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नवाचार : अब सरकारी स्कूलों के बच्चों की होगी ऑनलाइन हाजरी, जानिए, क्यों की यह व्यवस्था

प्रार्थना सभा में विद्यार्थियों की ऐप से ली जाएगी हाजरी, शिक्षा विभाग ने जारी किए आदेश, सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों का नामांकन एवं ठहराव सुनिश्चित करने के साथ लगातार अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों का डाटा उजागर करने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है

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6 employees sacked in MP for fake attendance

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नागौर. प्रदेश के सरकारी विद्यालयों में अब विद्यार्थियों की ऑनलाइन हाजरी होगी। सरकारी विद्यालयों में विद्यार्थियों का नामांकन एवं ठहराव सुनिश्चित करने के साथ लगातार अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थियों का डाटा उजागर करने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है। माध्यमिक शिक्ष निदेशक सीताराम जाट ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। इससे फर्जी उपस्थिति पर भी अंकुश लग सकेगा। इस योजना से नागौर व डीडवाना-कुचामन जिलों के प्रारंभिक व माध्यमिक शिक्षा के कुल 2998 सरकारी विद्यालयों में पढऩे वाले 3.13 लाख बच्चों की हाजरी ऑनलाइन होगी।

ऑनलाइन उपस्थिति होगी अनिवार्य

सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की उपस्थिति को लेकर शिकायतें सामने आ रही थी। इसे ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में मुख्यमंत्री शिक्षित राजस्थान अभियान के तहत ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य करने का आदेश जारी किया है। इस आदेश के बाद विद्यालयों में शिक्षकों को अपने मोबाइल पर यह ऐप डाउनलोड करने को कहा है। जिससे उपस्थित छात्रों की ऑनलाइन हाजरी दर्ज की जा सके। साथ ही अनुपस्थित छात्रों की भी पहचान की जाएगी। इस ऐप में विद्यार्थियों के तीन विकल्प दिए गए हैं। जिसमें बीमारी, स्वीकृत छुट्टी या बिना बताए अनुपस्थित होना शामिल है। यानी ऐप से केवल अनुपस्थित विद्यार्थियों को चिह्नित करना होगा। इससे विद्यार्थियों की तिथिवार उपस्थिति का अंकन सीधे ही शाला दर्पण पोर्ट पर उपस्थिति मॉड्यूल में किया जा सकेगा। समन्वित होने के बाद यह डेटा विद्यालय लॉगिन सहित ब्लॉक, जिला एवं राज्य स्तर के कार्यालयों के लॉगिन पर सहज उपलब्ध होगा।

शिक्ष विभाग ने संस्था प्रधानों को दी जिम्मेदारी

शिक्षा विभाग ने संस्था प्रधानों को इसकी जिम्मेदारी दी है। वे सभी स्टाफ के मोबाइल में ऐप डाउनलोड करवाकर इंस्टॉल करवाएंगे और रोजाना विद्यार्थियों की उपस्थिति भी दर्ज करवाना सुनिश्चित करेंगे। संस्था प्रधान का यह भी कर्तव्य रहेगा कि वह शाला दर्पण पोर्टल पर हर कक्षा अध्यापक की मैपिंग सुनिश्चित करेंगे। कक्षा अध्यापक के अनुपस्थित रहने पर संबंधित कक्षा के विद्यार्थियों की उपस्थिति संस्था प्रधान के लॉगिन से उपलब्ध मॉड्यूल में दर्ज की जाएगी।

मॉडल व महात्मा गांधी में पहले से व्यवस्था

विभागीय आदेश के मुताबिक इससे पहले इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पहले और दूसरे चरण के 134 स्वामी विवेकानंद मॉडल स्कूलों और 205 महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में शुरू किया गया था। उचित परिणाम मिलने के बाद इसे अब सभी सरकारी विद्यालयों में लागू किया जा रहा है।

प्रार्थना सभा में लेंगे ऑनलाइन हाजरी

अब प्रार्थना सभा के दौरान ऐप से विद्यार्थियों की उपस्थिति ली जाएगी। जिसे शाला दर्पण पोर्टल पर फीड किया जाएगा। आदेश की पालना में संस्था प्रधानों को विद्यार्थियों की हाजरी ऑनलाइन करने के निर्देश दिए गए हैं। वर्तमान में दोनों जिलों के 2998 विद्यालयों में कुल 3.13 लाख विद्यार्थियों का नामांकन हैं।

- अर्जुनराम जाजड़ा, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक, नागौर