
राधेश्याम शर्मा/मेड़ता सिटी. नागौर जिले में मेडता सिटी के मेगादण्ड गांव में जोगिंदर सिंह जैविक तरीके से नींबू की खेती कर रहे हैं। इससे उन्हें लाखों रुपए की आमदनी होने की उम्मीद है। जोगिंदर सिंह बिल्डिंग निर्माण के ठेकेदार थे। कोरोना लॉकडाउन के दौरान उन्हें नींबू की खेती का विचार आया। लॉकडाउन के बाद विचार को हकीकत में बदलने के लिए उन्होंने 32 बीघा भूमि में 2,150 नींबू के पौधे रोप दिए। ये पौधे अभी ग्रोथ स्टेज पर हैं। साल भर बाद प्रत्येक पौधे से 25 से 30 किलो नींबू मिलेंगे।
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पौधों के बीच उचित दूरी
किसान ने निजी नर्सरी से नींबू के ऑर्गेनिक पौधे खरीदे और अपने दो अलग-अलग खेतों में 3 गुणा 3 का गड्ढा खोदकर इनकी बुवाई की। साथ ही इन पौधों के बीच निर्धारित दूरी रखी। किसान को एक पौधा 40 रुपए का मिला। किसान ने नीम से बने पदार्थो से तैयार स्प्रे और खाद का इस्तेमाल किया। पौधों को लगाए हुए करीब ढाई साल हो गया है । इसमें से 50 प्रतिशत पौधों पर फ ूल आना शुरू हो गए हैं।
इनका कहना है
पौधों को नींबू देने में करीब 4 साल लगते हैं। लेकिन इसमें एक साल बाद ही पौधों पर नींबू लगने लगेंगे।
- सीताराम रियाड, (सहायक कृषि अधिकारी ,उद्यान)
Published on:
13 Apr 2023 10:43 am
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