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खाली नाकों पर से धड़ल्ले से गुजरती रही अवैध बजरी से लदे वाहन…!

Nagaur. जिले में अवैध बजरी खनन को प्रशासन की मिलिभगत की शहनाके लगाने के बाद भी मंगलवार एवं बुधवार की पड़ताल में अवैध बजरी से लदी गाडिय़ां धड़ल्ले से गुजरती मिली

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Illegal gravel-laden vehicles kept passing through empty blocks...

Illegal gravel-laden vehicles kept passing through empty blocks...

नागौर. प्रदेश में अवैध बजरी खनन को रोकने के लिए खनिज विभाग ने एलओआई होल्डर के सहयोग से नाके खोलने के आदेश छह जुलाई को किए थे। इसके तहत जिले में भी विभिन्न स्थानों पर नाके लगाए गए। इसके लगाए जाने के बाद खनिज विभाग के अधिकारियों—कर्मचारियों की लापरवाही या कचित रूप से मिलीभगत के चलते नाकों के सामने से रोजाना सैंकड़ों की संख्या में अवैध बजरी से भरे वाहन निकल रहे है। कारण सिर्फ इतना सा है कि खनिज विभाग की ओर से अभी भी इन नाकों पर कर्मचारियों और बॉर्डर होमगार्ड की नियुक्ति नहीं की गई है। इसकी राजस्थान पत्रिका की ओर से पड़ताल की गई तो चौंकाने वाले नजारे सामने आए। इस संबंध में विभागीय अधिकारियों ने कर्मचारियों के अस्वस्थ होने के चलते कार्य प्रभावित होने की बात तो मानी, लेकिन इनका कहना है कि अवैध बजरी खनन से जुड़े सभी मामलों पर विभाग की ओर से हरसंभव कार्रवाई किए जाने का काम किया जा रहा है। विभागीय अधिकारियों के दावों के बाद भी हकीकत स्थिति बेहद ही विकट पाई गई।
आंखों देखा हाल
एक भी कर्मचारी नाके पर नहीं मिला
राजस्थान पत्रिका की टीम गोटन क्षेत्र के आलनियावास नाके पर पहुंची तो एक भी कर्मचारी या बॉर्डर होमगार्ड नहीं नजर आया। पूरा नाका सन्नाटे में डूबा हुआ था। अवैध रूप से बजरी से भरे वाहन इन सन्नाटों की शांति को को भंग करते नजर आए। सडक़ों के एक ओर इन वाहनों की लंबी लाइन चली जा रही थी, लेकिन इनकी जांच करने वाला कोई कर्मचारी नजर नहीं आया।
बैठै तो मिले, लेकिन किसी ने रोका नहीं
पत्रिका टीम झिटिंया नाके पर पहुंची तो यहां पर केवल केवल तीन जवान बैठे है। इनके सामने से अवैध रूप से खुदी बजरे से भरे वाहन निकल रहे थे। इनमें से एक ने भी वाहन को नहीं रोका। यहां पर तैनात किया गया फोरमैन भी गायब नजर आया। इसका फायदा उठाकर महज 20 मिनट मेेंं करीब दर्जन से अधिक बजरी से भरी गाडिय़ां निकल गई। ऐसे में अवैध माफियाओं के हौंसले बुलंद होने लगे हैं।
कर्मचारी ही बीमार, नाके से रोजाना के लाखों की राजस्व हानि
विभागीय जानकारी के अनुसार गोटन एमई कार्यालय में तैनात दो कर्मी वर्तमान में मेडिकल पर गए हैं। इसके चलते दोनों ही नाकों में पिछले कुछ दिनों से कार्रवाईयों की स्थिति औसत भी नहीं रह गई है। इसके चलते विभाग को प्रतिदिन लाखों के राजस्व की हानि उठानी पड़ रही है।
आंखें बंद कर बैठा है परिवहन विभाग
नागौर की सडक़ों पर रोजना सैकड़ों डम्पर और ट्रक बिना नंबर प्लेट के अवैध रूप से दौड़ते नजर आते है,लेकिन परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को ये नजर नहीं आते है। कार्रवाइयों के नाम पर केवल खानापूर्ति कर दी जाती है। यही वजह है कि की नदी और खनन क्षेत्र से मुख्य सडक़ों के हाल बेहाल है। यहीं,नहीं इन अवैध रूप से लदे ओवरलोडेड वाहनों की जांच में शिथिलता बरतने के कारण स्थिति विकट होने लगी है।
देर रात तक खनन,लेकिन प्रशासन लापरवाह
स्थानीय निवासियों एवं सूत्रों की की माने तो अवैध का खेल शाम चार बजे के शुरू होता है जो अल सुबह तक जारी रहता है। ग्रामीणों के अनुसार स्थानीय प्रशासन को कई बार सूचना देने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है। यहीं नहीं कई बार पुलिस या खनन विभाग मौके पर आता है,तो बजरी माफियाओं को पहले ही इसकी सूचना मिल जाती है और नदी क्षेत्र से सब बाहर आ जाते है।
जबूत नेटवर्क,बजरी माफिया हावी,हिंसा पर आमदा
अवैध कारोबार का नेटवर्क मजबूत है। पुलिस,खनिज विभाग व राजस्व महकम में सरकारी मुखबिर से भी इनकार नहीं किया जा सकता। प्रशासन अवैध बजरी खनन स्थल पर रवाना होता है,उससे पहले ही माफिया को पता चल जाता है। इसके लिए बकायदा वॉट्सअप ग्रुप का संचालन किया जाता है। यहीं नहीं शिकायतकर्ता से मारपीट करने से भी ये माफिया नहीं कतराते।
इनका कहना है...
नाकों पर दो कर्मियों को लगाया था। दोनों मेडिकल पर गए हैं। उनका स्वास्थ्य सही नहीं है। कर्मचारियों के आते ही तुरन्त प्रभाव से उनको नाकों पर लगा दिया जाएगा।
जयप्रकाश गोदारा, एमई गोटन खनिज विभाग नागौर