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Nagaur patrika…आईसीडीएस में 50 प्रतिशत से ज्यादा पद खाली होने से केन्द्रों जांच में मुश्किल

-सीडीपीओ के 50 प्रतिशत, एसीडीपीओ के 99 प्रतिशत, लेखा संवर्ग के 85 प्रतिशत पद खाली-विभाग में 109 में से 63 पद खाली, केवल 46 अधिकारी-कर्मी संभाल रहे जिलानागौर. जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग में 50 प्रतिशत से ज्यादा जिम्मेदार अधिकारियों एवं महिला पर्यवेक्षकों के पद खाली चल रहे हैं। यह स्थिति गत लगभग […]

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-सीडीपीओ के 50 प्रतिशत, एसीडीपीओ के 99 प्रतिशत, लेखा संवर्ग के 85 प्रतिशत पद खाली
-विभाग में 109 में से 63 पद खाली, केवल 46 अधिकारी-कर्मी संभाल रहे जिला

नागौर. जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग में 50 प्रतिशत से ज्यादा जिम्मेदार अधिकारियों एवं महिला पर्यवेक्षकों के पद खाली चल रहे हैं। यह स्थिति गत लगभग पांच सालो ंसे लगातार बनी हुई है। जिम्मेदारों के पदों के खाली होने के चलते इनका पदभार यानि की कार्यभार दूसरों को वहन करना पड़ रहा है। इसकी वजह से जिले के एक हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्रों जांच आदि से लेकर पोषाहार जांच आदि की स्थितियां प्रभावित हो रही है।
आईसीडीएस में खाली चल रहे पदों ने विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की हालत बिगाडकऱ रख दी है। स्थिति इतनी खराब है कि विभाग के पास एक चालक तक नहीं है। अधिकारियों को बमुश्किल जुगाड़ के सहारे काम करना पड़ रहा है। सीडीपीओ, एसीडीपीओ, लेखा संवर्ग, प्रशासनिक अधिकारी, स.प्रशासनिक अधिकारी, वरिष्ठ सहायक, कनिष्ठ सहायक महिला पर्यवेक्षक, वाहन चालक व सहायक कर्मी आदि के पद खाली चल रहे हैं।
खाली पदों की स्थिति पर नजर
पद नाम सृजित खाली
सीडीपीओ 8 4
एसीडीपीओ 6 5
लेखा संवर्ग 9 4
प्रशासनिक अधि. 1 1
स.प्रशासनिक अधि. 4 1
वरिष्ठ सहायक 4 3
कनिष्ठ सहायक 9 6
महिला पर्यवेक्षक 55 30
वाहन चालक 2 2
सहायक कर्मी 9 7

यह कार्य हो रहे प्रभावित
बाल विकास परियेाजना अधिकारी अपने-अपने सेक्टरों की गतिविधियों की रिपोर्ट जांच कर उच्चाधिकारियों को भेजते हैं। इसके साथ ही केन्द्रों में पोषाहार, बच्चों के स्वास्थ्य, सर्वे की स्थिति, कुपोषित बच्चों की स्थिति, आंगबाड़ी में नामांकित बच्चों की स्थिति, और वास्तविक स्थिति की जांच करने के लिए अक्सर मौके पर पहुंचते हैं। इसी तरह महिला पर्यक्षेक अपने सेक्टर क्षेत्र की जांच करती है। स्थिति यह है कि विभाग में सृजित कुल पदों में सीडीपीओ के 50 प्रतिशत, एसीडीपीओ के 99 प्रतिशत, लेखा संवर्ग के 85 प्रतिशत, प्रशासनिक अधिकारी के 100 प्रतिशत, कनिष्ठ सहायक के 80 फीसदी पद खाली हैं। इन खाली पदों का अतिरिक्त भार दूसरे अधिकारियों एवं कर्मियों को वहन करने से मूल कार्य की गतिविधियां भी प्रभावित होने लगी है।
इनका कहना है…
खाली पदों के होने के बाद भी जिले के आंगनबाड़ी को व्यवस्थित तरीके से संचालित किए जाने के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं। इसकी जानकारी मुख्यालय को भी भेजी जा चुकी है।
दुर्गा सिंह उदावत, उपनिदेशक आईसीडीएस नागौर