
Lord Shri Ram is seated here with a bow in his hand and an arrow held on a string
हाथ में धनुष, प्रत्यंचा पर संधारित बाण की मुद्रा में विराजित हैं यहां भगवान श्रीराम
-शहर के हाथी चौक स्थित श्रीराम मंदिर में लक्ष्मण व सीता सहित विराजमान भगवान की प्रतिमा भक्ति रस का कर रही संचार
-श्रीराम जन्म भूमि मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के उपलक्ष्य में मंदिर में चल रहा भगवान श्रीराम का जाप
नागौर. शहर के हाथी चौक स्थित श्रीराम मंदिर में भगवान श्रीराम की लक्ष्मण एवं सीता के साथ अद्भुद प्रतिमा है। यहां मंदिर में विराजित श्रीराम की प्रतिमा धनुष की प्रत्यंचा पर वाण का संधान करने की मुद्रा है। ऐसी प्रतिमा अन्यत्र देखने को नहीं मिलती है। बगल में विराजमान लक्ष्मण भी इसी मुद्रा में हैं। दोनों हाथों में ढाल भी है। मंदिर के पुजारी विनोद कुमार वैष्णव का कहना है कि है कि इसकी स्थापना कब, किस सन या संवत में हुई है कि जानकारी तो पूरी तरह से नहीं है। फिर भी यह जरूर है कि जब नागौर में राजदरबार लगता था। उसी समय से यहां पर मंदिर में पूजा-अर्चना करने का क्रम लगातार चल रहा है।
रावण दहन के समय ही निकलते हैं भगवान श्रीराम
बताते हैं कि भगवान श्रीराम की सवारी वर्ष में केवल बार दशहरा पर रावण दहन के दौरान ही निकलती है। भगवान जिस रथ पर सवार होकर निकलते हैं। यह भी काफी पुराना है। रास्ते में जड़ा तालाब के पास बालाजी मंदिर में पूजन के पश्चात ही रावण दहन के लिए भगवान की सवारी आगे जाती है। पुजारी विनोद वैष्णव कहते हैं कि पहले भगवान की सवारी यानि की रथ को खींचते हुए दहन स्थल तक ले जाया जाता था, लेकिन दहन स्थल स्टेडियम हो गया। इसलिए भगवान का रथ ट्रेक्टर के माध्यम से ले जाया जाता है। दहन कार्यक्रम के पश्चात भगवान को वापस मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विराजित कराया जाता है। बरसों से यही परंपरा चल रही है।
Published on:
24 Jan 2024 09:20 pm
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