस्तारण करें। वाहनों के सत्यापन पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि जनता की मुश्किलें दूर हों और फरार आरोपी को तुरंत गिरफ्तार किया जाए। एएसपी राजेश मीना, एएसपी ताराचंद, कुचामन एएसपी गणेशराम, डीडवाना एएसपी विमल नेहरा, सीओ रामेश्वरलाल, विनोद कुमार सीपा, विजय सांखला समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।
आज डीडवाना जाएंगी
एडीजी मंगलवार की सुबह डीडवाना जाएंगी। यहां डीडवाना थाना, सीओ कार्यालय आदि का निरीक्षण करेंगी।
कोर्ट जाना उनका अधिकार: विनीता
-नियमों के तहत मांगों का निराकरण हमारी प्राथमिकता
-गैलेन्ट्री अवार्ड के प्रस्ताव ज्यादा, लंबित मामले दिखवाएंगे
-पत्रकारों से बातचीत में कहा, विचाराधीन मामले को जल्द से जल्द निपटाने का प्रयास
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
नागौर. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) विनीता ठाकुर ने कहा कि अपराध बढ़ रहे हैं और जाब्ता कम, ऐसे में पुलिसकर्मियों को वीकली ऑफ मिल पाना संभव नहीं है। फिलहाल इस पर कोई विचार भी नहीं किया जा रहा।
सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में विनीता ठाकुर ने कहा कि साइबर क्राइम बढ़ रहा है। जिला स्तर पर इसके थाने खोले जाएंगे, इसके लिए ट्रेनिंग दी जाएगी। अभी भी पुलिस मुख्यालय इसको लेकर सजग है, एसओजी इसकी मॉनिटरिंग कर रही है। बड़े पुलिस अधिकारी इसको लेकर गाइड करें। नागौर जिले में लंबे समय से पदोन्नति और भर्ती की समस्या है, इस सवाल पर एडीजी ने कहा कि भर्तियां निरंतर जारी है। वर्ष 2018 में भर्ती हुई, अगली भर्ती भी शीघ्र होगी, इसके लिए विज्ञप्ति जारी कर दी गई है। पदोन्नति का मामला थोड़ा अटका हुआ है, कुछ पुलिसकर्मियों ने रिट दायर कर रखी थी। इसको लेकर कोशिश कर जल्द फैसला कराने की चेष्टा रहेगी। पुलिस मुख्यालय की अपील के पक्ष के सवाल को उन्होंने टाल दिया। महकमे के फैसले से असंतुष्ट होकर पुलिसकर्मी क्यों अदालत में चले जाते हैं, इस सवाल पर विनीता ठाकुर ने कहा कि अदालत जाना उनका अधिकार है। ऐसे मामलों में पहले वे विभाग के अधिकारियों के पास जाएं , ताकि नियमों के तहत उनकी मांग का निराकरण कर सकें। हमारी तरफ से ऐसा प्रयास सदैव बना रहता है, लेकिन नियम के बाहर यह संभव नहीं होता। नागौर के कई पुलिसकर्मियों के गैलेन्ट्री अवार्ड लंबित रहने के सवाल पर विनीता ने कहा कि काफी को दिया है, कौन रह गया, इसको देख लेंगे। वैसे तो जो अवार्ड संबंधी प्रस्ताव आते हैं, वो कमेटी फाइनल करती है। कई बार एक अवार्ड के लिए दस-बारह नाम दे दिए जाते हैं। फिर भी इसको दिखवाते हैं। निरीक्षण के बाद भी समस्या जस की तस रह जाती हैं, तीन साल पहले भी पुलिस लाइन की डिस्पेंसरी में डॉक्टर नहीं था, अब भी नहीं है? इस पर उन्होंने कहा कि समस्या के निराकरण में कई बार कुछ अड़चन आ जाती है, कई बार फॉलो नहीं हो पाती।
पुलिस लाइन और एसपी कार्यालय के निरीक्षण पर उन्होंने कहा कि लगभग सब सही मिला, कुछ खामियां सुधारने के निर्देश दिए गए। सुविधा के साथ पुलिसकर्मियों की हर समस्या पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। पुलिसकर्मियों की संख्या कम है, कोशिश रहेगी कि इसे व्यवस्थित किया जाए। इस मौके पर एसपी राममूर्ति जोशी, नागौर एएसपी राजेश मीना, डीडवाना एएसपी विमल नेहरा आदि भी उपस्थित थे।
Published on:
15 Mar 2022 10:18 pm
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