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VIDEO…शहर में दो दर्जन से ज्यादा जर्जर मकान डरा रहे

जर्जर मकानों के खण्डहर का दहशत शहर को डरा रहा है। स्थिति यह है कि दो दर्जन से ज्यादा जर्जर मकानों पर उन्हें गिराने का नोटिस लगाकर नगरपरिषद भूल गया।

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Nagaur news

Nagaur. Dilapidated house on the road from Lodha Chowk to Mahi Darwaja.

नागौर. जर्जर मकानों के खण्डहर का दहशत शहर को डरा रहा है। स्थिति यह है कि दो दर्जन से ज्यादा जर्जर मकानों पर उन्हें गिराने का नोटिस लगाकर नगरपरिषद भूल गया। तकरीबनएक साल पहले ऐसे जर्जर मकान मालिकों के नाम नोटिस दी गई थी। इस पर कार्रवाई नहीं की गई, नतीजन मकान मालिक भी लापरवाह हो गए। इसी के चलते गत रविवार की रात्रि ब्रह्मपुरी में एक जर्जर मकान गिर गया था। हालांकि नगरपरिषद की ओर से उसका मलबा हटा दिया गया, लेकिन ऐसे मकानों को लेकर तमाम तरह की आशंकाएं लोगों को हर समय डराती रहती हैं।
शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जर्जर मकानों के खड़े खण्डहर डर का पर्याय बनने लगे हैं। शहर के हीरावाड़ी, गूंगसा गली, सावां गली, आदि सहित अन्य क्षेत्रों में जर्जर मकानों की संख्या करीब 38 बताई जाती है। नगरपरिषद की ओर से लगभग एक साल पहले हॉल ही मानसून के दौरान सर्वे कराकर इन मकानों को चिह्नित करने के साथ ही इन पर नोटिस लगा दी गई थी। नोटिस में यह स्पष्ट कर दिया गया था कि यथासमय इन जर्जर मकानों की मरम्मत करा दी जाए या फिर इनको सुरक्षित रूप से गिरा लें। अन्यथा जनहानि की स्थिति में राजस्थान नगरपालिका अधिनियम 2009 की धारा 243 के तहत कार्रवाई की जाएगी। इस तरह के नोटिस 30 से ज्यादा जर्जर मकानों के गेट या दीवार आदि पर चस्पॉ करा दिए गए थे। नोटिस दिए जाने के बाद भी अब तक भवन मालिकों ने मकान तो नहीं गिराया। गत रविवार को ब्रह्मपुरी में हुई घटना के लगभग आठ से नौ माह पहले भी सदर बाजार की ओर से मुख्य बाजार की ओर जाने वाले रास्ते पर एक जर्जर मकान अचानक ही धराशयी हो गया था।
इन क्षेत्रों में स्थिति ज्यादा खराब
सावा की गली एवं गुँगसा की गली के साथ ही शहर के खाई की गली, लोहियो का चौक एवं लोढ़ा का चौक आदि क्षेत्रों में जर्जरोंं की स्थिति ज्यादा खराब होने के कारण इन क्षेत्रों में जर्जर मकानों के गिरने की आशंका बनी रहती है।
जर्जर मकानों का करा रहे चिह्निकरण
जर्जर भवनों पर नोटिस चस्ॅपा कर भूली नगरपरिषद की बेपरवाही से ऐसे क्षेत्रो में डर के साए में रह रहे लोगों के असंतोष के स्वर मुखर होने लगे हैं। लोगों का कहना है कि परिषद की ओर से समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो फिर कोई हादसा होने पर उसका जिम्मेदार कौन होगा। हालांकि नगरपरिषद के अधिकारियों का कहना है कि उनकी ओर से ऐसे मकानों का चिह्निकरण कराया जा रहा है। चिह्निकरण का काम पूरा होने के बाद आवश्यक कदम उठाया जाएगा।
इनका कहना है...
नगरपरिषद की ओर से जर्जर मकानों का चिह्निकरण कराने का काम किया जा रहा है। यह काम पूरा होने के बाद फिर आवश्यक कदम उठाया जाएगा।
देवीलाल बोचल्लया, आयुक्त नगरपरिषद नागौर