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VIDEO…जनता बोली: नेताओं ने नागौर को मूलभूत सुविधाओं से वंचितों की कतार में सबसे आगे खड़ा कर दिया है

Nagaur. विकास के विभिन्न मुद्दों को लेकर हुई बातचीत में बिफरा शहर बोला आज भी टूटी सडक़ों के साथ मूलभूत सुविधाओं को पाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं

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Nagaur. The overbridge under construction for the last five years is still under construction

नागौर. शहर के विकास लेकर विभिन्न मुद्दों पर आमजन से बातचीत हुई तो लोगों का कहना है कि विकास की स्थिति तो यह है कि सुविधाओं के आधार स्तंभ माने वाले सडक़, बिजली, सफाई एवं चिकित्सा सुविधा के क्षेत्र में नागौर की तुलना अब कस्बाई माने जाने वाले शहरों में होने लगी है। कभी पंचायतीराज का बिगुल बजाने वाला हमारा नागौर तो नागरिक सुविधाओं के मामले में अपने पड़ोंसी जिलों में अजमेर एवं जोधपुर आदि से अभी भी काफी पीछे चल रहा है। यहां पर न तो अच्छी सडक़ें हैं, और न ही बेहतर आवागमन की सुविधाएं। चिकित्सा के क्षेत्र में भी शहर की स्थिति औसत दर्जे की होकर रह गई है। सत्ता के साथ हो या फिर सत्ता के विपक्ष से जुड़े नेता, इनकी स्थिति यह है कि वह पिछले पांच साल में बीकानेर रोड एवं मानासर चौराहे पर एक निर्माणाधीन ओवरब्रिज तक का काम पूरा नहीं करा पाए। नेताओं ने केवल छलने का काम किया है। अब इसी से आप अंदाजा लगा लीजिये कि शहर का विकास हुआ है या फिर...!

मानासर चौराहा शहर के प्रमुख चौराहों में से एक है, लेकिन पिछले पांच साल से यहां पर अभी ओवरब्रिज का काम ही पूरा नहीं हुआ। दिन भर मिट्टी उड़ती रहती है। यही है विकास की स्थिति। यहां के नेताओं ने विकास के नाम पर केवल जनता को छलने का काम किया है।
कानाराम कच्छावा, मानासर चौराहा
शहर में विकास के नाम पर टूटी सडक़ें हैं, और सुविधाओं से वंचित अविकसित कॉलोनियां। हाउसिंग बोर्ड या फिर नया दरवाजा अथवा कोई अन्य क्षेत्र, सभी जगहों पर मूलभूत सुविधाओं से वंचित लोगों की कतारें मिल जाएंगी।
रेखाराम जाखड़, हाउसिंग बोर्ड
बेहद अफसोस होता है कि नागौर से राज्य सरकार को करोड़ों नहीं, बल्कि अरबों का टैक्स राजस्व के रूप में मिलता है। इसके बाद भी आज हालात यह हैं कि शहर के किसी भी क्षेत्र में चलने के लिए एक बेहतर सडक़ तक नहीं है।
संजय पींचा, बांठिया की पोल
शहर में शिक्षा हो या फिर चिकित्सा व्यवस्था, दोनों ही क्षेत्र में नागौर अपने सीमावर्ती जिलों से काफी पीछे है। उच्च शिक्षा में बेहतर विकल्प के लिए लोगों को कोटा, जोधपुर या जयपुर जाना पड़ता है। यही स्थिति चिकित्सा व्यवस्था की है।
विवेक बोहरा, काली पोल
विकास के नाम पर नागौर के साथ केवल छलावा हुआ है। शहरी क्षेत्र में कई जगह तो ऐसी भी है, जहां आज तक न तो सडक़ें बनी, और न ही पानी की सुविधा मिल पाई। विकास की स्थिति यह है कि हम अभी तक मूलभूत सुविधाओं से ही जूझ रहे हैं।
पूनमचंद वैद्य, मेड़तावाड़ी
शहर ने कहा कि इसका भी हो समाधान: यह समस्याएं प्रमुख रूप से आई सामने....
1. शहर के बीकानेर रोड, मानासर चौराहा स्थित निर्माणाधीन पूल
2. मूण्डवा चौराहा से बस स्टैंड स्टैंड मार्ग की बिगड़ी स्थिति
3. सुगनसिंह सर्किल से बीकानेर रोड एवं पुराना हॉस्पिटल रोड की बिगड़ी स्थिति
4. नया दरवाजा हनुमान मंदिर के बगल से गुजरे मार्ग पर आज तक नहीं बनी पक्की सडक़ें
5.मानासर चौराहा से मूण्डवा चौराहा जाने वाले मार्ग की बिगड़ी स्थिति
6. गांधी चौक से तिगरी बाजार, बरर्तन बाजार, दिल्ली दरवाजा बाजार क्षेत्र के सडक़ों की बिगड़ी स्थिति
7. मेट्रोपोलिटिन सिटी की तर्ज पर मल्टीस्पेशियलिटी हॉस्पिटल की सुविधा का अभाव।
8. शिक्षा के नाम पर वैज्ञानिक एवं व्यवस्थित शिक्षण व्यवस्था के अभाव के साथ ही उच्च शिक्षा के लिए विभिन्न मल्टीपरपस विषयों के संस्थानों का न होना।