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सभी जिंसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य हो घोषित

-किसानों के ८७ करोड़ का अनुदान मिले शीघ्र-किसान सभा ने निकाला शहर में जुलूस, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी -उपखण्ड कार्यालय पर किया प्रदर्शन

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सभी जिंसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य हो घोषित

खींवसर में जुलूस निकालते किसान सभा के पदाधिकारी।

खींवसर (नागौर). राष्ट्रव्यापी किसान आन्दोलन के तहत सोमवार को अखिल भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में किसानों ने प्रदर्शन किया और कस्बे में रैली निकाली । इस दौरान किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम उपखण्ड अधिकारी को ज्ञापन दिया। प्रस्तावित कार्यक्रम को लेकर किसान सभा के पदाधिकारियों ने सुबह ११ बजे बड़ी संख्या में किसानों के साथ जुलूस निकाला। उपखण्ड कार्यालय के सामने पहुंचकर प्रदर्शन किया तथा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
इस दौरान किसानों ने प्रधानमंत्री के नाम दिए ज्ञापन में बताया कि उनकी विभिन्न मांगों पर शीघ्र सुनवाई कर समाधान किया जाए । सभी कृषि जिंसो का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाए। समर्थन मूल्य डॉ. स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट सी२ ५० फार्मूला के आधार पर घोषित किया जाए। किसानों का सम्पूर्ण कर्जा माफ किया जाए। किसान आन्दोलन में शहीद किसानों को आर्थिक पैकेज दिया जाए। किसान आन्दोलन में दर्ज मुकदमे वापस लेने तथा आन्दोलनरत किसानों पर पुलिस के दमन बंद करने की मांग की। उन्होंने कृषि को विश्व व्यापार संगठन के चंगुल से बाहर निकालने तथा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में बीमा कम्पनियों की लूट को तुरन्त रोकने की मांग की। साथ ही लखीमपुर खीरी घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। इस दौरान किसान सभा के अध्यक्ष चुनाराम पालीयाल, उप प्रधान रामसिंह बागडिय़ा, रामपाल भाम्बू, स्वरूपराम पालीयाल, मोटाराम सारण, सीताराम गोदारा सहित बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।

स्थानीय मांगों पर भी जोर

अखिल भारतीय किसान सभा ने इस दौरान स्थानीय समस्याओं का जिला कलक्टर के नाम एक ज्ञापन तहसीलदार महेन्द्र सिंह मुवाल को सौंपा। ज्ञापन में सभा के अध्यक्ष चुनाराम पालीयाल ने बताया कि रबी फसल २०२३ को खींवसर में फसल खराबे का करीब ८७ करोड़ से ज्यादा मुआवजा कृषि आदान अनुदान का अभी तक नहीं मिला है। हालांकि फसल खराबा तो अरबों रुपए का हुआ था, लेकिन सरकार ने राजस्व विभाग से आंकलन कराया व मुआवजा राशि स्वीकृत होने के उपरान्त किसानों को नहीं मिलने से खींवसर तहसील के पूरे गांव प्रभावित क्षेत्र के किसानों में आक्रोश है। उन्होंने तत्काल प्रभाव से किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग की।