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फर्जी दस्तावेज पर दो दर्जन से अधिक सिम गलत हाथों में पहुंची, जिलेभर के कई रिटेलर संदेह के घेरे में आए फर्जीवाड़ा

-विजय वल्लभ चौराहा स्थित एक रिटेलर के खिलाफ मामला दर्ज, कई शक के घेरे में - अपराधियों को सिम बेचने की आशंका, अधिकांश बदमाश भी फर्जी तरीके से ली गई सिम का करते हैं उपयोग, नियम-कायदे ताक पर

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कूटरचित दस्तावेज

कूटरचित दस्तावेज से एक-दो नहीं दो दर्जन से अधिक सिम जारी करने का मामला सामने आया है। इन सिम को आपराधिक वारदात के काम लेने की आशंका के चलते विजय वल्लभ चौराहा स्थित लक्ष्मी एसीटीडी मोबाइल के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है।

नागौर. कूटरचित दस्तावेज से एक-दो नहीं दो दर्जन से अधिक सिम जारी करने का मामला सामने आया है। इन सिम को आपराधिक वारदात के काम लेने की आशंका के चलते विजय वल्लभ चौराहा स्थित लक्ष्मी एसीटीडी मोबाइल के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा भी ग्राहकों को मोबाइल सिम जारी करने में अधिकांश रिटेलर दूरसंचार विभाग की निर्धारित प्रक्रिया का खुलेआम उल्लंघन कर रहे हैं। बदमाश दूसरों के नाम पर उठाई गई सिम का उपयोग करते हैं।

सूत्रों के अनुसार किसी के दस्तावेज पर सिम जारी करने का खेल खुलेआम जारी है। कई बार अपराधियों के काम में लिए गए मोबाइल की सिम दूसरे राज्य के किसी व्यक्ति के नाम निकली है। नागौर से ही जारी कई सिम बड़े गिरोह के गुर्गों के पास मिली। गैंगस्टर आनंदपाल की फरारी के दौरान पकड़े गए गुर्गों के पास मिली अधिकांश सिम किसी महिला अथवा अन्य के नाम थी। इसके अलावा अपहरण, हत्या ही नहीं लूट समेत अन्य आपराधिक वारदात में पकड़े गए बदमाशों के पास मिली सिम भी किसी अन्य के नाम पाई गई।

सूत्र बताते हैं कि एयरटेल कम्पनी के कुछ सिम कूटरचित दस्तावेज के जरिए जारी होने की सूचना मिलने पर हड़कम्प मच गया। कम्पनी को दूरसंचार विभाग के जरिए कराई गई जांच में मोबाइल कनेक्शन की पहचान से प्रतीत हुआ कि कुछ सिम कूट रचित दस्तावेज के जरिए जारी किए गए हैं। मिलीभगत जानबूझकर की गई। ग्राहकों को भी इसकी जानकारी थी, इससे लगता है कि सिम का दुरुपयोग हुआ अथवा हो सकता है। इसके चलते एक ही नहीं नागौर शहर समेत जिलेभर में कई मोबाइल सिम की दुकान वालों पर शिकंजा कसने वाला है।

यह थी रिपोर्ट

भारती हेक्सॉम लिमिटेड (एयरटेल) के नोडल अधिकारी दीपक सिंह ने इस संबंध में कोतवाली थाने में मामला दर्ज कराया है। इसमें कहा कि उनकी कम्पनी दूरसंचार विभाग की अनुमति से ही ग्राहकों को मोबाइल सेवा प्रदान करती है। इसके लिए डिस्ट्रीब्यूटर/वितरक की ओर से स्थानीय स्तर पर सिम के वितरण एवं अन्य सेवाओं के लिए रिटेलर/पॉइंट ऑफ सेल की नियुक्ति की जाती है। विजय वल्लभ चौराहा स्थित लक्ष्मी एसटीडी मोबाइल में इस संबंध में फर्जीवाड़े की सूचना मिली है। फर्जी दस्तावेज के जरिए 25 सिम इधर-उधर बेची व काम में ली जा रही है। ग्राहकों से मिलीभगत कर यह गड़बड़ी की गई है। इस संबंध में मामला दर्ज कराया गया है। इसमें अन्य ऐसे रिटेलर व पॉइंट ऑफ सेल वालों की भी जांच की बात कही है जो नियमों की अवहेलना कर रहे हैं।

पूरे कुएं में भांग

दूरसंचार विभाग की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि मोबाइल कनेक्शन उसी व्यक्ति को जारी किया जाए जो दुकानदार के समक्ष अपने दस्तावेज के साथ उपस्थित हो। निर्धारित प्रक्रिया पूरी करे। बावजूद इसके ऐसा कुछ हो नहीं रहा। फर्जी दस्तावेज के जरिए सिम उठाई जा रही है। कई बार तो जिसके नाम सिम जारी है वो लापता अथवा जेल में मिला है। असल में सिम अपराधियों के वारदात को अंजाम देने में सहयोग तो करती ही है, उसे पकड़वा भी सकती है। कई अपराधी सिम के चलते ही पकड़ में आए। अधिकांश अपराधियों ने दूसरे के नाम फर्जी तरीके से सिम जारी करवाने का काम शुरू कर दिया।

इनका कहना

मामला दर्ज कर लिया है। किसके दस्तावेज से किसको सिम जारी हुई, सिम का दुरुपयोग तो नहीं हुआ, ऐसी तमाम जानकारियां जुटाई जा रही है। यह सही है कि बदमाश दूसरों के नाम की सिम का उपयोग करते हैं।

-रमेंद्र सिंह हाड़ा, सीआई, कोतवाली, नागौर।